खुजली का बाहरी चिकित्सा न करके, रक्तशुद्धि हेतु आयुर्वेद अपनाएं।

दाद-खाज-खुजली मिटाने के लिए केमिकल से निर्मित दवाओं का इस्तेमाल आपको बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। इनसे बचें।

व्यस्त जीवन में ज्यादा केमिकल युक्त दवाओं का उपयोग न करें अन्यथा सब कुछ अस्त-व्यस्त हो जाएगा। ज्यादा अंग्रेजी दवाओं के खाने से वीर्य पतला पुरुषार्थ शक्ति क्षीण होने लगती है।

अतः आयुर्वेद ही अपनाएं। यही जीवन का सार है और ये जीवन के पार भी लगाएगा।

सेहत को दुरुस्त रखने के लिए आयुर्वेद बहुत आवश्यक है। नहीं तो सभी कोशिकाएं इतनी शक्त हो जाएंगी कि शरीर में शक्ति बचेगी ही नहीं।

जालिम लोशन आदि में मिला रसायन त्वचा को जलाकर मोटी कर देता है और फिर पपड़ी निकलती है। लेकिन इस तरह के बाहरी इलाज से त्वचा की समस्या, खुजली-खाज से मुक्ति नहीं मिलेगी।

अगर आप स्थाई रूप से खुजली, दाद-खाज मिटाना चाहते हैं, तो अंदर से रक्त की सफाई जरूरी है।

खून साफ करने के लिए अमृतम

*- स्किन की माल्ट सुबह शाम जल या दूध से दो महीने सेवन करें।

*- स्किन की ऑयल की फहुप में बैठकर मालिश करें, तभी यह स्किन प्रॉब्लम सदैव के लिए शांत होगी।

ऑनलाइन उपलब्ध-

 

 

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