मन्त्र अलग अलग क्यों होते हैं? एक ही शक्तिशाली मन्त्र कोनसा है।

  • कपड़ा, तो एक ही है, फिर उस से कोई पेट, कोई शर्ट, कोई बलाउज आदि अलग अलग वस्त्र बनवाते हैं और सबका अपनी जगह अलग अलग महत्व है।

 

  • वैसे वैदिक मन्त्र ॐ नम: शिवाय, गायत्री मंत्र है लेकिन बाद में विद्वानों के मतभेद के कारण अनेक मन्त्रों का निर्माण किया।
  • ध्यान रहे कि वैदिक मन्त्र सर्वाधिक शक्तिशाली और शीघ्र सिद्धि दायक होते हैं।
  • पुराणों का एक अदभुत नीति सूत्र है
  • मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना कुंडे कुंडे नवं पयः।
  • जातौ जातौ नवाचाराः नवा वाणी मुखे मुखे।।
  • अर्थात जितने मनुष्य हैं, उतने विचार हैं। एक ही गांव के अंदर अलग-अलग कुएं के पानी का स्वाद अलग-अलग होता है।
  • परन्तु जल का आधार धरती और पाताल है। ऐसे ही मंद बुद्धि लोगों ने धरती को छोड़ कुए की पूजा करने लगे।
  • भारत के भक्तों को भटकने की आदत है।बजलडीसीफायदे और चमत्कार के चक्कर में वे किसी भी बात पर भरोसा करके , कहीं भी इधर उधर उलझ जाते हैं।
  • ॐ नमः शिवाय जेसे सिद्ध गुरु मन्त्र को छोड़ कर किसी के द्वारा बताए कोई भी मन्त्र जपना शुरू कर देते हैं।
  • अधिक जानकारी के लिए amrutam अमृतम पत्रिका के तन्त्र मन्त्र विशेषांक, कालसर्प विशेषांक, अघोर ओर रावण विशेषांक जरूर पढ़ना चाहिए।
  • मन्त्र जाप में पुनश्चरण का विशेष महत्व है। ये बहुत ही वैज्ञानिक बात भी लिखी है

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