अनंत चतुर्दशी को होगा गणपति विसर्जन, शुभ मुहूर्त, जानिए तिथि और विधि !

हर साल गणेश चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव की शुरुआत होती है और दस दिवसीय उत्सव के बाद ग्यारहवें दिन अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। तो आइए जानते हैं इस साल कब है अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त तथा विधि…

 

Ganesh Visarjan 2022 Date and Time: हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल भादो मास के शुक्ल पक्ष कीम चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन मंदिरों, पंडालों और घरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करके 10 दिनों तक उनकी सेवा-पूजा की जाती है। इस साल 31 अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया गया और दस दिवसीय गणेशोत्सव के बाद अब अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाएगा। यह तिथि हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को आती है। इस साल 9 सितंबर 2022 को अनंत चतुर्दशी पड़ रही है। वहीं इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को पूजन के बाद जल में विसर्जित किया जाएगा। तो आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विसर्जन विधि के बारे में…

 

गणेश विसर्जन 2022 मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ गुरुवार, 08 सितंबर 2022 को रात 09:02 बजे होगा और इसकी समाप्ति शुक्रवार, 09 सितंबर 2022 को शाम 06:07 बजे होगी। वहीं गणेश विसर्जन के लिए 9 सितंबर 2022 को तीन शुभ मुहूर्त हैं-

गणेश विसर्जन के लिए सुबह का मुहूर्त- 06:03 बजे से 10:44 बजे तक
गणेश विसर्जन के लिए दोपहर का मुहूर्त- 12:18 बजे से 01:52 बजे तक
गणेश विसर्जन के लिए शाम का मुहूर्त- 5.00 बजे से 06:31 बजे तक

गणेश विसर्जन विधि- अनंत चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। परंतु विसर्जन से पहले बप्पा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसके लिए सबसे पहले भगवान गणेश की रोली, चंदन, अक्षत, फूल, माला आदि अर्पित कर गणेश जी को मोदक समेत पसंदीदा चीजों का भोग लगाएं। साथ ही पूजन के बाद धूप-दीप जलाकर मंत्र जाप और आरती करें। फिर गणपति बप्पा से बीते 10 दिनों में पूजन के दौरान हुई भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे। इसके बाद भगवान गणेश को अर्पित की हुई सभी चीजों को एक पोटली में बांध लें। फिर बप्पा की मूर्ति को गाजे-बाजे के साथ विसर्जन के लिए लेकर जाएं तथा किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें। ध्यान रहे कि विसर्जन के दौरान गणेश जी की मूर्ति को एकदम से पानी में न छोड़ें बल्कि प्रतिमा को धीरे-धीरे विसर्जित करें। इसके बाद हाथ जोड़कर भगवान गणेश से कृपा प्राप्ति और अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करें।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *