बालों की बर्बादी-विश्व की विकराल बीमारी बन चुकी है।…..
@ आयुर्वेद नाड़ी सहिंता
आदि “संस्कृत सार श्लोक” के अनुसार
!!लावण्य केश धारणं!! -अर्थात-
काले, लम्बे, घनी जुल्फें,चमकदार केशों से ही महिलाओं में खूबसूरती व आकर्षण बढ़ता है। बाल से ही चाल में चंचलता और अदा आती है।
जुल्फें लम्बी होंगी, तो ही कोई, इतरा कर कह सकेगी–जुल्फ खुली रखती हूँ, मैं दिल बांधने के लिए !!अतः महिलाओं को बाल और माल (धन) ही निहाल कर समर्पण में सहायक है।
एक गंजे प्रेमी ने अपना अनुभव लिखा है कि
बार-बार सिर की कसम खाकर,
मेरे बालों का बेड़ागर्क कर दिया।
जाने-उपाय-उपचार-
बाल झड़ना-टूटना, रूसी, डेंड्रफ, गंजापन, सफेद होना आदि केशरोगों को रोकने का उपाय-उपचार और अपने घर में हीं 22/बाइस तरह की जड़ीबूटियों से बनाएं हर्बल स्पा।
वर्तमान काल में सन्सार असंख्य युवक-युवतियां केशरोग के क्लेश से कष्ट में हैं।
करोड़ों लोग चाहे स्त्री हो या पुरुष बाल झड़ने-टूटने, गिरने की समस्या से परेशान होकर अंदर ही अंदर टूटते जा रहे हैं।
नई उम्र के बालों का झड़ना, टूटना, पतले होना, पालित्य-खालित्य अर्थात रूसी व गंजपन आदि केश विकार युवक-युवतियों में आजकल यह एक गंभीर चिंता का विषय है।
खालित्य का खात्मा…
22 तरह के फायदे जानकर आप अचंभित हो जाएंगे। आयुर्वेद की इन 5 ओषधियों के खोपड़ी से बालों का खाली होते जाना ही खालित्य रोग कहलाता है। खालित्य संस्कृत शब्द है। आम बोलचाल की भाषा में इसे गंजापन कहा जाता है।
खालित्य को अंग्रेजी में अलोपेसिया अरीटा (Alopecia areata) बताया जा रहा है। बालों की यह खतरनाक बीमारी पाचनतंत्र की कमजोरी, पेट की खराबी से शुरू होती है। अधिकांश लोग इसके लिए बाहरी इलाज करते हैं, लेकिन अंदरूनी उपचार पर ध्यान नहीं देते।
अनेक अनुसंधान के बाद अमृतम ने कुन्तल केयर कॉम्बो जिसमें बालों के लिए 5 तरह की शुद्ध आयुर्वेदिक दवाओं का संग्रह है। जो आपकी काल-कवलित हो रहे केशों की सुरक्षा में मददगार साबित होंगे।
100 प्रतिशत चमत्कारी परिणामों के कारण कुन्तल केयर आज अमृतम का बेहतरीन ब्रांड बन चुका है। यह अमृतम का सर्वाधिक बिक्री होने वाले उत्पादों में से एक है। जिसको स्पॉट बाल्डनेस (सर के कुछ हिस्सों में बालों का नहीं होना) एक ऑटोइम्यून रोग हैंI जिसमे सर के कुछ या संपूर्ण हिस्से से बाल झड़ जाते हैं। इसमें बाल ज्यादातर सिर की त्वचा से ही झड़ते हैं क्यूंकि इसमें शरीर, स्वयं को ही पहचानना छोड़ देता हैं एवं अपने ही ऊतकों को नष्ट कर डालता हैं, जैसे की वो कोई आक्रमणकारी हो। प्रथम चरण में यह सर पर बाल रहित क्षेत्रों (गंजे धब्बों) का निशान बना देता हैंI 1-2 % मामलों में यह सारे शरीर में एवं पुरे एपिडर्मिस में फ़ैल जाता हैं।
एक उम्र के बाद बालों का सफेद होना स्वाभाविक है।लेकिन कम उम्र में बाल सफेद होना चिंता का विषय है।परंतु आजकल यह समस्या आमतौर पर देखने को मिल रही है।छोटे-छोटे बच्चों के बाल सफेद होते जा रहे हैं।
इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं-
विटामिन B-12 की कमी होना
तनाव का होना
केमिकल युक्त तेल का बालों में प्रयोग करना
खुशबूदार तेल अधिक से अधिक बालों में लगाना
वंशानुगत होना
