कोरोना वायरस
दुषिता वातावरण और प्रदूषित खानपान की वजह से फेल रहा है। चटोरेपन की आदत ने सबके शरीर का सत्यानाश कर डाला है। पहले कहतें थे कि-
बत्तो बिगाड़े एक घर, चट्टो बिगाड़े देश भर
यानि बतूना आदमी केवल अपना घर खराब करता है,
लेकिन चटोरा व्यक्ति देश को ही खा जाता है।
आजकल आदमी बिना हानि-लाभ, नियम-धर्म के कुछ भी खाने पर आमादा है। वह दिन दूर नहीं, जब आदमी, आदमी के माँस का भक्षण करने लगेगा।
चमगादड़, सर्पों को भोजन के रूप में ग्रहण करना अत्यंत घृणित कार्य है। इन्हें कई जन्मों तक ईश्वर भी क्षमा नहीं करेगा।
सभी तरह के वायरस से बचने के लिए…
अमॄतम च्यवनप्राश का 3 माह तक सेवन करें।
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