- प्राचीन सोमरोग ही आज का पीसीओडी है…स्त्री की योनि से जब निर्मल, शीतल, गंधरहित, साफ, सफेद और पीड़ारहित सफेद पानी लगातार कम या ज्यादा बहता रहता है, तब महिला सफेद पानी के वेग को रोक नहीं पाती इसे आयुर्वेद में सोमरोग कहा गया है।
- लड़कियों की एक खतरनाक बीमारी- पीसीओएस या पीसीओडी क्या है, अगर जानना चाहते हैं तो इस लेख को तसल्ली से पूरा पढ़ें।
- पीसीओडी या सोमरोग से हो रही हैं नारियों को -55 से अधिक बीमारियां….जाने वे कौन से रोग हैं?
- आयुर्वेद में इसी पीसीओडी स्त्री रोग को सोमरोग, श्वेत तथा रक्त प्रदर बताया है। ये दर-दर भटकाकर कुरूप एवं दरिद्र बना बना देता है।
- सही समय पर प्रत्येक माह हर युवतियों या स्त्रियों को बिना दर्द के खुलकर पीरियड आना स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए जरूरी है।
- तन के अंदर गंदे खून का दूर होना अत्यन्त आवश्यक है। ऐसा न होने पर विभिन्न तरह की समस्याएं होने लगती हैं जिसका असर आने वाले समय में आपके शरीर पर साफ़ देखने को मिलेगा। वजन घटना और बढ़ना और यहाँ तक की कम उम्र में ही मेनोपॉज का खतरा भी हो सकता है।
- पीरियड्स या माहवारी खुल कर ना आने के कारण ही पीसीओडी जैसी परेशानियों से जुझ रही हैं-महिलाएं।
- चिकित्सा जगत के शोधकर्ताओं ने इसे ओंपॉलीसिस्टिक ओवरियन सिन्ड्रोम यानि पीसीओएस या पीसीओडी बताया है जिसका आयुर्वेदिक उपचार है।
- आयुर्वेद सार संग्रह ग्रन्थ के अनुसार 5000 साल प्राचीन विधि से निर्मित नारी सौन्दर्य माल्ट, जो भावनात्मक तनाव कम कर सकता है।
- कहीं अल्पायु में जवानी न ढल जाएं – पीरियड्स खुल कर ना आना आज की युवा पीढ़ी की लड़कियों के लिए एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है।
इससे भविष्य में गर्भवती होने में मुश्किल हो सकती है।
क्यों बढ़ रहा है PCOD-पीसीओडी गुप्त रोग
- महिलाओं में सेक्स हार्मोन के असंतुलन के कारण अंडाशय में छोटी छोटी गांठ या सिस्ट हो जाती है। जिसके कारण महिलाओं के मासिक धर्म पर असर पड़ता है।
- अंडाशय में बनने वाली छोटी छोटी गांठें समय के साथ बढ़ने लगती हैं। इससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता में कमी आती है। और महिलाएं गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाती हैं।
- पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं की ओवरी बड़ी हो जाती है और फॉलिकल सिस्ट बहुत छोटा हो जाता है।
पीसीओएस के लक्षणों को जाने…
- मासिक चक्र या पीरियड्स की अनियमितता।
- चेहरे और शरीर पर अनचाहे अतिरिक्त बाल का विकास एवं खोपड़ी पर बाल पतले होना
- बारबार मुहांसे होना, पिगमैंटेशन,
- गर्भधारण में मुश्किल होना।
- वजन बढ़ना आदि शामिल है।
- जवानी में खूबसूरती मिट जाना
खतरे की घंटी है – पीसीओएस या पीसीओडी
- .आजकल बड़ी संख्या में लड़कियां इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं। इसमें ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं जिसकी वजह से महिलाओं में बांझपन तक आ सकता है।
- अगर आपकी माहवारी अनियमित रहती है या आपको बहुत ज्यादा दर्द रहता है तो आपको तुरंत Nari सौंदSoundary माल्ट और नारी सौंदर्य कैप्सूल का 2 माह तक नियमित सेवन शुरू कर देना चाहिए।
