आप 10 ग्राम गुड़ में 3 ग्राम घी मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं।
पानी न पिएं।
2 घण्टे बाद गर्म दूध पियें।
प्रत्येक शनिवार बादाम, जैतून तेल मिलाकर धूप में मालिश करें।
फिर एक या 2 घण्टे बाद स्नान करें।
2 रोटी पर तिल के लड्डू, -उड़द गली हुई, चने की रखकर नन्दी, साढ़ को खिलाएं।
15 दिन में दर्द हमेशा के लिए चला जायेगा।
परहेज- गर्म पानी, अरहर की दाल, नमकीन दही, ज्यादा खट्टा आचार।
सीधी नाक से धीरे से श्वांस नाभि तक ले जाकर जितनी देर रोक सकें और धीरे से सीधी नाक से ही छोड़े।
ऐसा 100 बार करें।
आप चाहें, तो अमृतम द्वारा बादाम-जेतुल, चंदनादि तेल से निर्मित काया की तेल की मलश कर सकते हैं-
रात को खाने से एक-दो घण्टे पहले केवल 1 ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल गुनगुने दूध से लेवें।
इससे यह फायदा होगा कि समस्त वायु वात विकार गुदा से निष्कासित हो जाएंगे।
सभी प्रोडक्ट ऑनलाईन उपलब्ध हैं-
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