Category: Amrutam Mythology & Indian Culture

  • ब्लड प्रेशर (रक्त चाप) को ठीक करने के लिए कौन-कौन सी वैकल्पिक चिकित्सा (अल्टरनेटिव मेडिसिन) प्रभावी हैं?

    2.9 हज़ार बार देखा गया 9 अपवोट देखें सुनीता कुमारी ने सबमिशन स्वीकार किया1 में से 1 जवाब अपवोट करें 9 1

  • क्या आप लोग बता सकते है बजरंग बली का नाम मारुति क्यों रखा गया था?

    जय-जय-जय हनुमान गुसाईं। कृपा करो गुरुदेव की नाई।। श्री राम भक्त हनुमान 5 भाई थे…. 【१】मतिमान 【२】श्रुतिमान 【३】केतुमान 【४】गतिमान 【५】धृतिमान मन में अमन देने वाले देवता…. स्कन्द पुराण, भविष्य पुराण…..की माने, तो इनका जन्म कार्तिक मास की चतुर्दशी यानि छोटी दीपावली को बताया गया है। इनका जन्म नक्षत्र चित्रा ओर स्वाति, मेष लग्न दिन मंगलवार…

  • महर्षि दधीचि कौन थे?

    9.3 हज़ार बार देखा गया 13 अपवोट देखें 4 शेयर देखे गए3 में से 1 जवाब अपवोट करें 13 1 4

  • क्या शिलाजीत अकेले खाने से सेक्स पावर बढ़ाया जा सकता है। जाने बहुत कम की बात केवल पुरुषों के लिए…

    क्या शिलाजीत अकेले खाने से सेक्स पावर बढ़ाया जा सकता है। जाने बहुत कम की बात केवल पुरुषों के लिए…

    अकेले शिलाजीत से नहीं होगी जीत… शिलाजीत अकेले लेना से कोई खास लाभ नहीं होगा। इसके साथ कुछ विशेष ओषधियाँ के नियमित सेवन से पुरुषों के अनेक गुप्त रोग, शिथिलता, ढ़ीलापन आदि यौन समस्यायों से स्थाई रूप से मुक्ति पा सकते हैं। अधिकांश पुरुषों व कम उम्र की युवा पीढ़ी में जवानी के आने के पहले ही लिंग में…

  • वेद-पुराणों में बताया है-विवाह में अग्नि के सात फेरे और सप्त धातुओं को ऊर्जावान बनाने वाले सात वचनों का रहस्य

    वेद-पुराणों में बताया है-विवाह में अग्नि के सात फेरे और सप्त धातुओं को ऊर्जावान बनाने वाले सात वचनों का रहस्य

    भोग लगे या रूखे-सूखे,  शिव,तो हैं-श्रद्धा के भूखे! जब अकेले में हों, तो भगवान से बातें करें और जब किसी के साथ हों, तब भगवान की बात करें… आत्मविश्वास, मनोबल वृद्धि, प्रसन्नता के लिए यह मुफ्त इलाज है… एक दम नवीन जानकारी- अमृतम पत्रिका के इस ब्लॉग में वैदिक रीति से विवाह करने पर होता है यह फायदा….. विवाह के सात फेरे लेने से….  शरीर में अग्नि का आवागमन सुचारू रूप से होने…

  • सर्दी-खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत के अलावा कोरोना के ओर भी लक्षण हैं।

    सर्दी-खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत के अलावा कोरोना के ओर भी लक्षण हैं।

    अर्थात- विद्या से बड़ा कोई बंधु नहीं,  व्याधि जैसा कोई शत्रु नहीं,  पुत्र जैसा स्नेह नहीं और  दया से श्रेष्ठ कोई धर्म नहीं।  तन-मन-वतन का कोना-कोना साफ रखें…. कोई भी पीली धातु सोना हो या न हो, लेकिन अब पता नहीं कौन सी  बीमारी कोरोना निकल आये।   जब चिकित्सक भी चक्कर खा गए… यूरोप के डॉक्टरों ने बताया है कि- कोरोना…

  • महादेव अवतार महान हनुमान का विज्ञान…. जय-जय-जय हनुमान गुसाईं! कृपा करो गुरुदेव की नाईं!! यह बहुत रहस्यमयी शक्तिशाली मन्त्र है।

    महादेव अवतार महान हनुमान का विज्ञान…. जय-जय-जय हनुमान गुसाईं! कृपा करो गुरुदेव की नाईं!! यह बहुत रहस्यमयी शक्तिशाली मन्त्र है।

    कलयुग में चराचर जीव-जगत के जीवन की जबाबदारी हनुमानजी पर है। माँ अंजना के आशीर्वाद फलस्वरूप इन्हें चिंरजीवी होने का वरदान प्राप्त है। पवनपुत्र के चमत्कार की चर्चा चलचित्रों से लेकर ग्रन्थ-पुराणों में मिलती है। इन्हें चन्दन की जगह सिन्दूर का चोला चढ़ाने की परम्परा है। इनकी भक्ति से तन-मन चमक जाता है। किस्से अनेक हैं। हम भी…

  • दीपक जलाने का विधान

    दीपक जलाने का विधान

    #देश के लिए हर दीप अमॄतम# लभ्यते यस्य दीपस्य तापस्तु चतुरंगुलात्! न स दीप इति…सस्मृत: (कालिका पुराण) दीपक की गर्माहट पृथ्वी पर न लगे, इसलिए दीपक को पान के पत्ते या पीपल के  पत्ते पर रखकर जलाने का विधान है। “लोभादिना नर:..निर्वापको भवेत्” कालिका पुराण में घी-तेल बचाने के भाव से दीप बुझाना महापातक पाप बताया है। इससे रोग उत्पन्न होकर आयु क्षीण होती है।

  • खुद ही करें-कालसर्प का इलाज

    खुद ही करें-कालसर्प का इलाज

    माणिक्य से करें-कालसर्प की शान्ति.. एक रहस्यमयी दुर्लभ खोज- !!!ज्योतिष ग्रन्थ का हर शब्द अमॄतम!!! वाराह मिहिर सहिंता के श्लोकानुसार भ्रमरशिखि……. भुजङ्गानाम् भवतिमणि:…..स विज्ञेय: प्राचीन शास्त्रों में लिखा है- माणिक्य की उत्पत्ति मणिधारी नागों से होने के कारण माणिक्य रत्न का एक नाम नागमणि भी है। दूषित कालसर्प-नागदोष की शान्ति के लिए इसे स्वर्ण धातु में जड़वाकर, दही में शुद्ध कर अनामिका उंगली में रविवार को दुपहर ११.४० से १२.२८ के मध्य पहिनने से रुकावटें दूर…

  • शायद आपको मालूम कम ही होगा

    शायद आपको मालूम कम ही होगा

    !!हर शब्द अमॄतम!! पन्ना रत्न का प्रभावी प्रयोग… शुकबर्हवारि सेंधवशिरीषकुसुमप्रभंहरिद्राभम्! मार्जारनयननैल्यं वंशच्छदकान्ति वैदूर्यम् !! आचार्य वराहमिहिर रचित पुस्तक “वृहद सहिंता” में पन्ना रत्न को मरकत मणि बताया गया है। पन्ना रत्न पहनने से कीटाणु, संक्रमण/वायरस और विषैले जीवों का आक्रमण या भय नहीं होता। संस्कृत में पन्ने का एक नाम  गरलारि भी है। गरुड़पुराण में उल्लेख है कि-मृत मनुष्य के मस्तक पर पन्ना भस्म का त्रिपुण्ड लगाकर,…