हमारे मस्तिष्क में सुक्ष्म ज्ञान है?…….

हमारे शरीर में शक्ति का अत्यंत भंडार है…

बस हमें उसे जानने की देरी हैं।

कोई भी वयक्ति जीवन भर व्यर्थ नहीं रहना चाहेगा ।…

और मस्तिष्क में ही सुक्ष्म ज्ञान है…

इस ज्ञान के महाविज्ञान को ध्यान और धैर्य से इस धरा की खोज की धरा को जीता जा सकता है…

इस धरा से अतुल्य धन पाया जा सकता है….

धन का बाण चलाने वाले धैर्य से ध्यान रखने वाले लोग ही जीवन में सफल होते हैं…

धन के बाण चलाने से ही धन बढ़ता है….

अर्थात जो व्यक्ति धन को विवेक बुद्धि द्वारा दूर दृष्टि का उपयोग कर व्यवस्थित तरीके से व्यय करता है….

वही धनवान हो जाता है अति कंजूस प्रवृत्ति वाले लोग खर्चा ना करके लोभ में फसकर रह जाते हैं…!

वे जीवन में कई अच्छे मौके गवा देते हैं स्वयं भी जीवन भर संघर्ष करते रहते हैं….

और बच्चों के लिए भी कष्ट रूपी गरीबी छोड़ जाते हैं….!

ऐसे लोगों के यहां से दरिद्रता कभी जा ही नहीं सकती और लक्ष्मी को लक्ष्य हासिल करने वालों के पास ही आती है….

यदि लक्ष्य निर्धारित हो तो लक्ष्मी एक दिन अवश्य आती है लक्ष्य से भटका राही और बाण व्यर्थ हो जाते हैं…..

और लक्ष्मी हीन व्यक्ति भी जीवन भर भटकता ही रहता है….

लक्ष्य का भक्ष करना जिंदादिल लोगों का काम है…..!

लक्ष्य पाने वाले लोग ना तो पक्ष देखते हैं……

और ना ही तिथि त्योहार नातेदार रिश्तेदार आदि पर ध्यान देते हैं…..

शिव की तरह विश ग्रहण करते हुए अपने कार्य में एकाग्रता से लगे रहे।….

उसके जगत में खेल निराले जो पीता विश के प्याले चाहोगे तो सब पाओगे जागोगे तो जान जाओगे सोने से स्वर्ण गवाओगे…..

1, पक्ष समय की एक घटना है यह ज्योतिष का विषय है….

एक माह में 2 पक्ष होते हैं…..

शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष यह 15 15 दिन के होने से अक्षय कहलाते हैं….

एक माह में 2 पक्ष होते हैं पक्ष के 15 दिन पूर्ण होने पर पूर्णिमा और इसके बाद कृष्ण पक्ष प्रारंभ होता है….

कृष्ण पक्ष के 15 दिन अमावस्या होती है…..

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