Category: Amrutam Mythology & Indian Culture
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शिवपुराण से पार्ट- 9 शिव के गण
भगवान शिव के गण शिव के ग्यारह गणों में 【1】भैरव, कपाल भैरवऔर कालभैरव 【2】वीरभद्र, 【3】मणिभद्र, 【4】चंदिस, 【5】नंदी, 【6】श्रृंगी, 【7】भृगिरिटी, 【8】शैल, 【9】गोकर्ण, 【10】घंटाकर्ण, 【11】जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग–नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है। कामशास्त्र के रचयिता शिवगण नंदी ने ही ‘कामशास्त्र’ की रचना की थी। ‘कामशास्त्र’ के आधार पर…
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शिवपुराण से शिव की महिमा पार्ट – 8
नाग/सर्पों के भूषणधारी कोई न शिव सा परोपकारी असितगिरिसमं स्यात् कज्जलं सिन्धुपात्रे सुरतरुवरुशाखा लेखनी पत्रमुर्वी। लिखति यदि गृहीत्वा शारदा सर्वकालं तदपि तव गुणानामीश पारं न याति॥ अर्थ – हे शिव! यदि आपके अलौकिक गुणों का वर्णन स्वयं शारदा (सरस्वती)- समुद्र को दावात, काले पर्वत की स्याही, सुरतरु (कल्पवृक्ष) की टहनी की लेखनी एवं पृथ्वी…
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शिवपुराण से न का अर्थ पार्ट 7
न से नमः नमस्कार देवनगरी वर्णमाला में त वर्ग (त,थ,द,घ और न) का पाँचवा वर्ण है- न। न शब्द का उच्चारण स्थान दंत और नासिका है। बिना दांत के भोजन और बिना नाक के श्वास असंभव है। सभी प्राणी जगत को भोजन और वायु ग्रहण करने की व्यवस्था शिवकृपा से ही संभव है। न से…
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शिवपुराण से शिवभक्त का सम्मान करें पार्ट – 6
शिवभक्त भी शिव का अंश है शिव जी के भक्त का सम्मान, करने से शिव जी बहुत प्रसन्न होते है, क्योंकि शिव में और शिव भक्त में कोई अन्तर नहीं होता। शिव भक्त साक्षात् शिव रूप ही है। हरिवंश पुराण एवं स्कन्द पुराण में कहा है कि जो लोग जीवन में शिवभक्तों का मन दुखाते हैं, खिल्ली…
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पुराणों के मुताबिक भुवन कौन से है पार्ट-5
सात पातालों के अंदर भी ऐश्वर्य है- अतलं वितलं चैव, सुतलं च तलातलम्। महातलं च पातालं, रसातलमधस्तत:।। ब्रह्मवैवर्त पुराण के ब्रह्मलोक अध्याय ७ पद १३ एवं श्री मद्भागवत में यही सातों लोक बताकर कहा गया है- एषेतु हि बिलस्थलेषु स्वर्गादप्यधिक।। स्कन्ध पुराण ५अ. २४.८।। ये सातों पाताल बिल भूमियाँ हैं, जिनमें स्वर्ग से भी अधिक ऐश्वर्य भोग है। अर्थात् ये…
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शिव पुराण से पार्ट -4 ॐ नमः शिवाय की ध्यान यात्रा
नमः शिवाय का अर्थ पंचाक्षर मन्त्र नमः शिवाय मन को नियन्त्रित करने की मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है। ब्रह्र्षिवेदव्यास ने पंचाक्षर मन्त्र की महाव्याख्या में पाँच चक्र इस प्रकार बताए हैं- 1. न- (सृष्टि मोह) ब्रह्म चक्र 2. म:- (भोग मोह) वैष्णव चक्र 3. शि- (कोप मोह) रौद्र चक्र 4. वा- (भ्रमण मोह) ऐश्वर्य चक्र 5. य- (ज्ञान…
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नागों के रहस्य पुराणों से
नागों के बारे में सात आश्चर्य जनक बातें, जो आज तक पढ़ी या सुनी नहीं होंगी। चारो वेद, स्कंद पुराण, शिवपुराण, शतपथ ब्राह्मण, गरुड़ पुराण, एश्वरोउपनिषद आदि पुराने ग्रंथों में नागों के बारे में विस्तार से वर्णन है। 【1】बह्मांड में जितने भी सिद्ध-असिद्ध नाग हैं, वह सब भगवान शिव के समीप ही शिंवलिंग पर निवास करते…
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भगवान शिव के बारे में, पुराणों से पार्ट-2
शास्त्रों, पुराणों के अनुसार “महिलाएं” बिना शल्य चिकित्सा के भी लिंग परिवर्तन कर सकती हैं। कैसे? जाने- प्राचीन आध्यात्मिक विज्ञान प्राचीन पुराणों का यह प्रसंग बहुत कम लोग जानते हैं कि शिवजी का दक्षिणांग यानि राइट साइड पुरूष एवं वामांग हिस्सा यानी लेफ्ट साइड नारी का है, इसलिए भगवान शिव को अर्धनारीश्वर कहा जाता है।…
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अदरक – खाएं बेधड़क, जाने 14 फायदे
अदरक के ओषधि गुण और चमत्कार संस्कृत में इसे आद्रिकम्य, आद्रशाक, पंजाबी में अदरख कहते हैं। यह जमीन के अंदर पूरे हिंदुस्तान में पैदा होता है। इसकी जड़ में एक प्रकार का कंद होता है, उसे अदरक कहा जाता है। अदरक एक कफ नाशक ओषधि के रूप में बहुत चलन में है। अदरक के बारे…
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अतीस एक विषनाशक बूटी
सुश्रुत, बागभट आदि आचार्यों ने अतीस की जड़ को सर्प-नाग और बिच्छू के विष को नष्ट करने वाली बताया है। अतीस बच्चों के लिए अत्यंत गुणकारी ओषधि है। अकेली अतीस को पीसकर इसका पावडर 50 से 100 mg रोज मधु पंचामृत के साथ चटाने से बालकों के 100 अधिक दोष मिट जाते हैं।