घर में एक ही कंघी का प्रयोग करना बालों के सफेद होने का कारण हो सकता है। कुछ लोग एक ही कंघी का घर में प्रयोग करते हैं जिसके कारण बच्चों के भी बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं।
अत्यधिक धूप में रहना
प्रदूषण युक्त वातावरण में रहना
अत्यधिक शैंपू का प्रयोग करना
बालों को सूखा रखना
पोषण युक्त आहार का ना लेना
खाने में हरी सब्जियों का प्रयोग ना करना
किसी बीमारी का होना
अधिक देर तक मोबाइल चलाना
इस तरह से बाल सफेद होने के कई कारण हो सकते हैं। परंतु इसका कोई निश्चित कारण नहीं है।
परंतु कुछ बातों का ध्यान रखकर हम बालों को सफेद होने से बचा सकते है-
बालों को अच्छी तरह से साफ रखना, अपनी कंघी अलग रखना, शैंपू का अधिक प्रयोग ना करना।सप्ताह में एक या दो बार ही शैंपू का प्रयोग करना दही या दूध से बालों को धोना
पोषण युक्त आहार लेना, रोजाना दूध पीना, मांस ,मछली व अंडे का प्रयोग करना, बालों को बाहरी प्रदूषण, धूल, मिट्टी इत्यादि से बचाकर रखना, सप्ताह में दो या तीन बार अच्छी प्रकार से बालों में अच्छे तेल से मसाज करना
तनाव मुक्त रहना।
इस तरह से अगर हम अपने बालों की देखभाल करते हैं तो हम अपने बालों को असमय सफेद होने से बचा सकते हैं।
पुराने समय में हमारी दादी-नानी कहती थी कि-
जब मजबूत हों जड़े, तो काहे को बाल झड़े….
खोपड़ी की जड़े मजबूत रहती हैं, मजबूत इम्युनिटी से, जिसे अच्छे खानपान एवं आयुर्वेदिक अनुपान से पाया जा सकता है।
क्यों झड़ते हैं बाल….
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की वजह से जब सिर की खाल में कोशिकाएं खुद की मरम्मत करने में नाक़ाम हो जाती हैं, तो तेजी से गुच्छों के रूप में बाल टूटने लगते हैं। ऐसे में इम्युनिटी को मजबूत करना पहला काम है।
एक वजह तनातनी और तनाव भी है-
बुजुर्गों की यह बात बहुत बेहतरीन बैठती है कि- हमारे जमाने में नाव चला करती थी, लेकिन अब तनाव चल रहा है। तनाव… तन की नाव डूबा देता है।
कुछ आयुष विशेषज्ञ के अलावा हेयर केयर वैज्ञानिक भी मानते हैं कि-शरीर में इम्युनिटी की कमी से बाल, गाल, चाल, ढाल, खाल, ख्याल और मस्तिष्क का मायाजाल का जादू बिखरने लगता है। अतः बीमारी नारी-कुंवारी को हो या ब्रह्मचारी को, इलाज की तैयारी न करने से यह महामारी बन जाती है।
बालों की बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते हों, तो एक महीने उपयोग करें-
हेम्प युक्त कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा—
पूर्णतः केमिकल मुक्त, हानिरहित एक शुद्ध हर्बल उत्पाद से उपचार करें। इसे बहुत ही हल्के हाथ से उंगलियों की पोरों से बालों की जड़ों में लगाकर 40 से 50 मिनिट या और अधिक समय तक सूखने दीजिए और बाल धो लीजिए, इससे बाल मजबूत होने लगेंगे। यह बालों का भरपूर पोषण करता है।
मेटाबोलिज्म को मजबूत तथा पाचनतंत्र को ठीक करने के लिए कुन्तल केयर हर्बल माल्ट का सेवन अत्यन्त हितकारी है।
निम्नलिखित केश विकारों में लाभकारी है-
■ सर पर सफेद लाइन दिखाई देना
■ गंजापन नज़र आना
■ सर में सफेद स्पॉट दिखना
■ नाखुन का पतला होना व टूटना
■ नाखुनो की चमक खत्म होना
■ खोपड़ी में खारिश होना अनेक
अंदरूनी तकलीफों को पनपने नहीं देता।
बाल झड़ रहे हैं, तो देख लेंगे।
यदि आप ऐसा सोचते हैं,
तो सावधान हो जाईये….
