नाग ही ‘राहु’ हैं

नाग ही ‘राहु’ हैं…..
 
प्रलय,सँहार के पश्चात जब दुनिया में सब  नष्ट हो जाता है, कुछ नही बचता,तब शेष बचता है, नाग (राहु)
इसी कारण प्रतीक रूप में,
 “शेषनाग” की पूजा का विधान है।
कैसे प्रसन्न हों राहु…..
 “शिव” पूजन से ही राहु प्रसन्न होकर अथाह सम्पदा का स्वामी बनाते हैं ।
राहु राह,रोकते भी हैं
औऱ राह दिखाते भी हैं ।
जीवन में बहुत कुछ पाने के लिए प्रतिदिन राहुकाल में “राहुकी तेल”
के 2 दीपक जलाकर ।
।।नमः शिवाय च शिवाय नमः ।।
इस शिव शक्ति मन्त्र का एक
माला जाप करें ।
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One response to “नाग ही ‘राहु’ हैं”

  1. अंजेश मित्तल avatar
    अंजेश मित्तल

    बहुत सार्थक और अनुभव जनित है भाई
    राहू के समान ज्ञान और विज्ञान जैसा कोई ग्रह नक्षत्र नहीं है सब कुछ मिट्टी में मिलाकर नयी पहचान और भीड़ से अलग मौलिक निर्माण कार्य इसके अलावा कोई और नहीं कर सकते। जय भोलेनाथ। जय गुरुदेव

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