अश्वगंधा भारत की बेहतरीन खोज है। यह चमत्कारी हर्ब है। इसे आयुर्वेद में अहम् सम्मान प्राप्त है-
क्योंकि अश्वगंधा प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है।
अमृतम की एकल ओषधि श्रंखला का यह ब्रांडेड उत्पाद है, जो अमृतम अश्वगंधा चूर्ण के नाम से ओनली ऑनलाइन उपलब्ध है।
आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि अश्वगंधा का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह बहुत सी गुप्त रोगों एवं दैहिक, दैविक बीमारियों के लिए रामबाण है।
जानिए क्या हैं – अश्वगंधा के ३२ फायदे –
【१】अश्वगंधा के नियमित सेवन से झुर्रियां, कम्पन्नता मिट जाती हैं।
【२】 यह प्राकृतिक उम्ररोधी अर्थात एंटीएजिंग बूटी है। बुढापा नहीं आने देता।
【३】अनिद्रा की शिकायत को दूर करता है।
【४】आयुर्वेद में मधुमेह नाशक दवाओं का
यह मूल घटक है। डायबिटीज़,ब्लड शुगर को सन्तुलित करता है।
【५】 इंसुलिन सेंसिटिविटी को मसल्स सेल्स में सुधार करता है।
【६】पुरुषों में मसल्स मास को बढ़ाकर, बॉडी फैट्स कम करता है और शक्ति देता है।
【७】अश्वगंधा शरीर की जलन, बेचैनी और सूजन में राहतकारी है।
【८】अश्वगंधा जोड़ों के दर्द और कमरदर्द के लिए फ़ायदेमंद है।
【९】रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में
【१०】शारीरिक दुर्बलता को कम करने में
【११】यौन क्षमता को बढ़ाने में
【१२】शुक्राणुओं की गुणवत्ता बढ़ाने में
【१३】तनाव को खत्म करने में
【१४】नींद ना आने की समस्या में
【१५】गठिया और मधुमेह की बीमारियों में
【१६】रक्त की कमी को पूरा करने में
【१७】शारीरिक थकावट दूर करने में
【१८】मांसपेशियों को बढ़ाने में
【१९】जवानी बरकरार रखने मे
【२०】तनाव, चिंता, थकावट, नींद की कमी जैसी समस्यों का कारगर इलाज है।
【२१】अश्वगंधा स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल के लेवल को कम करता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है।
【२२】गंभीर अवसादग्रस्त यानि डिप्रेशन से पीड़ित का इलाज भी इससे संभव है।
【२३】एंटीइंफ्लामेट्री गुणों की वजह से ये कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड लेवल को कम करता है।
【२४】हृदय को स्वस्थ रखता है.
【२५】कर्कट अर्थात कैंसर के रोगियों लिए लाभकारी है।
【२६】एक शोध के अनुसार अश्वगंधा कैंसर के कारण होने वाली कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव को कम करने में सहायक है।
【२७】अश्वगंधा नई कैंसर सेल्स को बनने से भी रोकता है।
【२८】शोथ, सूजन, थायराइड और वातरोग को कम करने में मददगार है।
【२९】जख्म, घाव आदि तकलीफ में अश्वगंधा की जड़ों को पीसकर घाव पर लगाने से जल्दी भरता है।
【३०】अश्वगंधा इम्युनिटी मज़बूत करता है।
【३१】त्वचा, चर्म/स्किन के रोगों दूर करता है।
【३२】इसे अल्ज़ाइमर के उपचार के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
इस बूटी में से अश्व यानि घोड़े की गंध आने के कारण इसे अश्वगंधा कहा जाता है। इसके सेवन से व्यक्ति में अश्व शक्ति का संचार होने लगता है।
आयुर्वेद की ताकतवर, बाजीकरण दवाओं में इसका विशेष उपयोग किया जाता है। इसे ‘इंडियन जिनसेंग’ या विंटर चेरी भी कहा जाता है।
अश्वगंधा प्राचीन काल से आयुर्वेद में उपचार होने वाली एक कारगर औषधि है। सतयुग से इसका उपयोग कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जाता रहा है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार अश्वगंधा चूर्ण से कई शारीरिक समस्या दूर हो जाती हैं। इसके सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है। अश्वगंधा उन वैवाहिक पुरुषों के लिए रामबाण है।
अश्वगंधा के अनेक फायदे हैं। कमजोरी, हीनता, नपुंसकता, शीघ्रपतन, शुक्राणु अर्थात वीर्य की कमी या न कम बनने में इसे मिश्री के साथ मिलाकर खिलाते हैं। इसका प्रयोग कई प्रकार के रोगों के उपचार में किया जाता है। अश्वगंधा का सेवन मुख्यत इसके चूर्ण के रूप में किया जाता है।
बुद्धि की शुद्धि के लिए असरकारी-
अश्वगंधा को दिमाग के लिए फायदेमंद कहा जाता है।मनुष्य के शरीर की बहुत सारी परेशानियों को दूर करने के लिए अश्वगंधा एक चमत्कारी औषधि के रुप में इसकी जड़ का उपयोग किया जाता है।
यह शरीर को बीमारियों से बचाने के अलावा दिमाग और मन को भी स्वस्थ रखती है। पुरुषत्व बढ़ाने में भी एक 3 से 5 ग्राम अमृतम अश्वगंधा चूर्ण बी फेराल गोल्ड माल्ट के साथ मिलाकर गुनगुने दूध से 3/तीन महीने लेने से व्यक्ति सेक्स के माले में फौलादी बन जाता है।
अमृतम के अन्य एकल चूर्ण-
!- अमृतम मुलेठी चूर्ण
!!!- अमृतम त्रिकटु चूर्ण
आदि 45 तरह के चूर्ण उपलब्ध हैं।
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