दरअसल मृत संजीवनी मन्त्र बिना गुरु आज्ञा के करना व्यर्थ है। सबसे पहले गुरु बनाएं। रोग निवारण के लिए फिलहाल महामृत्युंजय मंत्र का सम्पुट जाप करें।
सबसे पहले जिसे रोग हो उस मरीज की उम्र के अनुसार जैसे रोगों की उम्र 45 वर्ष है, तो 45 दीपक राहु की तेल के किसी शिवालय में या घर के मंदिर में रात्रि 9 से 11 के बीच जलवाकर फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप आरम्भ करें यह प्रयोग मंगलवार या शुक्रवार से शुरू करें। कम से कम 27 दिन 1 से 4 माला रोज जाप करें।
यदि मार्केंडेय पुराण मिल जाये, तो जरूर पढ़ें।
राहु की तेल अमृतम कम्पनी द्वारा निर्मित है।
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