- शरीर में भारी गंदगी ही यकृत रोग और पेट की बीमारियों के लिए जिम्मेदार होती है। दुनिया का सबसे बड़ा सुख है कि रात को लेते ही नींद आ जय और सुबह उठते ही पेट साफ हो जाए। बाकी सब मोह माया है।
- माधव निदान आयुर्वेद सार संग्रह, रस तन्त्र सार” और भावप्रकाश निघण्टु में वर्णित उदररोग विकार अध्याय में कब्ज होने और पेट की खराबी के पनपने की वजह देह की अशुद्धि बताई है।
- शरीर की शुद्धि के लिए शुद्ध 20 जड़ी बूटियों से तैयार एक आयुर्वेदिक क्वाथ डिटॉक्स की हर्ब्स एक प्राकृतिक चिकित्सा है।
लेने का तरीका भी चाय की तरह आसान है
- बस एक ग्लास पानी में एक चम्मच मिलाकर बनाकर सुबह खाली पेट चाय की तरह पिएं।
DETOX kEY HERBS के 27 चमत्कारी फायदे मिलेंगे।
【१】खट्टी डकारें आना
【२】अम्लपित्त (एसिडिटी)
【३】वायु विकार
【४】गैस बनना
【५】गैस पास न होना
【६】छाती में जलन
【७】आंतों की कमजोरी
【८】गर्मी लगना
【९】शरीर में बदबू आना
【१०】ऊबकाई जैसा मन होना
【११】भोजन से अरुचि
【१२】पेट में बैचेनी
【१३】सिर में भारीपन
【१४】आलस्य
【१५】पाचनतंत्र की कमजोरी
【१६】भोजन न पचना
【१७】खाने की इच्छा न होना
【१८】मंदाग्नि
【१९】भूख न लगना
【२०】पेट दर्द
【२१】पेट में भारीपन
【२२】जी मिचलाना
【२३】पुरानी कब्जियत
【२४】बार-बार कब्ज होना
【२५】पेट साफ न होना
【२६】शौच में समय अधिक लगना
【२७】एक बार में पेट साफ न होना
- आदि अनेक ज्ञात-अज्ञात पुरानी से पुरानी पेट की बीमारियों को नाश करने में उपयोगी है।
- लिवर शरीर के इंजिन के समान है। यकृत के दुरुस्त रहने से रोगप्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी मजबूत होती है।
- स्वस्थ्य लिवर ही ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है। चयापचय यानि मेटाबॉलिज्म अच्छा होगा। शरीर अतिविष (टॉक्सिन) मुक्त रहेगा।
- जीवित कोशिकाओं के अन्दर या जीवों (organism) द्वारा उत्पन्न विषकारी पदार्थों को आविष या जीवविष (टॉक्सिन) कहते हैं। शराब को लिवर के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक बताया है।
- लिवर पित्त बनाने के साथ-साथ शरीर से विषैले पदार्थ निकालने और बॉडी को डिटॉक्स करने के काम भी आता है। लिवर ही पाचक रस, रक्त, सप्तधातु, मज्ज, अस्थि और वीर्य निर्माण में सहायक होता है।
- जर्नल बीएमजे की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) के दुनिया भर में लगभग 190 करोड़ पीड़ित थे यानी शराब के अलावा अनियमित जीवन शैली और बाजारू खानपान से जुड़ी आदतें भी लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- सर्वाधिक भी चिंता की बात यह है कि फैटी लिवर का आयुर्वेद के अलावा एलोपैथी में कोई उपचार अभी तक उपलब्ध नहीं है यानी इसे केवल आयुर्वेद लिवर टॉनिक घर का बना शुद्ध भोजन, खान-पान और जीवन शैली में बदलाव करके ही ठीक किया जा सकता है।
- फेटी लिवर के अगर प्रमुख कारणों की बात करें तो लोगों में तेजी से बढ़ता मोटापा, हाइपरटेंशन और टाइप-2 डायबिटीज इसके लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। कुछ में यह समस्या जेनेटिक भी हो सकती है।
- महर्षि चरक और आत्रेय ने अपनी संहिता में लिखा है कि सभी को बचपन से ही यकृत क्वाथ, काढ़ा या आयुर्वेदिक लिवर टॉनिक का सेवन करना चाहिए।
- आमला मुरब्बा, त्रिफला, कालमेघ, पुनर्नवा, हरड़ मुरब्बा और गुलकंद से तैयार KEYLIV STRONG SYRUP & Capsule एक लाजवाब यकृत ओषधि है। इसे रोज लेना हितकारी है।