स्त्री विकार की वजह
- देर रात तक जागना, समय पर न सोना और सूर्यास्त के बाद जागने से तनाव आजकल हर किसी को छोटी उम्र की लड़कियों में होना आम समस्या है। यही पीसीओडी विकार का सबसे बड़ा कारण है।
- हमारी जीवन शैली, दिनचर्या इसका बड़ा कारण है। बाहर का कुछ भी फास्ट फ़ूड खा लेना आदि।
- हम रात रात बैठकर मोबाइल चलाना। चैट करने के कारण समय पर नहीं सो पाते और नींद पूरी नहीं होने के कारण भी नारी को बीमारी घेर लेती हैं।
- खून की कमी होना (कुछ लड़कियों में अनिमिया की समस्या होती है) यह भी पीरियड्स खुल कर न आने का बड़ा कारण है।
- बाकी प्रेग्नेंसी, स्तनपान, गर्भ निरोधक गोलियों का निरंतर सेवन, शारीरिक तकलीफें और हेल्थ प्रॉब्लम भी इसके पीछे का कारण हो सकता है।
- इसमें जरा भी लापरवाही न बरते क्योंकि अब इस समस्या से लड़कियों में पीसीओडी और पीसीओएस की बीमारी बढ़ रही है।
- तुरन्त नारी सौंदर्य माल्ट का इस्तेमाल कम से कम 2 से तीन महीने तक लगातार करें। इस रोग की चिकित्सा केवल आयुर्वेद सम्भव है।
- कुछ लड़कियों को मासिक धर्म के परियडस से घृणा है और वो हमेशा कहती हैं कि इनको तो होना ही नहीं चाहिए। ये तो प्रॉब्लम है।
- आयुर्वेदिक ग्रन्थ भैषज्यरत्नावली, आयुर्वेद चंद्रोदय एवं योगरत्नाकर के अनुसार हर महीने समय पर पीरियड्स न आना या खुल कर न आना उससे भी बड़ी परेशानी है।
- अपने खाने-पीने की चीजों का विशेष ध्यान रखें, व्यायाम, योगा और घरेलु नुस्खों का इस्तेमाल करें।
- जरूरत अनुसार भरपूर नींद लेंवें। अमॄतम आयुर्वेदिक दवाएँ-शतावर, अशोक छाल,
- सेव मुरब्बा, त्रिकटु, त्रिफला, गुलकन्द, द्राक्षा, आंवला मुरब्बा, हरड़ आदि बढ़िया काम करते हैं। आयुर्वेद वात-पित्त-कफ को सन्तुलित कर सम्पूर्ण तन-मन की कार्यप्रणाली की नियमित करता है।
- आयुर्वेद में किसी भो रोग को ठीक करने में समय लग सकता है, लेकिन बीमारी का इलाज जड़ से होता है।
- वात-पित्त-कफ का संतुलन आप स्वयं भी बना सकते हैं इस हेतु ayurveda life style बुक का अध्ययन कर अमल करें। इस किताब के पढ़ने से आपको यह ज्ञात हो जाएगा कि शरीर की तासीर कैसी है।
- अगर आप आयुर्वेद चिकिसकों या स्त्रीरोग विशेषज्ञ द्वारा घर बैठे ऑनलाईन उपचार करना चाहते हों, तो amrutam.globle पर परामर्श ले सकते हैं।
- आयुर्वेद चंद्रोदय ग्रन्थों में सोमरोग या पीसीओडी नारी का गुप्त रोग हेतु 100 से अधिक कारगर आयुर्वेदिक औषधियों का उल्लेख है-
- पीसीओडी/PCOD सोमरोग, श्वेत प्रदर आदि स्त्रीरोग मिटाने में उपयोगी ओषधियाँ नारी सौंदर्य कॉम्बो के फायदे
- महावारी या पीरियड की परेशानी को नजरअंदाज न करें.। आयुर्वेद ग्रन्थों में लगभग 72 स्त्रीरोगों का वर्णन है।
- सोमरोग की शुरुआत….जब दिनचर्या प्रभावित होने लगे, समझें… शरीर रोगों का अखाड़ा बन रहा है।
- पीसीओडी की बीमारी.…. नारी के बल को बर्बाद कर बदसूरत बना देती है। इस रोग से नारियों में मर्दों के लक्षण उभरने लगते हैं।
पीसीओडी सोमरोग के लक्षण
- योनि से रिसाव होना, व्हाइट डिस्चार्ज की शिकायत कम नहीं होती, तब महिलाएं कहती हैं- रास्ते का पत्थर किस्मत ने हमें बना दिया!!
