- चिकित्सा चंद्रोदय में लिखा है कि सीमित अनुपान में ओषधि सेवन करने के बाद यदि वे ठीक से पच जाएं, तो आयुर्वेद अमृत है और अगर उन्हें ठीक से पचा नहीं पाए, तो आयुर्वेद चूर्ण काफी हानिकारक होते हैं।
- भवप्रकाश निघंतू के मुताबिक शतावर घोड़े जेसी ताकत देने में सक्षम है। इसीलिए इसे सहस्त्रवीर्या भी कहते हैं। याह नवीन वीर्य का निर्माण एवं शुक्र को गाढ़ा कर लिंग को कठोरता प्रदान करती है। सेक्स के दौरान समय सीमा में वृद्धि करती है।
- शतावर के साथ अश्वगंधा का मिश्रण लाजवाब परिणाम सुनिश्चित करता है। कोंच लिंग की नसों को शक्ति देता है। बंग सम्पूर्ण शरीर की हड्डियों को ताकत देता है।
- आंवला मुरब्बा विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत है साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट भी है।
- हरड़ मुरब्बा देह के हरेह रोग हर लेता है तथा पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह शरीर को रोगों के भय से मुक्त करता है इसलिए इसका एक नाम अभया भी है।
- आयुर्वेद नियमों के हिसाब से इतना भी ध्यान रखें कि चूर्ण की मात्रा अधिक न हो। अगर कैप्सूल आदि सेवन कर रहे हो, तो वह एक्सट्रेक्स्ट द्वारा निर्मित न हों।
- सफेदमूसली, कोंच बीज, तालमखाना, शतावरी, शिलाजीत, शुद्ध गुग्गल, अश्वगंधा, विलायती इमली, स्वर्ण भस्म, बंग भस्म, मुलेठी, त्रिकटु ये सभी बूटियां घोड़े जेसी मर्दाना ताकत पैदा करती हैं।
- लेकिन इन सबका चूर्ण खाना, पचाना सबसे बड़ी समस्या है। आयुर्वेद द्रव्यगुण विज्ञान के मुताबिक ये सभी जड़ी बूटी गरिष्ठ होने से इनका काढ़ा बनाकर आवला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा आदि के साथ पीसकर लेना हितकारी है अन्यथा कोई भी चूर्ण अधिक मात्रा में लेने से पाचनतंत्र बुरी तरह गड़बड़ा जाता है और पितृदोष की परेशानी खड़ी कर देता है।
- हमारे द्वारा पिछले लेखों में घोड़े जेसी ताकत दायक ओषधियां लिखी गई हैं। अप उनका अध्ययन करें।
आयुर्वेद शास्त्रों की ये 9 बातें आपका उचित मार्गदर्शन करेंगी।
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