लेफ़्टिज का अपना अलग गणित होता है
बचपन में मुझसे स्कूल में पूछा गया कि.. ४० किलो का एक मन होता है। दो मन मिलते हैं, तो क्या होता है! ‘मैंने कहा’- कि’…विवाह होता है।जबाब सुनकर टीचर को बहुत क्रोध आया। फिर, उन्होंने बताया कि विवाह नहीं, 80 किलो होता है। बाद में जब टीचर की शादी हुई, तो उन्हें समझ आया, क्योंकि उनके तलाक का मुकदमा कोर्ट में चल रहा था।
श्रीनिवास रामानुजन इयंगर” एक महानगणितज्ञ भी लेफ़्टिज थे। इनके गणित के सिद्धांत के आगे दुनिया को नतमस्तक होना पड़ा।सन 1887 में जन्मे तथा 1920 में अलविदा होकर मात्र 33 वर्ष की उम्र में इनके गणित के संख्या सिद्धान्त का आज तक कोई अंत न कर सका।
मान-सम्मान, स्वाभिमान…लेफ्ट हेंडर्स स्वाभिमानी बहुत होते हैं। ये मानते हैं कि
दिल की लगी न हो, तो क्या जिंदगी है।
लेफ्टीज की पूरी जवानी आंखों में पानी, हानि सहकर गुजरती है। इन्हे रूहानी ताकत यानि ईश्वर पर अटूट आस्था होती है। यह वाणी और जवानी का पूरा लुफ्त उठाने का ध्यान रखते हैं।लेखन, सम्पादन, वकालात, चित्रकारी, स्पोर्ट्स, डिजाइनर,आयुर्वेद, प्राकृतिक उद्योग तथा व्यापार में जीनियस होते हैं।लेफ़्टिज नुकसान से नहीं नुक्ताचीनी से अधिक भय खाते हैं। ये लोग चुनोतियों से नहीं घबराते
दुःख के अंदर सुख छुपा है, दुख ही सुख का ज्ञान।
दर्द सहकर जन्म लेता, इस धरती पर इंसान।।
लेफ़्टिज दुःख के समय कभी नहीं घबराते। स्वयं दुःख के सागर में डूबकर भी दूसरे को भवसागर से पार लगाने की क्षमता इनमें होती है। इनके संग..,हर्ष का मतलब संघर्ष से है।
जब संघर्ष नहीं होता, तो यह खालीपन, डिप्रेशन महसूस करने लगते हैं। इनके दिमाग की संरचना बहुत विचित्र होने के कारण अनन्त ज्ञान स्टोर कर सकते हैं। हसीं-मजाक इन्हें अत्यंत प्रिय होता है।
बायें हाथ की बुद्धि
मानव शरीर के किसी भी हिस्से का काम करना हमारे मस्तिष्क द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह नियम हमारे हाथों की कार्य-प्रणाली पर भी लागू होता है।शिवलिंग स्वरूप हमारे मस्तिष्क में स्थित दिमाग दो हिस्सों में बटा हुआ है,दोनों ही हिस्से अंग्रेजी के अक्षर (C) सी की तरह सी वायर्ड होते हैं।
एक प्रकार से हमारे दिमाग की आकृति शिव के डमरू (X) की तरह हैं। इनमें से दाहिनी तरफ वाला हिस्सा शरीर के बायें हिस्से को औऱ बायीं ओर का हिस्सा दाहिने तन को संचालित करता है।
लेफ़्टिज के दिमाग की दांस्ता–
कुल मिलाकर लेफ्ट हेंडर का सीधे तरफ का दिमाग याानि राइटहैंड माइंड काम करता है औऱ राइट हेंडर्स का उल्टा दिमाग काम करता है।अर्थात सीधी-सपाट भाषा में समझें, तो उल्टे हाथ से लिखने,खाने वाले लेफ्ट हेंडर्स सीधे दिमाग से काम करते हैं, जो दुनिया में मात्र 13% ही हैं।दुनिया को सही-सीधे दिमाग से चलाने वाले लोग देेेश-दुनिया मेंं केवल तेरह प्रतिशत ही हैं।
बायीं बुद्धि और हाथ का खेल–
लेफ्ट हैंड साइड के दिमाग मानव बोलना, भाषा, लेखन, गणना, गिनती करना आदि को संचालित करता है, जिसे लीनियर थिंकिंग मोड कहा जाता है।वहीं दाहिनी तरफ राइट साइड का दिमाग हमारी रचनात्मक, संगीत भाव आदि को संचालित करता है, जिसे होलिस्टिक थिंकिंग मोड कहते हैं।
और ऐसे जानकारी प्राप्त करने के लिए आप amrutam सर्च कर मुझे फॉलो कर सकतें हैं। धन्यवाद्
For Doctor:- https://www.amrutam.global
website:- https://amrutam.co.in/
Leave a Reply