का इस्तेमाल 3 माह तक शुरू कर दीजिए।
कुन्तल केयर के 5 असरदायक फायदे …
■ बालों का झड़ना-टूटना तत्काल रोकता है।
■ मानसिक शांति प्रदाता है।
■ अनिद्रा को दूर करता है।
■ दिमाग को तनाव रहित बनाता है।
■ खोपड़ी की मांसपेशियों को मजबूती देता है।
कुन्तल केयर माल्ट क्यों जरूरी है-
हमारा शरीर खुद ‘विटामिन सी’ नहीं बना सकता इसलिए ज़रूरी है कि आप ऐसी चीज़ें खाएं और पियें जिनमे विटामिन सी की उच्च मात्रा हो।
विटामिन सी की कमी से बाल कमज़ोर, कान्ति विहीन हो जाते हैं और बार-बार टूटते हैं। हमारा शरीर विटामिन सी का उपयोग कोलेजन (collagen) बनाने के लिए करता है जो बालों की वृद्धि के लिए ज़रूरी है।
भावप्रकाश निघण्टु,
आयुर्वेदिक निघण्टु के मुताबिक
आँवला में सर्वाधिक विटामिन सी होता है।
कुन्तल केयर माल्ट में आँवला मु
कुन्तल केयर हर्बल माल्ट में मिले सेव मुरब्बे का गुणधर्म…
एनीमिया, कम रक्त गणना और ग्रंथिशोथ यानि थायराइड की असामान्यता भी शारीरिक तनावों के रूप में काम करते हैं क्योंकि ये बालों के विकास में रूकावट बनकर प्रत्यक्ष रूप से योगदान देते हैं! सेव मुरब्बा इस सब तकलीफों का निदान करता है।
अपने बालों को दें अपार शक्ति
सहायक सप्लीमेंट ओषधि के रूप में
कुन्तल केयर हर्बल हेयर माल्ट
सुबह खाली पेट तथा रात्रि में
1से 2 चम्मच गुनगुने दूध के साथ
3 महीने तक लगातार लेवें ।
इसके नियमित सेवन से सभी केशवर्द्धक
विटामिन्स, प्रोटीन की पूर्ति होती है।
बालों को ताकत मिलती है।
ओनली ऑनलाइन उपलब्ध
केेेशवर्द्धक अमृतम चिकित्सा-उपाय…
कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा हेम्प युक्त
उपरोक्त 5 प्रकार के अमृतम उत्पादों से अपने बालों का सम्पूर्ण उपचार बिना किसी नुकसान के कर सकते हैं।
बालों के जड़ों की कमजोरी मिटाने वाली केशनाशक कुन्तल केयर हर्बल माल्ट या चटनी इसे आयुर्वेदिक अवलेह भी कहते हैं। यह रोगप्रतिरोधक क्षमता को बलशाली बनाता है।
कुन्तल केयर माल्ट बालों को सफेद होने से रोकता है।क्योंकि कमजोर पाचनतंत्र यानि मेटाबॉलिज्म और इम्युनिटी शक्तिहीन होने के कारण भी बाल जल्दी सफेद होते हैं। टूटने-झड़ने भी लगते हैं।
आयुर्वेदाचार्यों के मुताबिक ढलती-बढ़ती उम्र, प्रदूषण और आज के समय की जीवनशैली के कारण उम्र से पहले ही बाल सफेद होने लगते हैं।
अमृतम फार्मास्युटिकल्स, ग्वालियर म.प्र. ने कुन्तल केयर हर्बल हेयर माल्ट के रूप में तैयार किया है। अमृतम देेेश की पहली हर्बल निर्माता कम्पनी है, जो सभी तरह के साध्य-असाध्य तथा हर प्रकार के रोग-विकारों के लिए पूर्णतः केमिकल रहित 45 तरह के असरकारी हर्बल माल्ट का निर्माण कर रही है।
हालांकि पुराने बाल झड़ना एव नवीन केश आना एक अच्छी बात है। यह बेहतरीन इम्यून सिस्टम की निशानी है। लेकिन सामान्य से अधिक बहुत बाल झड़ रहे हैं, तो यह खतरे की घण्टी है। बाल झड़ने की वजह सबकी अलग-अलग हो सकती है जैसे-
# बालों के प्रति लापरवाही बरतना या
# बालों की सही देखभाल न करना,
# हर बार उत्पाद बदलना,
# तनाव, इन्फेक्शन,
# हार्मोन्स का असंतुलन,
# पोषक पदार्थों की कमी,
# अंग्रेजी दवाओं का दुष्प्रभाव आदि
# अधिक रसायनिक घटिया साबुन और
# शैंपू का प्रयोग आदि
कई कारण हो सकते है। इसके लिए
हेम्प युक्त कुन्तल केयर हेयर स्पा
बेहतरीन आयुर्वेदिक इलाज है।
किताबों के किबाड़ खोलें, तो…..
