अब समय से पहले झुर्रियां क्यों पड़ने लगी हैं ? झुर्रियां हटाने के लिए क्या करें ?

  • आयुर्वेद में दाग-धब्बे, काले निशान एवं झाईं – झुर्रियां को क्षुद्रविकार कहते हैं। यह एक त्वचा रोग है, जो कमजोर इम्यूनिटी और रक्त की खराबी से उत्पन्न होता है।
  • चरक सहिंता में इस तरह के त्वचा रोगों से एक शुद्धि द्वारा मुक्ति के लिए कुछ खास उपाय बताए हैं।
  • सौंदर्य, सुंदरता वृद्धि के लिए ये लेख बहुत मदद करेगा। जो स्त्री पुरुष सौंदर्य निखार हेतु सभी प्रयास कर थक हार चुके हों, उन्हे एक बार आयुर्वेद अपनाकर नीचे आर्टिकल अनुसार उपचार करें। आप निराश नहीं होंगे
  • योग रत्नाकर ग्रंथ और अमृतम पत्रिका से साभार।
  • नारी सुबोधनी नामक ग्रन्थ में कहा गया है कि-महिलाओं में खूबसूरती न होने या सुंदरता में कमी की मूल वजह है-
  • मासिक धर्म की अनियमितता, PCOD की समस्या, श्वेत प्रदर आदि के कारण ही चेहरे पर झुर्रियां, दागादि पड़ने से अनेकों रोग पनपने लगते हैं।
  • स्त्रियों को सर्वप्रथम अपने गुप्त रोगों की चिकित्सा पर ध्यान देना चाहिए। आधार मजबूत होने आप धुआधार खेल खेल सकते हैं।
  • जीवन का सार, जीवन के पर सब कुछ स्वास्थ्य ही है। अगर तन, मन बीमार है, तो उधार लिया गया बाहरी सौंदर्य कितने दिन रुकेगा।
  • जीवन को तार तार होने से बचाने के लिए आयुर्व3डी में अनेकों नारी सौंदर्य उत्पाद उपलब्ध हैं। जिससे रोग बाहर होकर जीवन में बहार आ जाएगी। खूबसूरती स्वत: ही आकार लेने लगेगा। फिर, कुंवार की कड़क धूप में मुख मंडल चमकेगा।
  • धारदार सुंदरता पाने के लिए आयुर्वेद की कुछ खास ओषधि निरोगता की दीवार खड़ी कर हर नार के नश्वर शरीर को प्रफुल्लता प्रदान करेगा और जार जार होते तन को साकार स्वरूप प्रदान करेगा।
  • हम आयुर्वेद के सभी सौंदर्य दवाओं की जानकारी दे रहे हैं आपको जो उचित लगे उसके आर्टिकल पढ़कर उपयोग में ला सकते हैं।

NARI SOUNDARY MALT & CAPSULE

  • नारी सौंदर्य माल्ट और कैप्सूल 2 माह सेवन कर सुंदरता में बेहताशा वृद्धि का अपना आत्मविश्वास 4 गुना कर सकते हो।

Kumkumadi Face oil

  • कुंकुमादि चेहरे की अंदरूनी गन्दगी को जड़ से बाहर निकाल देता है। त्वचा को नर्म बनाकर उस पर चमक लाता है। इसे आयुर्वेद का रूप मन्त्रा कहा गया है।
  • नारी सौन्दर्य का सम्पूर्ण समाधान है। बस, रात में सोने से पहले, बस 2–3 बून्द लगाएं और पाएं कुदरती खूबसूरत चेहरा!
  • कुमकुमादी ऑयल चेहरे को चमकदार तथा निखारकर शरीर का भी कायाकल्प कर देगी। केशर, हल्दी, अनन्तमूल, सिरा आदि से बनाई यह बहुमूल्य आयुर्वेदिक औषधि नेचुरल ग्लो लाती है।
  • कुंकुमादि तेलम में मूल घटक केसर है, जिसका आयुर्वेद के ग्रन्थ योगरत्नाकर, भावप्रकाश, चरक सहिंता, ऋग्वेद आदि में इसके आलौकिक औषधीय गुणों और अद्भुत विशेषताओं का वर्णन किया है।

Kumkumadi oil के चमत्कारी लाभ

  • स्त्रियों के लिए सुंदरता सबसे बड़ी सम्पदा है। आकर्षण हमेशा से ही महिलाओं के लिए बहुमूल्य रहा है। जिन्हें सौंदर्य की ज्यादा चाहत हो, वे सुंदरी आयुर्वेद की प्राकृतिक चिकित्सा ही अपनाएं। (अंगारक धर्मसूत्र) ध्यान रहे- महाऋषि अंगारक ने ही कुंकुमादि तेल का अविष्कार किया था।
  • सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार सौंदर्य क्या है?

