- माधव निदान ग्रंथ के मुताबिक कुछ स्त्रियों में रज की कमी और माहवारी खुलकर नहीं आने से उनकी कामेच्छा मृतप्राय हो जाती है और वे भी नपुंसकता की शिकार होकर जवानी में बुद्धि दिखने लगती हैं।
- कुछ महिलाएं श्वेत प्रदर, व्हाइट डिस्चार्ज, सोमरोग या पीसीओडी की समस्या से ग्रसित होकर सहवास के प्रति अरुचि रखने लगती हैं।इसका कारण पुरुष ही होता है।
- क्योंकि स्त्री को जब सेक्स में संतुष्टि नहीं मिलती, या रतिक्रिया में अतृप्ति रहने तो वे अनेक गुप्त रोगों की शिकार हो जाती हैं।
- भारत भैषज्य रत्नाकर के हिसाब से स्त्रियों में कामवासना से अलगाव होने की बड़ी बजाय पुरुष की कामुकता में कमी है।
- ज्यादातर मर्द नारी के अंदरूनी दर्द को समझ नहीं पाते और अपना काम निपटाकर सो जाते हैं। इससे स्त्री मन ही मन कूदने लगती है और कामवासना से दूरी बना लेती है।
- सेक्स के दौरान कम से 30 से 40 मिनिट तक स्त्री को सहलाना, स्तन पर हाथ फेरना, निप्पल को चूसना, जीभ से चाटना, चूमना, चिपकना और गर्म करना जरूरी होता है, तभी स्त्री स्त्री में संभोग के प्रति कामिकता भड़कती है।
- जब आप कठोर लिंग को योनि में प्रवेश कर 100 से 150 बार तक घर्षण, अंदर बाहर करेंगे और उपरोक्त क्रम अपनाकर सेक्स करेंगे, तो पत्नी आपकी गुलाम हो जायेगी और एक बार उसकी इच्छा जागृत हो गई, तो वह कभी सेक्स के लिए मना नहीं करेगी।
- कुछ महिलाएं अक्सर किसी न किसी रोग से पीड़ित होने के कारण भी उनमें सेक्स की इच्छा नहीं होती। इन्हें 2 माह तक NARISOUNDARY MALT और कैप्सूल का सेवन कराना हितकारी होता है। इसे अमेजन, amalaearth या गुगल पर सर्च कर फार्मूला, फायदा पढ़ें।
चित्र गुगल से साभार
- पुरुषों में वीर्य की कमी, वीर्य का पत्लापन, शुक्राणुओं की संख्या में अल्पता से लिंग में ढीला पान आ जाता है और वे शीघ्रपतन के शिकार हो जाते हैं।
- ऐसे पुरुषों की बीवियां रतिक्रिया से दूरी बना लेती हैं और कोई प्रतिक्रिया प्रदान नहीं करती। क्यों कि ऐसे ढीले मर्द कभी भी तृप्ति देने वाला संभोग नहीं करते जिससे पति उसे शुक्रिया कह सके।
- सेक्स की लंबी प्रक्रिया अपनाने से स्त्री के दिल में जो सुखद क्रिया होती है, उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
- ज्यादातर लोग महिलाओं में कमी निकलते हैं, जबकि खुद का मही यानि वीर्य पर्याप्त मात्रा में नहीं निकलता।
- चरक संहिता में पुरुषों के 44 से अधिक गुप्त रोगों की चर्चा है। इसमें सारी समस्या की जड़े वीर्य का न बनना, गाढ़ा न होना, धरते ही धरती को गीला कर देना, लिंग कड़क और खोर न होना, लिंग की लम्बाई कम होना आदि।
- आयुर्वेद सार संहिता में पुरुषों के इन अंदरूनी गुप्त विकारों की चिकित्सा का उल्लेख उपलब्ध है। अश्वगंध, शिलाजीत, शुक्रवल्लभ रस, सहस्त्र वीर्या, आमला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, स्वर्ण माक्षिक भस्म, चांदी भस्म आदि 55 जड़ी बूटी और द्रव्य घटकों से नामर्द व्यक्ति को मर्द बनाया जा सकता है।
- उपरोक्त फार्मूले से निर्मित और पतियों के 35 से अधिक सेक्स रोगों को मिटाने के लिए एक बार गुगल, amalaearth, amrutam और अमेजन की वेवसाइट पर BFERAL GOLD MALT & CAPSULE के बारे में विस्तार से अध्ययन करें।
- नपुंसकता, नामर्दी, शीघ्रपतन, शिथिलता, सहवास के प्रति अरुचि, वीर्य का पतलापन आदि गुप्त रोगों में अत्यंत मददगार है।
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