मन भारी रहता है। काम में मन नहीं लगता, बैचेनी रहती है, करें ये उपाय

  • सोते समय शरीर को पूरी तरह शिथिल छोड़ें।
  • !!ॐ शंभू तेजसे नमः शिवाय!! यह मंत्र अपनी नाभी को सुनाते रहें।
  • आपका पित्त बढ़ा हुआ है। सुबह जल्दी उठकर मुख में पानी भरकर इसी मुंह के पानी से आंखे धोएं।
  • यह केतु का दुष्प्रभाव है, जो कम से कम 5 वर्ष तक रहेगा। पक्षियों को नमकीन खिलाएं।
  • सीधी नाक से श्वास लेते समय विचार करें कि एक बेहतरीन एनर्जी, ऊर्जा शरीर में जा रही है। इस श्वास को नाभी तक ले जाकर रोकें और लेफ्ट नाक से श्वास छोड़ते समय विचार करें कि गंदे, नकारात्मक सोच बाहर जा रही है।
  • श्रीमद्भागवत गीता के पांचवे अध्याय का अध्ययन, मनन, पाठ करें।
  • फ्रेश होने के बाद 2 से 3 गिलासदूध के साथ गुलकंद खाली पेट एक चम्मच खाएं। दुपहर भोजन के बाद एक चम्मच गुलकंद सादे जल से लेवें।

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