@ वनोषधि विशेषांक,
@ जंगल की दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ
@ आयुर्वेदिक केशोपचार
@-बालों की प्राकृतिक चिकित्सा आदि
पुस्तकों में भी केशनाशक ऐसे अद्भुत
इलाज हैं, जिनके उपयोग से दोमुहें होना बालों का झड़ना, टूटना, रूखापन, गंजपन, रूसी (डेन्ड्रफ) मानसिक अशांति आदि बहुत से केश विकारों को मिटाकर बालों को काला, लम्बा, घना, मुलायम तथा चमकदार बनाया जा सकता है। इन घरेलू नुस्खों से हमेशा के लिए केशपतन बन्द हो जाता है।
22 बूटियों से करें बालों का उपचार….
कुन्तल केयर माल्ट में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले द्रव्यों का सन्तुलित मिश्रण है। इसमें बाल वृद्धि के लिए असरदार ओषधि त्रिफला अवलेह में मिश्रण किया है, जो बाल की जड़ों को ताकत देकर इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रांग बनाता है। कुन्तल केयर में भृङ्गराज को इसलिए मिलाया है क्यों की यह बालों को घना, लम्बा करने के साथ-साथ यकॄत की क्रियायों को ठीक करती है। भ्रंग्रराज लिवर को ताकत देता है।
प्राचीनकाल में महिलाएं अपने बालों को झड़ने-टूटने,गिरने से बचाने और जड़ों को
मजबूत बनाने के लिए देशी जड़ीबूटियों
से घर में बनाती थी- हेम्प हेयर स्पा…
यह सब शुद्ध ओषधियां गाँव और जंगलों
में पाई जाती हैं। यह ज्ञान भारत के
आदिवासियों, शहरियों, जंगल में वास
करने वाले लोगों के पास यह आज भी
उपलब्ध है।
आवश्यक बाइस-२२ प्रकार के घटक-द्रव्य…
【१】त्रिफला
त्रिफला तीन फलों से बना एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फॉर्मुला है।
यह बाल गिरने से रोकने तथा रूसी मिटाने
के लिए मददगार है।
इमोशनल इंटेलीजेंस को विकसित करता है
【२】हेम्प ओषधि
तनाव दूर कर नींद लाता है
【३】विभितकी,
बालों का झड़ना-टूटना, गिरना रोकने और बालों की वृद्धि के लिए चमत्कारी है।
【४】बादाम, बुद्धिवर्द्धक होता है।
【५】भृङ्गराज,
बालों का महाराज-भृङ्गराज
अकाल या कम उम्र में बालों का सफेदी से बचाने हेतु यह औषधि अत्यंत प्रभावी है । नए काले केश उगाने में सहायक।
【६】शिकाकाई,
बालों को झड़ने, कमजोर होने से रोके।
【७】हरश्रृंगार,
स्किल managment की सफलता में
यह विशेष उपयोगी। तनावरहित बनाता है
【८】गुड़हल पुष्प
गुड़हल पुष्प प्राकृतिक स्त्रोतों से
इनोसिटोल, पेंटोथेनिक एसिड, फोलिक एसिड पैरा अमीनों बेंजोइक एसिड की कमी पूरी करता है। स्वच्छतार्थ सन्देश वाहक है।
【९】नीम-रूसी,खोंची नाशक
【१०】रीठा-जड़ों से गन्दगी मिटाता है।
【११】मैथीदाना-मजबूती देता है।
【१२】लोंकी बीज-लम्बे बनाता है
【१३】मेहंदी,
में भरपूर पोषण होता है, जो बालों के लिए फायदेमंद है, इसलिए बालों में मेहंदी लगानी लाभकारी रहता है।
【१४】नारिकेल गरी-बालों को चमकदार बनाकर कला करता है।
【१५】नागरमोथा-
अनुचित केशों को उपयोगी बनाता है।
【१६】बालछड़ {जटामांसी}
सिर में खुले घूम रहे हजारों कीटाणुओं
कोमल विसर्जन (पाखाने) द्वारा बाहर निकालता है।
【१७】 सीताफल बालों के दुष्कर्मियों को पकड़कर केशधोवन द्वारा दूर करता है। सीताफल के पत्ते बाल झड़ने से खोपड़ी यानि स्कैल्प पर बन रहे हैं छोटे पैचेज, “एलोपेसिया एरेटा” आदि समस्याओं का अंत करने में उपयोगी हैैं।
【१८】हराधनिया,
【१९】हरीतकी
【२०】शमीपत्र,
【२१】प्याज का रस
【२२】निम्बू का छिलका-प्रदूषण नाशक।
【२३】शंखपुष्पी-
