आयुर्वेद के मुख्य ग्रंथ भावप्रकाश निघण्टु मैं बातों की संख्या 7 बताई गई है !
जिसमें सोना चांदी तांबा रांगा जस्ता शीशा और लोहा यह सा धातु पर्वत में उत्पन्न होने खान से निकलने वाले हैं !
यह सप्त धातु मनुष्य के कृशता निशर्लता बुढ़ापा रोग नपुंसकता आदि अनेक रोगों को दूर कर मस्तिष्क देह को स्थिर और कार्य करने में समर्थ बनाती है!
मानव शरीर में भी सप्त धातु पाई जाती हैं !
आयुर्वेद में इन सप्तधातु से अनेक प्रकार की शास्त्र आगत औषधियां निर्मित की जाती है!
जैसे स्वर्ण भस्म चांदी से चांदी भाम तांबा से ताम्र भस्म रंगा से वंग भस्म जोकि कफ कर्मि पाण्डु और शवास रोगनाशक है।
जस्ता से यशद भस्म का निर्माण होता है
जो कि नेत्रो के लिए परम् हितकर है
शीशा की उत्पत्ति वासुकी नाग द्वारा किसी सुंदरी नागकन्या को देख कर कामपीड़ित पुणे से जो शुक्र सम्मिलित हुआ उसी से मनुष्य के संपूर्ण रोगों को नष्ट करने वाली शीशे की उत्पत्ति हुई इसलिए इनको नाग भी कहते हैं!
यह काम देव संबंधी बल को बढ़ाता है
लोहा लोहे की उत्पत्ति प्राचीन काल में युद्ध के समय देवताओं द्वारा मारे हुए लोमीन नामक दैत्य के शरीर से अनेकों प्रकार के लोहा उत्पन्न हुए लोहा के योग से अनेकों लोगों का निर्माण हुआ है !
लोहा भस्मा सप्तामृत लोहा धात्री लोहा विषम ज्वारानतक लोहा आदि…
डेक्कन गोल्डमाइन लिमिटेड भारत की सबसे प्रमुख स्वर्ण उत्पादक कंपनी है!
दक्षिण भारत का डेक्कन क्षेत्र देश के सबसे बड़े समृद्ध भूमिगत स्वर्ण भंडार के रूप में पहचाना गया है !
DJML कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में स्वर्ण खनन का कार्य करती है…
एंग्लोगोल्ड विश्व की सबसे बड़ी तीसरी स्वर्ण उत्पादक कंपनी है …
उद्देश्य बड़ा हो तो छोटी कामनाएं छोड़ दें..
देव परंपराओं को मानने वाले होते हैं..
ऋषि परंपराओं को ना मानकर केवल नियम ही मानते हैं…
पितर हमारे पूर्वज हैं पितर दीर्घ जीवी होते हैं ..
यहां परंपराएं और नियम दोनों मानते रहे हैं!
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