- गुगल पर की लिव के 80 से ज्यादा आर्टिकल, फार्मूला, फायदे गुण, लाभ भी जान सकते हैं।
चर्बी की मात्रा बढ़ने से ही लिवर फेटी होता है
- लिवर के आसपास फैट का एकत्रित होना ही फैटी लिवर है। यदि लिवर में सामान्य से 5 प्रतिशत अधिक फैट जमा हो जाता है, तो यह फैटी लिवर की श्रेणी में आने लगता है।
लिवर की आधुनिक जांच
- लिवर के लिए कुछ विशेष टेस्ट है। जैसे – ब्लड और अल्ट्रासाउंड टेस्ट ब्लड टेस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई कराकर फैटी लिवर की पहचान की जा सकती है। विशेष लिवर टेस्ट जैसे कि इलास्टोग्राफी टेस्ट भी करा सकते हैं।
लिवर के ये टेस्ट कब करा लेने चाहिए
- यदि आपका बीएमआई ज्यादा है, हाई बीपी और डायबिटीज है तो इसका टेस्ट कभी भी करा सकते हैं। यदि वजन संतुलित है और कोई समस्या नहीं है तो इसकी जरूरत नहीं है।
फैटी लिवर की पहचान, लक्षण
- पेट दर्द, पेट फूलना इसके प्रमुख लक्षण। शुरूआत में फेटी लिवर के लक्षण नहीं दिखते। समस्या बढ़ने पर पेट दर्द, भूख न लगना, पेट भरा हुआ महसूस होना, त्वचा और आंखों में पीलापन जैसे लक्षण दिखते हैं।
फेटी लिवर कारणों को ऐसे जानिए
- शराब, फास्टफूड और देर रात खाना ऐसे पहुंचाता है नुकसान।शरीर जब शराब को पचाता है, तो फैट और लिपिड बनते हैं। इनके लिवर पर जमा होने से लिवर फैटी होने लगता है।
- लगातार पेट की खराबी, कब्ज, अम्लपित्त, एसिडिटी, गैस, वायुविकार, संगृहणी के कारण आंतों में चिकनापन आ जाता है और वे सुनने लगती हैं। अल्सर हो जाता है।
- दरअसल अक्सर बाहर खाने से भोजन में कैलोरी की मात्रा अधिक बढ़ती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। वहीं रात में देर से खाने से यह सरकेडियन रिदम को मैच नहीं कर पाता है, जिससे लिवर में इंफ्लामेशन बढ़ता है। समय के साथ लिवर फंक्शन कमजोर, फेटी और खराब होने लगता है।
फेटी लिवर को ऐसे करें ठीक
- जीवन शैली, लाइफ स्टाइल में बदलाव और लिवर सिरप Keyliv Strong Syrup से फैटी लिवर को ऐसे कर सकते हैं रिवर्स
वजन घटाएं 10 फीसदी तक कम करें
- यदि आपका वजन सामान्य से ज्यादा है तो इसे धीरे-धीरे कर घटाएं। वजन में 10% की कमी का असर सीधा दिखने लगता है। यह कमी लिवर के फैट को घटाती है। साथ ही उसमें आए इंफ्लामेशन को भी कम करती है।
अभ्यंग से तन का एक एक अंग को करें मजबूत
- मालिश सिर से पैर के तलवों तक और पेट पर कुछ अधिक समय धूप में बैठकर ओषधि तेल Kayakey Oil से अभ्यंग जाने के एक घंटे बाद स्नान करें।
व्यायामः हफ्ते में 4 दिन 20 से 60 मिनट तक।
- पब मेड सेंट्रल के शोध के अनुसार सप्ताह में 4 दिन यदि 20 से 60 मिनट मध्यम से तेज गति वाली अथवा वेट ट्रेनिंग, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग की जाए तो फैटी लिवर में बहुत फायदा मिलता है। ब्रिस्क वॉक भी इसमें फायदा पहुंचाती है।
भोजन के नियम डाइट:
- शुगर युक्त फास्टफूड से बचें, नट्स फायदेमंद भोजन में फास्ट फूड, अधिक तला और मसालेदार भोजन, चीज आदि का सेवन बेहद कम करें। शुगर कम से कम लें। इसकी जगह अनसैचुरेटेड फैट यानी नट्स, ऑलिव ऑइल, ओमेगा-3 फैटी एसिड का उपयोग करें।
लाइफ स्टाइल: में परिवर्तन
- सप्ताह में एक दिन लंघन यानि निराहार रहकर उपवास करें सप्ताह में एक दिन उपवास से वजन घटाने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर करता है, जिससे वजन नियंत्रित होता है।
