- अपने साथ कभी कोई दवाई साथ न रखें। बस, अपना मनोबल मजबूत रखें। साथ में अपने माता -पिता, गुरु, पितृगण और ईश्वर का स्मरण करते हुए अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें।
- संकल्प शक्ति का इस्तेमाल करके ही आपको तंदरुस्त बने रहना होगा। क्योंकि दवा कोई भी हो, वो रोगों को दबाती है। ठीक कभी नहीं करती।
बिना दवाई के ठीक रहने के उपाय
- स्वस्थ्य रहने के लिए सुबह जल्दी उठें। मुंह में पानी भरकर इसी से अपनी आंख धोएं। फिर 3 से चार गिलास पानी सादा जल पीकर चाय पीने की आदत हो, तो पिए अन्यथा नहीं।
- पानी पीने के बाद तुरंत 2 से 3 मिनिट में फ्रेश होए। शौचालय में अधिक देर बैठने से वात रोग, त्वचा रोग और मानसिक क्लेश पैदा होते हैं। अगर आप 2 मिनिट से भी कम समय में विसर्जन से मुक्त होकर तुरंत स्नान करने से मन बहुत प्रसन्न रहता है।
- आयुर्वेद के कुछ छोटे मोटे उपाय अपनाने से कभी वात, पित्त, कफ असंतुलित नहीं होता। देह त्रिदोष रहित रहती है। कब्ज आदि उदर विकार दूर रहते हैं। यौवन बना रहता है। रोग, जरा, पीड़ा और बुढ़ापा नहीं आता।
- आजकल लैट्रिन या वाशरूम में लोग आधा से एक घंटे बैठे रहते हैं। कोई मोबाइल चलता है, तो कोई बात कर रहा है। किसी किसी को अखवार पढ़ने की आदत है। मोटापा और नपुंसकता रोग इसी से बढ़ रहा है।
- आरोग्य विज्ञान संहिता में स्पष्ट निर्देश है कि मल विसर्जन के समय या फ्रेश होते समय कभी भी मुंह को नहीं खोलना चाहिए अन्यथा शरीर असंख्य बीमारियों से भर जाता है और भाग्य भी खराब होता है। दुर्भाग्य पनपता है।
- अग्नि पुराण के मुताबिक दीपक जलाने से रोग जलते हैं। अतः बिना कुछ खाए शीघ्र स्नान करके एक दीपक Raahukey oil का जरूर जलाना चाहिए।
- संभव हो, तो बिना तकलीफ के भी लिवर ओषधि का सेवन करते रहें। Keyliv Strong Syrup और कैप्सूल अमेजन, amalaearth, Myupchar की वेवसाइट पर खोजें और हमेशा लेते रहें।
- Keyliv आंवला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, मकोय, पुनर्नवा, कालमेघ, मुनक्का, त्रिफला आदि से निर्मित एक लाजवाब यकृत ओषधि है।
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