नपुंसकता ठीक करने हेतु आयुर्वेद के अनेक ग्रन्थों में ओषधि तेलों से सुबह की धूप में अभ्यंगस्नान की सलाह का निर्देश दिया गया है।
ये सभी तेल अत्यंत महंगे होने के कारण इनका निर्माण बन्द हो हो चुका है।
वर्तमान में कुंकुमादि तेल अब केवल चेहरे के दाग-धब्बे, काले निशान, झुर्रियां आदि मिटाने के लिए किया जा रहा है।
प्राचीनकाल में लगभग सभी राजा-महाराजा, अमीर लोग कुंकुमादि तेल द्वारा पूरे शरीर में
अभ्यङ्ग यानि मालिश कराया करते थे। आज अमृतम कुंकुमादि तेलम का मूल्य 2999/- है, जिसका वजन 30 ml है।
यह करीब एक लाख रुपये प्रति लीटर आने के कारण इसकी कोई मालिश नहीं करता।
हमारे पास भी साल में 3 से 4 ऑर्डर ही बड़े पैक वाले आते हैं।
जानकार एवं धनी लोग ही इसे मंगवा पाते हैं।
अमृतम कुंकुमादि तेल का मुख्य घटक केशर होता है।
इसके अलावा इसमें 54 से अधिक जड़ीबूटियों के काढ़े का सम्मिश्रण है।
कुंकुमादि तेल के निर्माण की प्रक्रिया अत्यंत श्रम साध्य है।
आयुर्वेद की 5000 वर्ष प्राचीन विधि के अनुसार अमृतम कुंकुमादि तेलम को बनाने में में 2 से तीन माह लग जाते हैं।
भेषजयरत्नावली शास्त्र में एक महासुगन्धि तेल का भी उल्लेख है। यह भी मर्दाना ताकत बढ़ाने में उपयोगी है।
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