बालों को बिगाड़ने व वारदात करने वाले तन्तुओं को को नष्ट करने में सहायक है।
【२४】लौंग सडनरोधक है।
आदि अनेक रुखड़ियों को इकट्ठा करके इन्हें कूटकर किसी मिट्टी के पात्र (घड़े) में १६ गुना पानी मिलाकर 24 घण्टे गलने छोड़ देती थी।तत्पश्चात महिलाएं दूसरे दिन धीमी आँच अर्थात मन्द-मन्द अग्नि में इसे 3 या 4 दिन इसे तब तक उबालती थी, जब तक एक चौथाई न रह जाए।
हर्बल हेयर स्पा/काढ़ा बनाने का घरेलू तरीका-
जब पानी एक चौथाई रह जाता एवं बहुत
गाद जैसा गाढ़ा,काढ़ा होने पर उसे 2 या
3 दिन तक ठंडा कर, छानकर काँच की
शीशी में भरकर रख लेती थी।
हेम्प युक्त हेयर स्पा के उपयोग का तरीका
रोज नहाने से पहले या बाद तथा
रात्रि में इस केशनाशक आयुर्वेदिक
काढ़े गाढ़े गाद (स्पा) को बालों की
जड़ों में हल्के-हल्के हाथ से,उंगलियों
के पोरों से लगाके सुखाया करते थे।
दूसरे दिन महिलाएं बिना साबुन-शेम्पो
के बाल धो लिया करती थी, फिर बाल
सुखाने के बाद कंघी की जाती थी ।
यह थी प्राचीन भारत की पुरानी परंपरा
व केश चिकित्सा। चाहे, तो आज की युवा
पीढ़ी, नवयोवनाएँ अपनी दादी, परदादी, नानी, परनानी, बुआ, ताई, मौसी, चाची या गाँव की किसी बुजुर्ग महिलाओं से बेहाल बाल बचाने का प्राकृतिक ज्ञान ले सकती हैं।
आदिकालीन आयुर्वेदिक उपचार..
हर घर,हर गाँव में इस हर्बल स्पा का उपयोग प्रबुद्ध या अनपढ़ स्त्री, नवयौवना, महिलाएं, रानी-महारानी,पटरानी व पुरुष सभी किया करते थे।
इसी हर्बल स्पा की वजह से ही केरल एवं साउथ की महिलाओं के बाल बहुत ही सुंदर,चमकीले तथा खूबसूरत व घने, काले, लम्बे होते हैं। बालों को हर-बल देता- हर्बल काढ़ा ही वर्तमान युग का हेम्प युक्त हेयर स्पा है, जिसे दुनिया में पहली बार अमृतम द्वारा
“कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा” हेम्प युक्त
के नाम से तैयार किया है।
रोज-रोज धोने का झंझट भी नहीं।
कुन्तल केयर स्पा लगाओ..फिर सुखाकर काम पर निकल जाओ। कामकाजी महिलाओ के लिए अजूबा है यह उत्पाद।
यह हर्बल स्पा बालों का झड़ना, टूटना, पतला होना रूस आदि की शिकायत तो दूर करता ही है साथ ही सोने से 1 घण्टे पहले लगाने पर माइग्रेन ओर अनिद्रा की तकलीफ को भी मिटाता है। यह आयुर्वेद की 5000 वर्ष से अधिक पुरानी किताबों के अनुसार निर्मित है।
तलाबों, हाथ-पैरों की जलन का सीधा सम्बन्ध हमारे मस्तिष्क से है कभी सोच है आपने।
जब मस्तिष्क में गर्मी शांत होगी, तो पूरे तन-मन को परम शांति का अनुभव होता है।
दिमाग को सकारात्मक और संतुलित बनाये रखने के लिए इसमें ब्राह्मी, जटामांसी, मेहदी आदि का मिश्रण किया है।
इसमें हेयर फॉल, हेयर लॉस और डेन्ड्रफ
के लिए काफी कारगर जड़ीबूटियों का समावेश है।
कुन्तल केयर में मिले कुछ जादूई हर्ब बालछड़, भृङ्गराज, विभितकी, हेम्प, आंवला और ब्राह्मी बालों की रीग्रोथ का बहुत उम्दा एजेंट है।
हेम्प युक्त कुन्तल केयर हाइपोएलर्जिक, बालों की जड़ों में सड़न, बदबू और सेंसेटिव स्किन बालों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है।
आप फीके-रूखे, चमकहीन, डल हो चुके बालों में जादू देखना चाहते हैं, तो ये आपके लिए बेहतरीन उत्पाद है।
हेम्प के बीज में 21 एमिनो एसिड होते हैं जिनका शरीर द्वारा निर्माण नहीं हो सकता है। इसलिए हेम्प के बीज एक सम्पूर्ण प्रोटीन है।
यह निम्न केश विकारों का नाशक है….