- लड़कियों में सौंदर्य का बजूद खत्म कर देता है…पीसीओडी के कारण ही मानसिक क्लेश, अशांति, तनाव अर्थात तन-मन की डूबती नाव, योनि के घाव, मुख के ताव, सुंदरता का अभाव, चेहरे के दूषित प्रभाव, तथा सकरात्मक भाव या आत्मसम्मान की कमी से अन्तरात्मा में घमासान ध्यान चलते रहते हैं। इसी विकार की वजह से असँख्य आधि-व्याधि में वृद्धि होने लगती है
- अतः पीसीओडी जैसे नारी विकारों की वजह एवं कुविचारों की विशालता से शरीर में शिथिलता आना आरम्भ होती है। निगेटिव सोच को ही स्वास्थ्य किताबों में मोह-लोभ-राग-रोग एवं भोग यानी सेक्स से अरुचि का कारण मानते हैं।
आयुर्वेद में पीसीओडी क्या है
- आयुर्वेद के 5000 साल पुराने ग्रन्थ में महिलाओं के शरीर को जर्जर करने वाला- सोम रोग बताया है। ग्रन्थ के नाम नींचे दिए गए हैं:
- द्रव्यगुण विज्ञान,
- भैषज्य रत्नावली,
- शंकर निघण्टु,
- वंगसेन सहिंता,
- भैषज्य सहिंता (गुजराती),
- नारायण सहिंता केरल,
- ओषधि तंत्र,
- रावण सहिंता, अर्क प्रकाश
- मारण सहिंता (तंत्र) आदि
स्त्री रोगों की शुद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सा
- प्रत्येक नारी स्वस्थ रहे प्रसन्न रहे इसी भावना को ध्यान में रखकर 5000 वर्ष प्राचीन पध्दति के मुताबिक अमृतम फार्मास्युटिकल्स ने असरकारक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों मुरब्बे, काढ़ा, रसादि से Nari Soundary Malt & कैप्सूल शास्त्रमतानुसार तैयार किया है।
नारीसौन्दर्य माल्ट का किस्सा…आप भी बने हिस्सा-
- मैं अशोक गुप्ता, फाउंडिंग प्रिंसिपल ऑफ अमृतम। पिछले 35 वर्षों से आयुर्वेद की मार्केटिंग यानि विपरण-वितरण कारोबार से जुड़ा हुआ हूँ।
- सन 2006 में अमृतम की स्थापना से पूर्व मरकरी एम.एजेंसी (प्रा) लिमिटेड के नाम से इस कम्पनी के द्वारा कुछ आयुर्वेदिक कम्पनियों की बिक्री एवं मार्केटिंग के लिए सम्पूर्ण भारत में प्रवास-यात्रा की।
- टूर के दौरान मेरी मुलाकात गाँवो के अनेक अच्छे नाड़ी वेद्यो, सन्त-महात्माओं एवं अघोरियों से हुई, तो वे अपने की योग-फार्मूलों से श्वेतप्रदर, रक्तप्रदर, लिकोरिया का इलाज अनेक जड़ीबूटियों, आँवला मुरब्बा की चटनी रूपी अवलेह से करते थे।
- हम जिस कम्पनी के उत्पाद बेचते थे, उससे लिकोरिया, सोमरोग जल्दी नहीं मिटता था।
- हमने उन अनुभवी वैद्य-चिकित्सकों से तथा आयुर्वेद सार संग्रह, द्रव्यगुण विज्ञान, भावप्रकाश निघण्टु आदि पुरानी पुस्तकों से सोमरोग, लिकोरिया नाशक चमत्कारी औषधियों का ज्ञान प्राप्त कर अपने घर में ही अवलेह यानि माल्ट बनाना शुरू किया।
- Malt में अशोक छाल, त्रिकटु, चतुरजात, गाजर, हरड़, आमला मुरब्बा, गुलकन्द, वंग, स्वर्णमाक्षिक भस्म, प्रदरांतक रस आदि का समावेश कर अवलेह-माल्ट का निर्माण किया और अपने कुछ इष्ट-मित्र गणों को अपनी बनी हुई दवा एक महीने सेवन करने हेतु मुफ्त दी।
- आश्चर्य जब हुआ कि जो महिलाएं श्वेत प्रदर, सोमरोग यानि PCOD आदि गुप्त रोगों से पिछले 5–7 साल से भयंकर रूप से परेशान थी, उन्हें 15 दिन में ही चमत्कारी फायदा हुआ। यह बात सन 2001 के आसपास की है।
- फिर इसी लिकोरिया/पीसीओडी नाशक फार्मूले को गाँव के कुछ वैद्य-चिकिसकों को विक्रय हेतु देना शुरू किया। कुछ ही दिनों में इस नारी उत्पाद की ख्याति चारो तरफ होने लगी। कुछ लोग घर पर आकर ले जाने लगे।
- सन 2005 तक इसकी भारी मांग होने लगी। लेकिन मेरे पास साधन सीमित थे। आयुर्वेद बाजार में हमे कुछ मेडिकल स्टोर्स वाले मित्रों से सलाह दी कि इस नारी मॉल्ट को रजिस्टर्ड करवा कर एक कम्पनी खोलें
- हमारे अनेक हितैषियों-मित्रों ने हमें नई कम्पनी खोलने के लिए बहुत प्रेरित किया। हमे जब तक कम्पनी खोलने की प्रक्रिया का ज्ञान नहीं था।
- लेकिन मेरा संकल्प था कि यह दवा भारत के प्रत्येक घर में पहुंचे, ताकि महिलाओं को इस असाध्य सोमरोग/पीसीओडी नारीरोग से पीछा छूटे।
- मरता क्या नहीं करता… ये प्रसिद्ध कहावत सबने सुनी होगी और अंत में amrutam नाम से फेक्ट्री डालने का योग या सौभाग्य बना।
जो कछु कीन्हा-शम्भू कीन्हा….
