क्या होते हैं ?…नव ग्रह मंत्र
भारत के आस विशाल ग्रंथ स्कंधपुराण में दुनिया के हरेक दर्द का इलाज बताया है। इन साधारण ज्योतिष चिकित्सा के सहारे आप बुरा से बुरा वक्त को सौभाग्य में बदल सकते हैं।
आपको जानकार हैरानी होगी कि अधिकांश सभी मंत्र किलित और शापित होने के कारण उनके जेपी से जल्दी लाभ नहीं होता।
गायत्री मंत्र, पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय आदि अनेक प्रसिद्ध मंत्र शापित वी कीलित हैं। इनके शाप उद्धार सदगुरु द्वारा ही संभव है।
इसलिए वैदिक धर्म में गुरुओं से गुरुमंत्र की दीक्षा लेने का निर्देश दिया है।
ध्यान रहे गुरु द्वारा दिया गया कोई भी गुरुमंत्र त्यक्षण प्रभावशाली होता है।
केवल बीज मंत्र शापित नहीं होते हैं और छोटे होने के कारण ये अतिशीघ्र सिद्ध भी हो जाते हैं। इसी वजह से बीज मंत्र का प्रभाव भी शीघ्र और व्यापक होता है।
ग्रहों के बीज मंत्र के जाप के लिए किसी विशेष अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं होती है।
इन मंत्र को चलते-फिरते, काम करते कभी भी आप इन बीज मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
आपको किस ग्रह के बीज मंत्र का जाप करना है, इसका निर्धारण आप अपनी जन्म-राशि के अनुसार कर सकते हैं।
यदि आपकी जन्म-राशि सिंह है, तो आप सूर्य के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं।
कर्क के लिए चंद्र मंत्र, मेष और वृश्चिक राशि के लिए मंगल मंत्र तथा केतु मंत्र, मिथुन और कन्या के लिए बुध मंत्र, धनु और मीन के लिए गुरु मंत्र, वृष और तुला के लिए शुक्र मंत्र, मकर और कुंभ राशि के लिए शनि मंत्र तथा राहू मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है।
अमृतम पाठकों की सुविधा के लिए नवग्रह बीज मंत्र नीचे दिये गये हैं, जिससे वे अपनी जन्म राशि के अनुसार संबंधित ग्रह के मंत्र का जाप कर लाभ प्राप्त कर सकें।
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