अब होंगे-
-जान के दुश्मन जीव-जन्तु, जानवर
आने वाला समय अब मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य
के लिहाज से सुरक्षित नहीं है । नित्य नये संक्रमण या वायरस के जरिये फैलने वाली बीमारियों पर रिसर्च, अध्ययन करने वाला विश्व प्रसिद्ध एन.जी.ओ.
के मुताबिक दुनिया में अब, संक्रमण
का खतरा मंडरा रहा है ।
चिकित्सा विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों के मुताबिक
छोटे-छोटे कृमियों, कीड़े-मकोड़ों, सुअर
तथा चमगादड़ के द्वारा इंसानों में ऐसी नई भयानक बीमारियां संक्रामित होंगी कि पूरे विश्व को लेने के देने पड़ जाएंगे ।
ये सब विभिन्न वायरस के नाम से
विख्यात होंगी ।
अभी तक मेडिकल साइंस के विशेषज्ञों द्वारा
खोजे गए वायरस इतने खतरनाक हैं कि
पल में ही प्राण निकल सकते हैं !
बताया जा रहा है कि 6 या 7 माह में करीब 3 से 4 करोड़ लोग अनसुनी,अनजान महामारी के चलते अपनी जान गवां देंगे । भविष्य में जो वायरस विश्व में तबाही मचाएंगे उन सबके फैलने का कारण औऱ उन वायरस के नाम भी अलग होंगे, जैसे-
जापनीज एन्सेफेलाइटिस वायरस-
1-अभी-अभी जापान में एक नये तरह के वायरस ने तहलका मचा दिया है, जिसे
अर्थात जपानी बुखार नाम दिया है ।
भारत सरकार स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर
अलर्ट जारी कर दिया है ।
जापानी बुखार (जे ई वी)
जो सुअरों से मच्छरों में आती है, फिर
मच्छरों से मनुष्यों में हो सकती है । अचानक मृत्यु के मुख में ले जाने वाले इस रोग से बचने हेतु अलग से एक वार्ड भी तैयार किया है ।
क्या होता है इस वायरस से-
?अचानक ही तेज दिमागी बुखार आ जाता है ।
?शरीर में बेचैनी होने लगती है ।
?नींद नहीं आती ।
? बहुत क्रोध आने लगता है !
? आदमी भयंकर चिड़चिड़ा हो जाता है ।
? 3 या 4 दिन पहले से भूख नही लगती ।
? कुछ भी खाने-पीने का मन नहीं होता ।
? शरीर में आलस्य भर रहता है ।
?सिर में हमेशा हल्का-हल्का दर्द बना रहता है ।
?कोई भी दवा असर नहीं करती ।
?शरीर में कम्पन्न व झुनझुनाहट बनी रहती है ।
? धुँधला से दिखने लगता है ।
? आत्मविश्वास टूट जाता है ।
?श्वांस लेने में परेशानी होती है ।
?किसी भी काम में मन नहीं लगता ।
? चक्कर आते रहते हैं ।
? लक्षण बढ़ने परव्यक्ति कोमा में
भी जा सकता है ।
आयुर्वेदिक उपाय–
?सुबह उठते ही खाली पेट ज्यादा से ज्यादा
पानी पियें ।
?फ्रेश होने के बाद मुनक्का,अंजीर,तुलसी व गुलाब के पत्ते दूध में अच्छी उबालकर फिर, उसमें 15 से 20 ग्राम गुलकन्द मिलाकर धीरे-धीरे पियें ।
? खाने में केवल मूंग की छिलके वाली दाल में
देशी घी में हींग,जीरा, अजवायन, हरीमिर्च का तड़का लगाकर,रोटी गलाकर लेवें ।
?खाने के 2 घंटे बाद पानी पियें ।
?नाश्ते में सेव व आँवला मुरब्बा का सेवन कर
जल न पीवें ।
?रात में दही, अरहर की दाल, मूली, फल, जूस,
दूध, सलाद व गरिष्ठ भोजन न लेवें ।
सुविधाजनक
अमृतम हर्बल चिकित्सा–
• अमृतम द्वारा निर्मित
2-2 चम्मच दो या तीन बार गुनगुने दूध या सादा जल से 2 महीने लगातार सेवन करें ।
• सुबह फ्रेश होने के बाद खाली पेट 2 या 3 चम्मच
गुनगुने दूध के साथ
4 से 5 माह तक नित्य लेवें ।
इसके सेवन से शरीर के सभी ज्ञात-अज्ञात वायरस मल विसर्जन द्वारा निकल जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं । फिर, पुनः तन को नहीं घेरते । शरीर पूरी तरह रोग मुक्त हो जाता है ।
# समय पर भूख लगने लगती है ।
# शरीर में खून की कमी नहीं रहती ।
# पेट साफ रहता है ।
# यूरिक एसिड नहीं बढ़ता ।
# एसिडिटी,जलन, अफरा, गैस की समस्या
जड़ से दूर हो जाती है ।
अभी और बाकी है-
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2- इन्फ्लूएंजा वायरस
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