अवसाद की आहट-और आयुर्वेद | Depression and Ayurveda
अब,अवसाद का अन्त…तुरन्त
“डिप्रेशन से डरें नहीं”
अवसाद की आयुर्वेदिक दवा
करे…डिप्रेशन का ऑपरेशन
(मस्तिष्क में जागरूकता बढ़ाये)
क्या कहता है-आयुर्वेद, डिप्रेशन के बारे में-
जब हम अबाधित सुख के लिए बेचैन होकर इधर-उधर सिर पटक-पटक कर भटक जाते हैं,तो हमारी मस्तिष्क कोशिकाएं ढीली या शिथिल होने लगती हैं।
काम कम करना,सोचना ज्यादा
यह प्रवाह बेलगाम होता है।
जब मन वासनात्मक होकर वासनाभांड अर्थात इच्छाओं के कुम्भ से टकराता है,जिसमें नई प्रतिक्रिया जन्म लेती है। यह डिप्रेशन का गर्भ धारण कहलाता है।
अवसाद की आहट-और आयुर्वेद-
■ तमोगुण,रजोगुण हमारी चेतना शक्ति क्षीण कर देते हैं,तब होता है अवसाद।
■■ अधिक आराम और आलसी जीवन
आमोद-प्रमोद की ओर आकर्षण।
■■■ अपार आज़ादी के चलते, जब अंदर का असीम आनंद का अनुभव त्याग जब हम बाहर की वस्तुओं से ओत-प्रोत हो जाते हैं,तब
अवसाद से बाहर निकलने के लिये-
और
में मिलाए गए घटक-द्रव्य
प्रसन्नता से लबालब
कर देते हैं। इसका फार्मूला 500 वर्ष पुराने
“अर्कप्रकाश” वैद्य कल्पद्रुम
जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथो से लिया गया है
जो ब्रेन की कमजोर ग्रन्थियों को जाग्रत
कर “अवसाद का अंत” कर देता है।
शान्ति का साम्राज्य-
आयुर्वेद और आध्यात्मिक आदेशो के अनुसार-
सुख-दुःख भुगतकर ही
मन-मस्तिष्क की मलिनता
को मिटाया जा सकता है।
सुख-दुःख जब शुद्ध होकर आदमी को अप्रभावित करने लगें, तभी समझना चाहिए कि हम अवसाद से मुक्त हैं।
हमारा तन-मन में,तभी शान्ति
की स्थापना हो पाती है।
मन को प्राणेंद्रियों यानि कर्मेंद्रियों के प्रभाव
से मुक्त कर ब्रेन को चेतन्य करता है।
कॉस्मिक आइडिएसन से चेतना
शक्ति,ऊर्जा-उमंग भर देता है। इससे पुराने निगेटिव विचार तेजी से नष्ट होने लगते हैं।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट & टेबलेट
“डिप्रेशन का ऑपरेशन” करने वाली
24 कैरेट गोल्ड दवाई है।
ब्रेन को प्रभावशाली बनाने वाली
केमिकल रहित हर्बल ओषधि है।
प्राकृतिक प्रयास–
व्यायाम-प्राणायाम और आसान का अभ्यास,
अनुभव से भी व्यक्ति असंतुलित,अवसादग्रस्त मन को कंट्रोल कर सकता है।
सेवन विधि,परहेज,पथ्य-अपथ्य,
हानि-लाभ,अन्य उपाय और
“अमृतम की कहानी”
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