- फेटी लिवर से बचने के लिए एक स्थान पर 2 घंटे से अधिक बैठकर काम न करें। चलते, फिरते रहें। पानी अधिक पिएं। सुबह उठते ही गर्म पानी पीने से लिवर कोशिकाएं कमजोर व क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। भोजन के बाद गर्म जल लाभकारी है।
- पेट रोग विशेषज्ञ (गेस्ट्रोएन्टोलॉजिस्ट्स) के मुताबिक शराब नहीं पीने वालों में भी 25% तक लिवर की बीमारियां बढ़ी हैं। इन यकृत मरीजों में अधिकतर कारपोरेट/आईटी में काम करने वाले युवा हैं। इनमें से अधिकतर 4 से 5 घंटे एक जगह बैठकर काम करने वाले हैं। साथ ही इन लोगों ने योग, व्यायाम और वॉक आदि को भी छोड़ रखा है।
- केक, पिज्जा, आइस्क्रीम में मिलाए जाने वाले रसायनिक तत्व या एडिटिव भयंकर रूप से लिवर को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। अतः चटोरेपन से बचें।
शराब का सेवन न करें
- दारू पीने वाले कहते हैं कि ये शराब है मेरी जां इसे चबाना नहीं पड़ता। लेकिन अधिक शराब पीने वाले 85% मरीजों को लिवर डिसीज होती हैं। इनमें से 40% का लिवर खराब हो जाता है।
- बुजुर्ग समझते भी हैं कि लिवर की परेशानी है? अरे! पीना कम करो, हो सकता है, तो बंद कर दो। आजकल ये बातचीत हर घर ऑफिस का हिस्सा है। ज्यादा शराब पीने से नुकसान तो तय है ही, लेकिन कोरोना और उसके बाद के दिनों में लिवर रोगियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। 85 फीसदी शराबी लिवर सिरोसिस रोग से जूझ रहे हैं।
- बिना पीने वाले भी लिवर की समस्या से हैं परेशान भारत में नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर के मरीजों की संख्या 7 से 10% बढ़ गई है।
- 40 साल से ऊपर वाले मरीजों को शराब से लिवर डिसीज का खतरा विशेषज्ञ कहते हैं कि बड़ी संख्या में लिवर के मरीज गांवों से आते हैं। इनमें से अधिकतर पीने वाले होते हैं। बदले ट्रेंड में 30% से ज्यादा मरीज नहीं पीने वाले भी होते हैं। शराब से लिंवर को नुकसान 40 की उम्र के बाद दिखता जबकि एल्कोहल नहीं लेने वालों को 30 की उम्र में भी लिवर डिसीज हो रही हैं।
- डॉक्टरों के पास पहुंच रहे 40 फीसदी मरीज शराब पीने वाले होते हैं। कुल मरीजों में से 15 फीसदी को लिवर सिरोसिस होने की संभावना रहती है। जरा सी लापरवाही से कैंसर का खतरा हो सकता है। मप्र में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 5.6 लीटर है।
- महिलाओं में भी एल्कोहलिक लिवर डिसीज, मोटापा यानी खतरे की घंटी गैस्ट्रो एंट्रोलॉजिस्ट कहते हैं कि अब महिलाओं में एल्कोहलिक लिवर डिसीज के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। 5 से 10 सालों में महिलाओं में ये समस्या तेजी से दिखाई देगी। दरसअल, शराब पीने वालों में महिलाओं की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है।
- इनमें 40 से कम उम्र की महिलाओं की संख्या 70 फीसदी के करीब है। इसके अलावा करीब 25% लोग फैटी लिवर के शिकार हैं। लिवर पर चर्बी जमा होना भी शराब जितना ही खतरनाक है। बॉडी मास इंडेक्स 25 से कम होना चाहिए। 30 से ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स यानी मोटापा है।
- कई अन्य कारणों से भी लिवर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे वायरस, शराब पीने और मोटापे के कारण आपका लिवर खराब हो सकता है।
- समय के साथ लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली स्थितियों की वजह से लिवर फेल हो सकता है, जो घातक होता है।
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