[] केश पतन, रूसी, रूखापन
[] जुंए-लीख पड़ना, संडान्ध
[] दोमुहें केश, पतला होना
[] बालों का झड़ना-टूटना,
आदि समस्याओं का अन्त…तुरन्त या
4 से 5 दिनों में दूर कर बालों की जड़ों
को मजबूत बनाकर यह ओषधि पूरी
तरह दिमाग को तनाव रहित कर देती है।
यह मानसिक शान्ति प्रदान करता है।
बालों की जड़ों को मजबूत करने वाला
हेम्प युक्त हर्बल हेयर सप्लीमेंट
अमृतम आयुर्वेद के प्राचीन शास्त्र
★-केशविकारम
★-केशधारणं
★-विपाक वा शक्ति
★-धन्वन्तरि निघण्टु आदि चिकित्सा
ग्रन्थों में भी वर्णित है।
आ बैल मोहे मार–
यह एक पुरानी कहावत है कि हमारी
नासमझी व लापरवाही के कारण ही
तन का पतन होने लगता है।
वर्तमान युग में खुशबू, केमिकल युक्त तेल, साबुन, शेम्पो से हमारे बालों की जड़े कमजोर होने लगती हैं। इसका दुष्प्रभाव
यह होता कि- प्रतिदिन गुच्छों के
रूप में बेशुमार बाल टूटने लग जाते हैं।
बालों की बीमारियां….
अलोपेसिया अरीटा (Alopecia areata) बालों की एक ऑटोइम्यून बीमारी….
बालों की यह बीमारी अत्यन्त चिंताजनक है।
इस खतरनाक केश विकार में
पीड़ितों के सिर के कुछ हिस्सों
में बालों का नहीं होना (स्पॉट बाल्डनेस)
को एक ऑटोइम्यून बीमारी के नाम से जाना जाता है। इस केश रोग में सिर के बीच वाले भाग से बाल झड़ जाते हैं। इस केशरोग में
हेम्प युक्त कुन्तल केयर स्पा लाभकारी है।
रूसी-खोंची-झड़न मिटाए…..
सिर में मरी हुई त्वचा के कणों को रूसी
या डेन्ड्रफ कहते हैं।
यह केश विकार युवा पीढ़ी में अधिक पाया जाने लगा है। ज्यादातर युवक-युवतियों को यह पता नहीं होता कि उनके बालों में होने वाली रूसी तैलीय है या रूखी।
रूसी बालों की सबसे बड़ी शत्रु है।
इस केश विकार से चमक नष्ट होने
लगती है। बाल आकर्षण खो देते हैं।
बालों में कंघी करते समय रूसी बाहर निकलकर वस्त्रों पर गिरने लगती है।
यह खोपड़ी पर दाने या पपड़ी
के रूप में भी निकल सकती है।
यदि तुरन्त रूसी की सफाई न की जाए,
तो यह बाल निकलने वाले स्थान यानि रोमकूपों को बंद कर देती है।
रूखी, रूसी के कीटाणु अतिसूक्ष्म होते
हैं, जो सिर की खाल से चिपककर बालों
में छुपे रहते हैं। रूखी, रूसी से बालों में
बहुत खुजली होती है। बालों के झड़ने-
टूटने का आरम्भ यहीं से होता है।
तैलीय रूसी की पहचान है कि-
तेलीय ग्रंथि (सीबम) डेन्ड्रफ के
छोटे कणों से मिली होती है।
क्या वजह है-रूसी (डेन्ड्रफ) होने की…..