पूर्णचंद्रमुखी या च बालसूर्य-समप्रभा।
विशालनेत्रा विम्बोष्ठी सा कन्या लभते सुखम्

  • अर्थात-जिस स्त्री का मुख चंद्रमा के समान गोल, शरीर का रंग गोरा, आंखें थोड़ी बड़ी और होंठ हल्की सी लालिमा लिए हुए हों, तो वह कन्या अपने जीवन काल में सभी सुख भोगती है।

गौरांगी वा तथा कृष्णा स्निग्धमंग मुखं तथा।
दंता स्तनं शिरो यस्यां सा कन्या लभते सुखम् ।१।
मृदंगी मृगनेत्रापि मृगजानु मृगोदरी।
दासीजातापि सा कन्या राजानं पतिमाप्रुयात् ।२।

  • अर्थात- जो स्त्री गौरी अथवा सांवले रंग की हो, मुंह, दांत व मस्तक स्निग्ध अर्थात चिकना हो, तो वह भी बहुत सुन्दर तथा भाग्यवान होती है और अपने कुल का नाम बढ़ाने वाली होती है।
  • जिस नारी मुखः सुंदर, अंग कोमल तथा आंखे, जांघ और पेट हिरन के समान हो, तो वह स्त्री दासी के गर्भ से उत्पन्न होकर भी राजा के समान पति को प्राप्त करती है।
  • स्त्रीजातक ग्रन्थ प्रथमखण्ड में वर्णन है कि -नारियों के नाज-नखरे और खूबसरती दूसरों का ध्यान आकर्षित करने का एक बेहतरीन साधन है।
  • जब चेहरा खूबसूरत होकर चमकता है, आत्मविश्वास भी बना रहता है अन्यथा रक्तचाप यानी बीपी मधुमेह या डाइबिटीज की परेशानी खड़ी होंने लगती है।
  • कोरोना काल के संक्रमण के बाद दुषित आवो-हवा की वजह से पूरे विश्व के युवा स्त्री-पुरुषों को त्‍वचा संबंधी इस समस्‍या का सामना करना पड़ रहा है।
  • वर्तमान में पिगमेंटेशन या हायपरपिगमेंटेशन त्‍वचा की एक सामान्‍य समस्‍या है। जो प्रदूषण के चलते 10 में से 7 महिला और 4 युवा मर्द चेहरे की स्किन खराब, झुर्रियों होने के भय से पीड़ित है।

पिगमेंटेशन/हायपरपिगमेंटेशन क्या होता है ?

  • इसमें त्‍वचा का कोई-कोई भाग सामान्‍य से गहरा रंग का होकर, त्‍वचा पर दाग-धब्‍बे पड़ने लगते हैं। जिससे सुन्दरता क्षीण हो जाती है। त्वचा में यह समस्या त्‍वचा में मेलानिन का स्‍तर बढ़ने से होती है।

बुढ़ापे की शुरुआत है- जवानी में झाईं – झुर्रियां

  • इस लेख में झुर्रियां, दाग-धब्बे, कालापन से मुक्ति हेतु एक बहुमूल्य आयुर्वेदिक तेल कुंकुमादि तेल- kumkumadi oil के चमत्कारी फायदे पढ़ें….

आजमाएं यह बहुमूल्य और महंगा ऑयल…

  • कुंकुमादि तेल को आयुर्वेद ग्रन्थों में केशर तेलम के नाम से जाना जाता है। यह केशर सहित ५० से अधिक कुदरती तत्वों का एक बहुत ही कीमती अद्भुत मिश्रण से निर्मित होता है।
  • स्मरण रखें- मालिश भी मिटाती है झुर्रियां, क्योंकि आत्म प्रेम का आरम्भ है-अभ्यङ्ग, इसके लाभ असीमित हैं। (चरक सहिंता)
  • महिला के दिमाग को हिला देगी यह बात बहुत परेशान करने वाली बात यह है कि-वर्तमान में दूषित हवा, प्रदूषित वातावरण में अधिकांश युवक-युवतियों को अगर 25 – 30 की आयु में चेहरे पर झुर्रियां आने लगी हैं। आपकी ये दिनचर्या आपके न चाहते हुए भी आपको हानिकारक है।