- अचानक एक दिन हमारे मिलने वाले हमारे पास आकर बोले कि आप हमारी जमीन में कोई उद्योग लगा लें, ताकि उसकी देखभाल होती रहे। उनका शेड पहले ही बना हुआ था, तो जमीन की समस्या का हल निकला।
- एक दिन आयुर्वेद के अधिकारी नारी सौन्दर्य लेने आये, तो उनसे निर्माण लायसेंस की पूरा तरीका जाना और उन्होंने मेरी अत्यधिक मदद भी की।
- सरकारी सारी तैयारी एवं फोरमल्टीज करने के बाद हमने उन्हें अमृतम फार्मास्युटिकल्स कम्पनी के नाम से सभी फार्मूलों आदि के कागज दे दिए। जून 2006 में हमारा ड्रग लायसेंस हमारे हाथ में था।
- शुरू में अमृतम ने केवल 5 उत्पादों का निर्माण चालू कर दिया, जिसमें गायनो की माल्ट, कैप्सूल एवं ऑयल, मधु पंचामृत शहद की रिपैकिंग तथा ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट का आरंभिक निर्माण शुरू हुआ।
- सन 2016 में ट्रेडमार्क न हो पाने से गायनोकी माल्ट का नाम बदलकर Nari Soundary malt रखना पड़ा।
- सन 2006 में हमने नये लक्ष्य को सामने रखकर जीवन की शुरुआत कर अमृतम उत्पादों को बनाना आरम्भ किया।
- 6 साल बाद सन 2012 में मुझे वह किराए की खाली करना पड़ी और हमें कुछ दिनों के लिए प्रोडक्शन स्थगित करना पड़ा। अब तक हम अपनी खुद जमीन खरीद चुके थे।
- सन 2013 जनवरी में भूमि पूजन कराकर, अमृतम वाटिका नाम देकर तुरन्त निर्माणशाला बनवाई और आयुष मंत्रालय से पुनः ओषधि निर्माण लायसेंस प्राप्त कर ओषधियाँ निर्मित करना आरम्भ कर दी।
- मेडिकल स्टोर के अभिन्न मित्रों ने सलाह दी कि-अशोकजी आपका यह नारी माल्ट बहुत ही अदभुत है। मेरी पत्नी को बहुत फायदा हुआ।
- आप amrutam प्रोडक्ट को आप सभी स्त्रीरोग विशेषज्ञों को देकर आएं। हमने वैसा ही किया।
- एलोपैथी के डॉक्टर्स भी इस नारी उत्पाद के परिणाम से हतप्रद हो गए और वे डॉक्टर्स धड़ल्ले से लिखने तथा प्रिस्क्राइब करने लगे। इस नारी ओषधि की मांग दिनोदिन बढ़ने लगी।
- 2006 से गिरते-पड़ते, ठोकर खाते हुए सन 2017 में नारीसौन्दर्य माल्ट को ऑनलाइन मार्किट में प्रस्तुत कर दिया।
- नई उम्र की नारियों को माल्ट के बेहतरीन परिणाम मिले, तो हमने अभ्यङ्ग हेतु नारी सौन्दर्य मसाज ऑयल लॉन्च किया।
- अभी कुछ दिन पूर्व Nari Soundary Capsule भी ऑनलाइन मार्किट में लॉन्च कर दिया है।
- वर्तमान में अमृतम के विशेष नारी उत्पादों में करीब 12 से अधिक हर्बल प्रोडक्ट ऑनलाइन उपलब्ध हैं-
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