तन में तनिक सी भी तकलीफ होने पर तुरन्त अंग्रेजी दवाओं के सेवन से, नियमित नियम धर्म अव्यवस्थित होने से, दूषित भोजन खानपान करने के कारण वात-पित्त, कफ विषम होने लग जाता है।
त्रिदोष से शरीर का अंदरूनी सिस्टम या
ऑटोइम्यून गड़बड़ा जाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली रोगों से लड़ नहीं पाती
और धीरे-धीरे शरीर में दूषित द्रव्य जमा होकर संक्रमित हो जाता है। भावनात्मक तनाव के कारण भी हो खोपड़ी में रूसी
की समस्या हो सकती है।
हेम्प युक्त कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा बालों से रूसी को स्थाई रूप से खत्म करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार है।
क्यों होता है-हेयर फॉल….
वैज्ञानिकों की रिसर्च के मुताबिक
अप्राकृतिक और भौतिक रसायनों, सिन्थेटिक केमिकल्स से निर्मित
हेयर ऑइल तथा शेम्पू के इस्तेमाल से
“हेयर फोलिकल”
(बाल उगाने वाली कोशिकायें)
तेजी से सिकुड़ने लगती हैं, जिससे बाल दिनों-दिन पतले,कमजोर होकर गिरने लगते हैं। सिर की त्वचा में रक्तसंचार न पाने के कारण हेयर फोलिकल इतने सिकुड़ जाते हैं कि सिर पर नये बाल निकलना स्थाई तौर पर बन्द होकर गंजापन आने लगता है।
दुष्प्रभाव- जवानी की दहलीज पर चढ़ने पहले ही युवावस्था को नष्ट कर देता है। लड़कियों की अदा-सदा के लिए नेस्तनाबूद होने लग जाती है।
कम उम्र में गंजापन आने लगता है।
इससे उनके आकर्षण एवं आत्मविश्वास
पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अमेरिका के एस.बी.एम.आर.आई.
के केश शोधकर्ताओं ने दुनिया को आगाह किया है कि बालों का बचाव केवल
प्राकृतिक चिकित्सा, अमृतम आयुर्वेदिक दवाओं द्वारा ही सम्भव है।
शोधकर्ताओं ने विशेषकर महिलाओं को
चेताया है कि अपने बालों के प्रति लापरवाह न रहें अन्यथा सुंदरता तबाह हो जाएगी। दुनिया में इम्यून सिस्टम के विकृत होने
से भी भविष्य में गंजों की भरमार होगी।
विनाशकारी व्याधियों की वजह…
शारीरिक गतिविधियों की कमी, आलस्य,
सुस्ती से शारीरिक शिथिलता आने लगती है।
हमारे अन्दर का रक्तसंचार (ब्लड सर्कुलेशन)
अवरुद्ध पड़ जाता है। इस कारण जहाँ से बाल उगते हैं, उन कोशिकाओं, छिद्रों को,
आवश्यकता अनुसार पोषक तत्त्व नहीं मिल पाते इससे बालों की जड़ें कमज़ोर होने से बाल गिरने, झड़ने-टूटने लगते हैं।
रोजाना 10 से 12 गिलास पानी पीने, नियमित कसरत या शारीरिक श्रम से हमारी रक्तवाहिनियों में रक्तसंचार सुचारू रूप से चलायमान होने लगता है। शिथिल अवयवों में सुधार होता है हमारे अन्दर किसी भी रोग को रोकने की शक्ति पैदा होती है। हमारे बालों की जड़ें भी मज़बूत हो जाती हैं।
आयुर्वेद ग्रंथ ‘केश-विन्यास’ की संस्कृत टीका में उल्लेख है कि सामान्य तौर पर प्रतिदिन 50 बाल सिर की खाल से अलग हो जाते हैं। यदि इससे ज्यादा बाल, सिर की खाल से रोज झड़े, गिरे या टूटे, तो निश्चित ही गंजापन का पंजा शुरू होने वाला है। इसका एक कारण तन में त्रिदोष एवं रेजिस्टेंस पॉवर की क्षीणता भी हो सकता है।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा (हेम्प युक्त) आयुर्वेदिक 100%, जो
बालों को रंगीन नहीं, बेहतरीन बनाता है..