दाग, धब्बे, झाईं – झुर्रियां का झंझट

  • चेहरे पर झुर्रियों आने का बहुत बड़ा कारण है- प्रतिदिन तेजी से बदलती जीवनशैली या लाइफ स्टाइल, बार-बार बीमारी की वजह से कमजोर इम्युनिटी अथवा रोगप्रतिरोधक क्षमता में गिरावट।
  • भागदौड़ के चलते आप ठीक ढंग से भोजन भी नहीं ले पाने से पाचनतंत्र खराब तथा शारीरिक क्षीणता होने लगती है। तनाव के चलते गहरी पूरी नींद न लेना, कब्ज, पेट साफ न होना।
  • कब्ज तथा खराब पाचन शक्ति से बढ़ रही झुर्रियां। पेट की लगातार खराबी से खून खराब होने लगता है।खून साफ न रहने पर भी त्वचा संबंधित स्किन प्रॉब्लम की समस्याएं होती हैं।
  • रक्त की शुद्धि भी है आवश्यक आयुर्वेद सहिंता के अनुसार झुर्रियों से बचने के लिए सर्वप्रथम खून को साफ करने का उपाय करें। इसके लिये नीम अधिक मात्रा में उपयोग न करें, नहीं तो पित्त की वृद्धि होने लगेगी।
  • ज्यादातर लोग बाहरी उपाय अपनाते हैं। यह स्थाई हल नहीं है। झुर्रियां रोकने के लिए हमेशा कुदरती उपाय अपनाएं। पेट साफ रखें।
  • अतः रक्त की शुद्धि और पेट दुरुस्त रखने के लिए सबसे पहले 2 से 3 महीने स्किन की माल्ट Skinkey Malt का सेवन करें और साथ में सौंदर्य उत्पाद भी इस्तेमाल करें, तभी झुर्रियां जड़ से मिटेगी।
  • Skinkey Malt is made with healing and potent herbs with blood-purifying properties. This herbal recipe detoxifies your channels, deep cleans the pores and provides a radiant glow to your skin.
  • आजकल, तो माथे पर भी झुर्रियां पड़ने लगीं है। अनेक महिलाओं के मस्तिष्क पर भी काले निशान देखने को मिल जाते हैं। इसका कारण पीसीओडी की दिक्कत है।

केमिकल का छल और खतरनाक खेल

  • इस बात पर भरोसा करना पड़ेगा कि केमिकल और पारे से निर्मित सौंदर्य उत्पाद के उपयोग से आने वाला कल बर्बाद हो जाएगा।
  • ज्यादा केमिकल युक्त सौंदर्य उत्पाद हर पल चिन्ता व हलचल बढ़ायेगा। रसायनिक उत्पादों से कुछ समय के लिए, तो चेहरा चमकता है, लेकिन बाद में पहले से भी ज्यादा खराब हो जाता है।
  • हम आयुर्वेद के कुछ घरेलू इलाज बता रहे हैं, इन्हें 15 दिन करके देखें! इससे फेस/चेहरे की उन मांसपेशियों को भी राहत मिलेगी, जिनके सिकुड़ने से झुर्रियां, काले निशान, दाग-धब्बे बढ़ते हैं।

घरेलू उपाय से मिटाएं चेहरे की झुर्रियों के

  • मंजिष्ठा, चिरौंजी, नीम, हल्दी खड़ी, खस-खस, करंज, मेथीदाना सभी 5-5 ग्राम कालीमिर्च, लौंग, इलायची 1-1 ग्राम सभी को कूटकर 700 मिलीलीटर पानी में एक चौथाई रहने तक उबालकर छाने। फिर, इस काढ़े में एक ग्राम केशर मिलाकर कुछ देर उबालकर ठंडा करें।

घरेलू उबटन या पेस्ट बनाने का तरीका

  • उपरोक्त काढ़े में सुविधानुसार साफ बेसन तथा मुल्तानी मिट्टी मिलाकर उबटन या फेस क्लीनअप बनाएं।
  • लगाने की विधि… सुबह चाय-पानी पीकर फ्रेश होने के बाद धूप में बैठकर इस लेप को लगाकर सूखने दें और गुनगुने जल से धोलें।
  • चेहरा धोने के पश्चात पोंछकर अमृतम कुंकुमादि तेल की 2 से 3 बूंदे हल्के हाथ से लगाएं।

