- दांत में कीड़े एक- दिन या महीने में नहीं लगते। हमारी लापरवाही ही है,
- जिससे दांत…साथ छोड़कर हाथ से निकल जाते हैं।
- गर्म-गर्म भोजन या चाय के बाद अक्सर लोग ठंडा पानी पीने लेते हैं।
- इसके अलावा गहनों तक दांतों में ब्रश चलाने से, दांत साफ न करने की वजह से दांतों में मवाद पड़ना शुरू हो जाता है।
- इसे पायरिया रोग भी कहते हैं।
- यही पायरिया बाद में दांत में अनेक विकार पैदा करता है, जिसमें दाँत में कीड़े लगना भी शामिल है।
- आयुर्वेदिक ग्रन्थ आयुर्वेद सार संग्रह, , आयुर्वेद चंद्रोदय आदि किताबों में दांत-मसूड़ों को मजबूत बनाने के कुछ घरेलू उपाय बताएं हैं- जिन्हें आजमाकर देख सकते हैं।
- प्राचीनकाल में अधिकतर लोग तर्जनी उंगली से मंजन करते थे। अंगूठे और मध्यमा उंगली के बीच जो उंगली होती है,
- उसे अग्नि तत्व की तर्जनी उंगली कहते हैं। इस उंगली के नीचे गुरू पर्वत यानी गुरु का स्थान होता है।
- धन्वंतरि निघण्टु के अनुसार अग्नितत्व तर्जनी उंगली से मंजन करें, तो दांतों को ऊर्जा मिलती है, जिससे दन्तविकार नष्ट हो जाते हैं।
- आजकल लोगों ने तर्जनी उंगली से मंजन करना छोड़ दिया है।
- कुछ समय से दन्तरोग से परेशान पीडितों ने इसी पुरानी परंपराआ को अपनाया, तो उनके दांतों में बहुत आराम मिला।
- आप चाहें, तो 33 से अधिक दन्तविकार नाशक जड़ीबूटियों से निर्मित अमृतम डेन्ट की मंजन का तर्जनी उंगली से मंजन करके दांत में लगे कीड़ों से मुक्ति पा सकते हैं।
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दांत-मसूढ़े में कीड़े लगना और दर्द का कारण…
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- दांतो में दर्द होने के के कई कारण हो सकते हैं। कभी दांतों में कीड़े लग जाने की वजह से दर्द उठता है
- तो कभी मसूढ़ों में किसी तकलीफ की वजह से दांत दर्द करने लगते हैं।
- कभी-कभी दांतो की जड़ें काफी ढीली हो जाती हैं। इस वजह से भी दांतों में असहनीय पीड़ा होती है।
- ऐसी स्थिति में सही से ब्रश कर पाना काफी मुश्किल होता है और सांसों से बदबू आना भी शुरू हो जाता है।
- जब हम कुछ खाते हैं तो कुछ हिस्सा दांतों पर ही रह जाता है. जैसे सब्जी का दांतों में फंस जाना आदि।
- गर्म के बाद ठंडे खाना या पीना।
- अधिक तम्बाकू का उपयोग।
- यह चीजें दांतों में सड़न पैदा करती हैं।
- जिससे दांत धीरे-धीरे कमजोर होते जाते हैं..
- खाना खाने के बाद हम कुल्ला नहीं करते जिसकी वजह से दांत ठीक से सांफ नहीं हो पाते हैं!
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दातों की 16..दास्तान को दण्डवत करें…
- जो लोग कोल्ड ड्रिंक ज्यादा पीते हैं, उन्हें दातों की सड़न बदबू और कमजोरी होने की संभावना 62 फ़ीसदी तक बढ़ जाती है।
- ब्रश करने से दांत केवल ६० तक ही साफ होते हैं और ब्रश करने में हर आदमी को अपने जीवन के 39 दिन इसमें खर्च होते हैं।
- दाहिने हाथ से काम करने वाले भोजन को अपने दाहिने जबड़े से चबाते हैं और लेफ्ट हेंडर्स लोग लेफ्ट साइड से भोजन चबाते हैं।
- दांत की कुल लंबाई का एक तिहाई हिस्सा हमारे मसूढों के नीचे छुपा हुआ होता है, जो हमें दिखाई नहीं देता।
- हमारे शरीर का सबसे मजबूत हिस्सा हमारे दांतो का ऊपरी भाग है।
- उंगलियों के निशानों की तरह हमारे दांतों के निशान भी अलग-अलग होते हैं!
