आपके मस्तिष्क में ऑक्सिजन की कमी होती जा रही है। इसकी औषधियों चिकित्सा से नहीं योग करने से होगी।
बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारी दोनों नासिकाओं (नाक) से शरीर के अलग-अलग हिस्से में प्राणवायु पहुंचती है।
दाहिनी तरह/राइट साइड (सूर्य नाड़ी) की नाक से जो श्वांस लेते हैं, उससे शरीर का गले से नीचे के हिस्से को ऊर्जा, जीवन, ऑक्सीजन व गर्मी मिलता है और मस्तिष्क को ऑक्सीजन उल्टी लेफ्ट साइड की नाक से मिलती है।
हमारी बीमारी सबसे बड़ा कारण ही यही है कि राइट साइड की नाक से श्वांस हम लेने की आदत नहीं बनाते या फिर, ये लगभग बन्द या कम चलती है।
लेफ्ट साइड की नाक जिसे चन्द्र नाड़ी या ठंडी नाड़ी भी कहते हैं। यही एक अकेली नाक दिमाग के साथ-साथ देह की ऊर्जा-शक्ति को क्षीण कर रही है। ज्यादातर लोगों की लेफ्ट नाक की सांस चलने के कारण वे, बीमारियों से घिर जाते हैं
हमें क्या करना चाहिए, तनाव रहित तथा स्वस्थ्य रहने के लिए….
नियमित सीधी नाक से गहरी-गहरी श्वांस लेकर नाभि तक ले जाकर रोकें। कम से कम एक दिन में 100 से 200 बार तक। इससे शरीर में जीवनीय शक्ति की बढ़ोतरी होगी। ऊर्जा-उमंग का संचार होगा। रक्त का संचरण नियमित होने लगेगा। पेट की तकलीफे, प्रमेह, मधुमेह, गुर्दा/किडनी, गुड तथा ह्रदय की समस्याओं का अंत होगा।
मानसिक तनाव छूमंतर हो जाएगा।
मन प्रसन्न रहेगा।
यदि थायराइड हो तो योग का कुंभक प्राणायाम 9 बार करें। यह जड़ से मिट जाएगा। मात्र 15 दिनों में।
अष्टाङ्ग ह्रदय, काय चिकित्सा, रसेन्द्र पुराण, चरक-सुश्रुत सहिंताओं तथा योगी की आत्मकथा आदि पुस्तकों में ऐसे अनेक प्राकृतिक उपायों का वर्णन है।
आप यह प्रयोग पूर्ण विश्वास के साथ आजमा कर देखें। चमत्कारी रूप से लाभ होगा। यदि फायदा दिखे, तो अन्य लोगों को भी प्रेरित करें।
सदैव सकारात्मक सोचें।
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इन दोनों का तीन महीने सेवन करें।
इसमें बादाम, जटामांसी, मालकांगनी, नागरमोथा,
अनंतमूल, ब्राह्मी, शंखपुष्पी आदि 35 से अधिक योगों का मिश्रण है, जो आपके दिमाग को ताकत देकर स्वस्थ्य-,प्रसन्न रखने में मदद करेगा।
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