कुवारा अच्छा पति केसे तलाशें !! Amrutam

  • किसी भी लड़की को कभी भी पति अच्छा नहीं मिलता। वह उसे ठोक बजाकर ठीक कर अपने जैसा बना लेती है।

amrutam अमृतम पत्रिका पत्रिका, ग्वालियर।

  • आपने देखा होगा कि मूर्ख शब्द, तो बहुत मिलता है। लेकिन मुर्खनी नहीं। मतलब स्त्री कभी बेवकूफ नहीं होती। बस, नारी के साथ एक गड़बड़ हो जाती है कि करने गई थी सीधा और उल्टा गढ़ में वीधा।
  • एक अद्भुत बात ये देखने में आती है कि दुनिया के ज्यादातर मंदिरों के अंत में या आरंभ में पति शब्द का अत्यधिक उपयोग होता है।
  • हिंदुस्तान का सबसे प्राचीन और जाना माना देवालय तिरुपति के नाम से ही प्रसिद्ध है।
  • संसार के किसी भी मंदिर या तीर्थ में आगे पीछे श्रीमती शब्द नहीं लगा मिलता।
  • चिंतन के बाद एक बात सिद्ध होती है कि पुरुष ईश्वर स्वरूप पूज्यनीय हैं।
  • दुनिया की सभी करंसी पर आपको पुरुषों के ही फोटो मिलेंगे और इस मुद्रा पर बहुमुद्रा वाली स्त्री की पूरी पकड़ है या ये कहें कि सारा धन नारी के कब्जे में है।
  • फिर ऐसा लगता है कि मर्द केवल सर्द और दर्द झेलने के लिए ही अवतरित हुआ है। इनके सिरदर्द की फर्द बहुत लंबी है।

पति किसे कहते हैं

  • कुवारा आदमी को युवा, नौजवान, लड़का आदि के नाम से संबोधित किया जाता है और शादी होते ही वह पति कहलाता है।
  • विवाह बाद हरेक पुरुष की मति भ्रष्ट होने लगती है। क्योंकि काम में अधिक रति रखने से इनकी सती कमजोरी पकड़ने लगती है।
  • कुछ पुरुष स्त्री की गति अति और राजनीति नहीं समझ पाते, तो जवानी में यति यानि साधु बनकर जंगल चले जाते हैं और कुछ कोर्ट के चक्कर लगाते हैं।
  • पति वही अच्छा होता है, जो श्रीमती का अंकुश में रहे।

श्री शब्द के अनेक अर्थ हैं।

  • संगीत राग को भी श्री कहते हैं। श्री के अन्य का मतलब देवी लक्ष्मी, शुभ, आलोक, समृद्धि, प्रथम, श्रेष्ठ, सौंदर्य, अनुग्रह, पावर, प्रतिभा, गरिमा शक्ति, सरस्वती, पवित्रता।

ऋग्वेद से निकला है श्री

  • श्री शब्द का सबसे पहले ऋग्वेद में उल्लेख मिलता है। अनेक धर्मशास्त्रों में लिखा गया है कि ‘श्री’ शक्ति है। जिस व्यक्ति में विकास करने की और खोज की शक्ति होती है, वो श्री युक्त अर्थात धन वैभव युक्त माना जाता है।
  • पत्नी के नाम के आगे श्रीमति इसलिए भी लगाते हैं कि बड़े से बड़े अक्लमंद की बुद्धि या मति को भ्रष्ट कर देती है। श्री सम्मान का सूचक है और श्रीमती ज्ञान, विवेक, धन, बुद्धि का प्रतीक है।

पतियों की प्राचीन परंपराएं

  1. पति एक घरेलू प्राणी है। यह धरती के सभी घरों में अनिवार्य रूप से पाया जाता है। इस घरेलू प्राणी को पालने का पूरा अधिकार पत्नी नामक ओहदे को प्राप्त है।
  2. पति रूपी प्राणी को पाने के लिए दहेज रूपी कीमत अदा करनी पड़ती है। अर्थात इसका बाजारू भाव भी बहुत अधिक है।
  3. ससुराल में इसे दामाद कहते हैं। क्योंकि ये दाम यानि पैसा और आद यानि लड़की दोनों ले जाता है।
  4. पति नाम पुरुष की दो आंखें होती है जिससे यह मूक रहकर मात्र देखता है।
  5. दो कान होते है जिससे पत्नी की डांट सुनता है।
  6. पति का एक मुख होता है जिसके खुलने पर पूरी तरह से पाबंदी होती है।
  7. पति की इकलौती नाक में रस्सी रहित एक अदृश्य नकेल होती है।
  8. यह काफी कुछ मनुष्य से मिलता जुलता प्राणी है। पति होने से पूर्व में मनुष्य की श्रेणी में आता हो।

पति कितने प्रकार के होते हैं

  • बीबी, जोरू का गुलाम यह प्रजाती भारत देश में बहुतायत रूप में पाई जाती है। इस प्रजाति के पति चरित्रवान, टिकाऊ, मेहनती, ईमानदार, सीधे और वफादार, होते हैं।
  • लुगेरे पति अपनी घरवाली को हर छोटी बड़ी बात अत्यन्त रसदार बनाकर सुनाते हैं और शाबाशी भी पाते हैं। कभी कभी इन्हे पदम प्रदूषण से सम्मानित भी किया जाता है।
  • यह उम्दा नस्ल के होते हैं। डांट, मार, गालियां इन पर प्रभावहीन है। घर में पालने के लिए यह पति सबसे अच्छे है।
  • बीबी का बादशाह-इनकी पति देवी की तरह होती हैं। ऐसे पति देवा, लेवा के शौकीन होते हैं।
  • धीरे धीरे ऐसे पतियों की प्रजाति धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। इसलिए सरकार जल्द से जल्द ही इसके संरक्षण के लिए पति परमेश्वर संरक्षण नामक एक अभियान चला सकती है।
  • भारत में आज तक बिना पत्नी वाले प्रधानमंत्री ज्यादा बने हैं।
  • जो पुरुष श्रीमती के साथ रात को रति में अति कर दे, वे पूज्यनीय पति कहलाते हैं। एसी स्त्री पति के साथ सती भी हो जाती थीं।

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