- दुनिया में सबसे महंगा दांत सर आइज़क न्यूटन का था सन 1816 में उनके दांत को लगभग $4000/- में बेचा गया था।
- दांतो के महलिया मवाद में लगभग 300 तरह के बैक्टीरिया वायरस मौजूद होते हैं जो दांतों में कीड़ा लगने का कारण बनते हैं।
- दांतों में पाया जाने वाला पलेक एक तरह का अवशेष है, जो मुंह में अधिक वायरस बैक्टीरिया के बनने से बनता है।
- हमारे मुंह में चार अलग-अलग तरह के दांत पाए जाते हैं
- दांतो का असली रंग हल्का पीला ही होता है इसलिए इन्हें सफेद करने की कोशिश कभी ना करें।
- मनुष्यों के दांत दो प्रकार के होते हैं दूध के दांत और स्थायी एक बार स्थाई दांत टूट जाने से वापस नहीं आते बल्कि नकली दांत लगवाने पड़ते हैं।
- हमारे मुंह में चार अलग-अलग प्रकार के दांत पाए जाते हैं।
- दांतो का जो भाग हमें दिखाई देता है उसे क्राउन कहा जाता है।
- बच्चों में 20 दांत होते जबकि बड़ों के 32 होते हैं।
- एक कुत्ते के 42 दांत होते बिल्ली के 30 और हाथी के 26 दांत होते हैं।
आयुर्वेद सहिंता, आयुर्वेद चंद्रोदय, अष्टाङ्ग ह्रदय एवं चरक सहिंता आदि ग्रन्थों में दांतों को कीड़ों से बचाने तथा..
हिलते हुए दांत, कमजोर मसूड़े और मुंह को मजबूत बनाने के कुछ घरेलू उपाय बताएं हैं……
निम्नलिखित ये 15 उपचार आपके दांतों को राहत दे सकते हैं।
【1】पेस्ट छोड़कर नीम, बबूल की दातुन करें।
【2】आयुर्वेदिक ओषधि युक्त डेन्ट की मंजन amrutam Dentkey manjan तनिष्का (अग्नितत्व) उंगली से करके 10 मिनिट बाद कुल्ला करें।
अमरूद का खाली पेट सेवन करें।
【3】1 या 2 लौंग रात को दांतों के नीचे दवाकर सोएं।
【4】कब्ज न होने देंवें।
【5】पेट साफ नहीं रहता हो, तो
अमृतम टेबलेट की 1 या 2 गोली रात को सोते समय सादे जल से लेवें।
【6】गर्म चीज के तुरन्त बाद ठंडा न लेवें।
【7】सुबह फ्रेश होते समय अपने दांतों को अच्छी तरह भींच लेवें।
【8】मूत्र विसर्जन के समय दांतों को दबाकर रखें।
【9】मुख से श्वांस न लेवें।
【10】वादी की चीजें न खाएं।
【11】लिवर को शिथिल न होने दें।
【12】वात-पित्त-कफ को संतुलित रखें।
【13】दाँत भींच कर गहरी श्वांस लेवें और नाभि तक ले जाकर रोकें। फिर छोड़े। यह प्रयोग प्रतिदिन 100 बार करें।
【14】भोजन बहुत ही धीरे-धीरे, चबा चबाकर करें।
【15】सुबह उठते ही 2 से 3 ग्लास सादा जल पियें।
दांतों की खराबी का कारण है लगातार पेट का साफ न होना, कब्ज बनी रहना ।
आयुर्वेद के अनुसार उदर विकार की वजह से ही अनेकों रोग एवं बैक्टेरिया पनपते हैं।
दांतों की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए दुनिया का पहला आयुर्वेदक अवलेह अमृतम डेंटकी माल्ट amrutam DENTKEY Malt का हमेशा सेवन करते रहें,
तो कभी जीवन में दाँत में कीड़े नहीं लगते।
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