आयुर्वेद की आराधना

  • आयुर्वेदिक ग्रन्थ चिकित्सा चंद्रोदय, आयुर्वेद सार संग्रह आदि में 5000 साल पुराने असरदार योगों तथा घरेलू नुस्खों का उल्लेख है, जो चेहरे पर झुर्रियां, दाग-धब्बे और काले निशान हल्के कर उन्हें मिटाने में सहायता करेंगे।
  • आयुर्वेद की सबसे श्रेष्ठ और बहुमूल्य ओषधि कुंकुमादि तेलम, तो कभी बुढापा आने ही नहीं देता। यह चेहरे पर निखार लाने और खूबसूरती बढ़ाने के लिए अत्यंत कारगर है।
  • जैसा वेदों ने सुझाया- अमृतम ने बनाया। शास्त्रों में अमृतम कुंकुमादि तेल-KUMKUMADI Oil के बारे में एक मन्त्र लिखा है कि-

कुमकुम कामदं दिव्यं कामिनीकामसम्भवम्।

कुमकुमेनार्चिता देवू कुमकुम प्रतिगृहताम्।।

  • अर्थात- अमृतम कुम-कुमादि फेस ऑयल से चेहरा दिव्य और कामिनी स्वरूप हो जाता है। चेहरे की त्वचा देवी की तरह चमक उठती है तथा आकर्षण तथा सम्मोहन उत्पन्न होने लगता है।
  • आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया (AFI) जो कि भारत सरकार द्वारा मान्य आयुर्वेद की सबसे विश्वसनीय पुस्तक है। इसमें केशर से निर्मित अमृतम कुंकुमादि तेल के फार्मूले का संस्कृत में एक श्लोक में खास जड़ीबूटियों का वर्णन है।
  • कुम-कुमादि तेल का फार्मूला आयुर्वेद के अति प्राचीन ग्रन्थ योगरत्नाकर के क्षुद्ररोगाधिकार तथा चरक सहिंता के त्वचा रोगाधिकार और भैषज्यरत्नाकर शास्त्र के सौन्दर्य वृद्धि योग में संस्कृत का एक श्लोक आयुर्वेद में भरोसा बढ़ाता है।

कुंकुम चन्दनं लोध्रं पतंग रक्तचन्दनम् !

कालियकमुशीरं च मजिंष्ठा मधुयष्टिका !!१!!

पत्रकं पद्मकं पद्मकुष्ठं गोरोचनं निशा !

लाक्षा दारूहरिद्रा च गैरिकं नागकेशरम् !!२!!

पलाशकुसुमं चापि प्रियंगगुश्च वटाअंकुरा !

मालती च मधूच्छिष्टम सर्षपा: सुरभिवर्चा !!३!!

  • अर्थात–◆केसर, ◆चंदन, ◆लोध्रं, ◆पतंग काष्ठ, ◆रक्त चन्दन ◆लाख (लाक्षा) ◆मंजिष्ठा ◆यष्टिमधु (मुलेठी) ◆दारुहल्दी ◆उशीर ◆पद्मक ◆नील कमल ◆बरगद (वट वृक्ष) ◆पाकड़/पाखर ◆कमल केसर ◆बिल्व ◆अग्निमंथ ◆श्योनाक ◆गंभारी ◆पाटला, ◆नागकेशर, ◆वट अंकुर, ◆पलाश,◆प्रियंगुमंजरी, ◆शालपर्णी पृश्नपर्णी ◆गोखरू (गोक्षुर) ◆बृहती ◆कंटकारी या भटकटैया, ◆मालती ◆मधु आदि घटक-द्रव्य मिलकर बनता है- amrutam kumkumadi oil कुंकुमादि तेलम।
  • 5000 वर्ष पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथो के अनुसार अमृतम कुम-कुमादि तेल में डाले गए 50 जड़ीबूटियों का समावेश है, जो त्वचा की सूक्ष्म कोशिकाओं की मरम्मत करने में खास उपयोगी हैं।
  • जर्मनी की डॉ नैना बजरिया कुंकुमादि तेल के जबरदस्त फायदे इस वीडियो में बता रही हैं-