■ बालों को पोषण दे।
■ बालों का झड़ना-टूटना बन्द करे।
■ नये बाल उगाने में सहायक है।
■ रूसी/डैंड्रफ जड़ से दूर करे
■ बालों को पकना, सफेद होना रोके
■ खालित्य और पालित्य रोग मिटाये
■ बालों को लम्बा, घना, काला, मुलायम और चमकदार बनाये।
आदमी की आफत….एक शोध में पता लगा है कि- दुनिया में आदमी ही सर्वाधिक गंजे पाए जाते हैं। आदमी गांजा पीता हो, तो एक बार चल जाएगा, लेकिन गंजा होने के कारण इस युग की लड़कियाँ, स्त्री, महिलाएं इन्हें कम पसन्द करती हैं।
बालों की कजबूती के लिए खाने वाली ओषधि—
-कुन्तल केयर हर्बल माल्ट…
महिलाओं की मेहनत–
पुराने समय में महिलाएं केशनाशक ओषधि के रूप में एक हर्बल चटनी (अवलेह) बनाती थी जिसमें-: सेव का मुरब्बा, आँवला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, गुलकन्द, छुआरा, बादाम, सोंठ, त्रिकटु, त्रिसुगन्ध, आदि मसाले अच्छी तरह पीसकर 8 से 10 दिनों तक देसी घी में सिकाई कर, कुछ उपरोक्त जड़ीबूटियों के काढ़े को मिलाकर में पकाकर, ठंडा होने पर कुछ पौष्टिक, प्रोटीन युक्त मसाले मिलाकर रख लेती थीं।
हर्बल चटनी के रूप में यह कुन्तल केयर माल्ट प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवा उदर रोगों का सफाया कर पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है। क्योंकि यह अवलेह रस, रक्त, सप्तधातु एवं इम्युनिटी बढ़ाने में विशेष कारगर हैं।
कुन्तल केयर हर्बल माल्ट का सेवन अनेक अज्ञात असाध्य रोगों से शरीर की सुरक्षा करने में मददगार है। देह में संक्रमण से होने वाले विकारों से भी बचाता है, जिससे केशविकारों, वात विकार, यकृत विकार जैसे तन में पनप ही नहीं पाते।
अमृतम का अमृत आयुर्वेद का यह प्राचीन योग हर्बल चटनी जो कि वर्तमान में माल्ट के रूप में ‘अमृतम’ में आसानी से उपलब्ध है। अमृतम द्वारा कुन्तल केयर माल्ट के नाम से इसे निर्मित किया है। यह हजारों साल पुरानी पद्धति है।
कुन्तल केयर हर्बल माल्ट सेवन विधि– देशी पध्दति से निर्मित इस माल्ट (अवलेह या चटनी) को सुबह खाली पेट और रात्रि में सोते वक्त 2 से 3 चम्मच गुनगुने दूध से दिन में 2 या 3 बार तीन माह तक लेवें।
कुन्तल केयर हर्बल माल्ट के निरन्तर लेने से बुढ़ापे में भी बाल बहुत लम्बे,घने,काले रहेंगे। दक्षिण भारत, केरल आदि स्थानों पर आज भी इन महिलाओं के काले चमकदार केश होने का रहस्य ऐसी ही हर्बल अवलेह की वजह से आज भी देखा जा सकता है।
अमृतम फार्मास्युटिकल्स द्वारा सर्वरोग नाशक 100 से अधिक निर्मित हर्बल प्रोडक्ट की विस्तार से अनेक जानकारी हमारी वेवसाईट पर उपलब्ध है।
अंत में निवेदन—
हमें बीमारी उतनी जल्दी नहीं मारती, जितना बीमारी का डर मार देता है।
देश को दो ही चीजों ने परेशान कर रखा है-
सरकारों को ज्ञापन ने और कुंआरों को विज्ञापन ने
अतः विज्ञापन से बचें। बालों की वृद्धि हेतु देशी-पुरानी पद्धतियों एवं आयुर्वेद को अपनायें।
बालों पर बेवाक, विवाद रहित व्यंग्य- विचार—-
मुनव्वर राना फरमाते हैं-
कुछ बिखरी हुई यादों के क़िस्से भी बहुत थे,
कुछ उस ने भी बालों को खुला छोड़ दिया था!!
हैदर अली आतिश ने लिखा है-
देखी थी एक रात तिरी ज़ुल्फ़ ख़्वाब में,
फिर जब तलक जिया मैं परेशान ही रहा!
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