एक बहुत ही प्राचीन पुस्तक के कटे फटे पन्नों से ज्ञात हुआ कि केवल आयुर्वेदिक ओषधि तेल की मालिश से ढीले स्तन और तन को मजबूत बनाया जा सकता है। नीचे किताब का चित्र देखें
श्रीपर्णी तेल या अमृतम कुंकुमादि तेल सुबह स्नान के बाद और रात सोने के पहले प्रतिदिन ढ़ीले स्तनों पर नीचे से ऊपर की तरफ लगाएं, तो एक माह में गिरे हुए स्तन कठोर तथा सुढोल हो जाते हैं। यह आयुर्वेद का निरापद उपचार है।
ढीले और वेडोल स्तन को गोल मटोल और सुडौल बनाने केलिए केवल kumkumadi oil अपने स्तनों पर नीचे ऊपर लगाकर हल्के हाथ से दिन में दो बार 15 से 20 मिनिट मालिश करें।
सभी तरह की ढीली त्वचा के लिए केशर निर्मित ऑयल लाजवाब है। आयुर्वेदिक ग्रंथ योग रत्नाकर में इसकी विस्तार से चर्चा है।
हालांकि कुमकुमादी तेल का मात्र चेहरे को चमकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जबकि इससे मालिश कर शरीर को भी चुस्त और फुर्तीला भी बना सकते हैं।
Leave a Reply