फेफड़ों की सुरक्षा हेतु सर्दी में च्यवनप्राश अवश्य खाएं !!

  • केवल अश्वर्ग युक्त च्यवनप्राश ही आपको सर्दी से बचा सकता है। यह फेफड़ों को संक्रमण और बुढ़ापा आने से रोकता है। से रोकता है।
  • आयुर्वेदाचार्य महर्षि च्यवन ने 5000 साल पहले खुद को युवा बनाने के लिए च्यवनप्राश का अविष्कार किया था।
  • च्यवनप्राश को पूरी सर्दी सम्पूर्ण परिवार को खिलाने से साल भर कोई रोग बीमारी नहीं होती।
  • च्यवनप्राश त्वचा की रक्षा कर शरीर को हल्का, मुलायम बनाता है।
  • शुद्ध असली च्यवनप्राश में केशर, नागकेषर, प्रवाल, आंवला मुरब्बा, त्रिफला, त्रिकटु आदि 55 जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है। ये सभी घटक द्रव्य बहुमूल्य होने से असली च्यवनप्राश की कीमत 5000/ रुपए किलो तक हो सकती है।
  • आयुर्वेदिक परंपरा के अनुसार शूद्ध च्यवनप्राश हमेशा कांच की पैकिंग में ही पेक करना चाहिए।
  • प्लास्टिक पैकिंग में बिकने वाला च्यवनप्राश सस्ता होता है और एसिड बनाता है, जिससे पेट की अनेक तकलीफ बढ़ जाती हैं।
  • गुगल से साभार च्यवनप्राश का फार्मूला और विस्तृत रूप से जाने….

च्यवनप्राश फार्मूला Product Details Material

  • Bilva Chhal, Arnimool, Sona Patha, Gambhari, Mugdaparni, Patla. Mashparni, Jaipal, Shalparni,
  • Mugdaparni, Gokharu, Chhoti Kateri, Badi Kateri, Kakadasingi, Bhui Anwala, Munakka, Jivanti, Pushkarmool, Agar,
  • Giloy Badi Harre, Kharetin, Kachor, Nagarmotha, Punarnawa, Elaichi, Kamal Phool, Safed Chandan, Vidari Kanda,
  • Adushamool, Kaknasha, Ridhi, Vridhi, Jeevak, Rihbhak, Meda, Mahameda,
  • Kakoli, Kshir kakoli,
  • Anwala Pithi (Bhuni With Deshi Ghee) , Kesha, Pipal, Abhrak Bhashma, Shringa Bhasma, Dalchini, Chhoti Elaichi, Tejpatra, Nagkeshar, Lavanga,
  • Makardhwaj, Vanshlochan , Shukti Bhasma, Chandi verk.

How To Use

  • Mix one or two tablespoons (10 – 20gms) of Ayurvedic Chawanprash with 100 – 200ml milk or water and then consume twice a day.

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