विज्ञान की लगातार खोजों के बाद भारत के रहस्य जस का तस हैं।
भारत में राजा-,महाराजाओ के द्वारा दवाये गए स्वर्ण के अतुल्य भंडार इतने हैं
कि दुनिया का हर आदमी एक से 2 किलो स्वर्ण का मालिक बन सकता है।
मगर यह सब खजाने कीलित हैं। आज इनके बीजक मिल भी जाते हैं, तो बड़े-बड़े विद्वान खजाने के रहस्य को जान नहीं पाते।
दुनिया कितनी भी उन्नति की शहनाई बजाए लेकिन कुछ ऐसे रहस्य है , जिसका पता लगाना बहुत मुश्किल है।
बिहार के राजगीर का एक रहस्यमई तिलिस्म स्वर्ण भंडार जो आज भी रहस्य बना हुआ हैं,
यहा पर एक लिखित शिलालेख है, जिनमें शायद इस खजाने तक पहुँचने की चाबी मौजूद है।
परंतु। चाबी खोजने की बहुत कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली।
बिहार के राजगीर में स्थित सोन भंडार गुफाएं एक बड़े पत्थर से बनी है
और कहा जाता है कि इसमें चन्द्रगुप्त मौर्य के परिवार का खजाना छुपा पड़ा है।
आचार्य चाणक्य ने गुप्त साम्राज्य की अकूत सम्पदा को छुपाने के लिए इसका डिजाइन किया था।
ये गुफाएं मगध राजा बिम्बिसार के ज़माने में अचानक प्रकट हुईं थी।
जानकारों का कहना है कि सम्राट बिम्बिसार अपने खजाने को छुपाने के लिये इन गुफाओ का इस्तेमाल करता था।
सोन भंडार का मतलब है ‘सोने का खजाना’।
जब बिम्बिसार को उसके पुत्र अजातशत्रु ने कारागार में डाल दिया तब उसके आदेश से उसकी बीवी ने राज्य का खजाना इस गुफाओ में छुपा दिया।
अंग्रेज़ो ने खजाने को हासिल करने के लिये दरवाजो पर तोप के गोले बरसाये थे ,
जिनके निशान आज भी दिखते है पर उन्हें कुछ भी नहीं मिला था।
कभी जाएं, तो जरूर देखें। पास में ही एक स्वयम्भू शिवालय भी दर्शनीय है।
खजाना कैसे मिलता है…
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