कुमकुमादि तेल की विशेषता, औषधीय गुण और फायदे

  • प्रतिजैविक रोगाणुरोधी यौगिकों antimicrobial compounds का व्यापक समूह होता है, जिसका उपयोग कवक और प्रोटोजोआ सहित सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने वाले जीवाणुओं के कारण हुए संक्रमण के इलाज के लिए होता है।
  1. कुमकुमादी तेल रोम-रोम की मरम्मत कर त्वचा को कोमल, मुलायम और ग्लोइंग बनाएं।
  2. कील-मुहांसे, दाग-धब्बे, झुर्रियों को आने से रोके।
  3. चेहरे की स्किन को साफकर चमकदार बनाकर जगमगाता गोरापन लाएं
  4. चेहरे की तेलीय त्वचा पर अंकुश लगाए अर्थात ऑयल कंट्रोल करे।
  5. खोया निखार वापस लेकर बेहतर रंग दे।
  6. सुंदरता और आत्मविश्वास बढ़ाये।
  7. आंखों की रोशनी भी बढ़ने में मदद करता है
  8. चेहरे की ढ़ीली त्वचा टाइट हो जाती है।
  9. त्वचा को निखारने के लिए केशर के मुकाबले सृष्टि में अन्य कोई दूसरी ओषधि है ही नहीं।
  10. केशर शरीर के सभी अवयवों, नाड़ियों एवं त्वचा की देखभाल, पोषण, रक्षण तथा सौन्दर्यवर्धन के लिए प्रतिपादित किया गया है।
  11. कुंकुमादि तेल से त्वचा पर केश के पास में होने वाला कालापन दूर होकर त्वचा सतेज, सुन्दर, खूबसूरत और चमकदार लगती है।
  12. कील-मुँहासे, पिम्पल्स, आंखों के नीचे के काले निशान जड़ से मिटाता है।
  13. आयुर्वेद में इसे अत्यंत उपयोगी माना है। जिनके चेहरे पर बड़े मस्से हों, तिल हो, दाग हों ओंठ अटपटे या मोटे हों इन सब खामियों को कम कर वर्ण को निखारकर और रंग साफ करता है
  14. रासायनिक आधारित क्रीम की तुलना में त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमद है। आयुर्वेद का एक उत्तम प्रोडक्ट है और इसका हमारे चेहरे पर कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है।
  15. अमृतम कुंकुमादि तेल का उपयोग आमतौर पर चेहरे के निखार के लिए किया जाता है। इसकी मालिश करने से आयु घटती है। बुढ़ापा दूर होता है।
  16. मालिश करने से रक्तसंचार यानि ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाता है। जिसकी त्वचा रूखी है, स्किन शुष्क या सूखी रहती है, उन्हे सुबह की पहली वह इसे रात में लगाकर सो जाये।
  17. रूखी, सुखी, शुष्क त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। मॉइशर के तोर पर भी उपयोग में लाते है।
  18. त्वचा से सबंधित सभी रोगो को ख़त्म करता है। शरीर और त्वचा में होने वाली सूजन को रोकता है।
  19. चेहरे के ऊपर से काले धब्बे और आंखों के नीचे काले घेरे, को ख़त्म करने का काम करता है।
  20. कुमकुमादी तेल का उपयोग नाक के लिए भी किया जाता है। नाक में इसके 1–1 बून्द डालने पर पित्त को ठीक किया जा सकता है। नाक सूखती नहीं है।
  21. कुमकुमादी तेल चेहरे पर लगाने से झुर्रियां एवं झाइयां साफ हो जाती है। उसकी कोशिका निकल जाने से चेहरा चमकता है। रंग निखरकर आकर्षण में भी सुधार होता है
  22. इसे हाइपरपिग्मेंटेशन के इलाज में भी उपयोग किया जाता है। मस्से को ख़त्म करने में विशेष कारगर है। घाव के निशान को ठीक करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  23. कुमकुमादी का उपयोग सदियों से सौंदर्य प्रसाधन के रूप में ब्यूटी आयल के तोर पर किया जा रहा है। गाल पर भूरे रंग के चकत्ते को भी ठीक करे।
  24. कुंकुमादि तेलम के इस्तेमाल से अब आप भी खुश रह सकते हैं। आयुर्वेद हमें सेहत सम्बन्धी अनेक तरह की तकलीफों से बचाता है।
  25. कुंकुमादि तेल का उपयोग केवल बाहरी यूज़ के लिए किया जाता है।

पैकिंग- 12 ML मूल्य- ₹ करीब 1699/–

  • कुमकुमादि तेल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-ह्यपरपिगमेंटशन, मॉइस्चराइजर, डेमल्सेण्ट, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-प्रुरितिक, नेचुरल सनस्क्रीन गुण होते हैं।

Kumkumadi oil महंगा क्यों होता है?

  • शुद्ध केशर, चंदन, अनंतमूल, पदमकष्ठ, बादाम आदि के मिश्रण से निर्मित कुंकुमादि फेस ऑयल में मिलाए गए बहुमूल्य द्रव्य-घटक महंगे होने के कारण इस तेल को हर्बल में बहुत बहुमूल्य माना गया है।
  • Kumkumadi की निर्माण प्रक्रिया भी अति श्रमसाध्य होती है। सम्पूर्ण विश्व में आयुर्वेद की 5000 वर्ष प्राचीन पद्धति के मुताबिक एक मात्र amrutam द्वारा बनाया जाता है।

राजा-रानी, रहीस के सौन्दर्य का रहस्य

  • दुनिया के सभी धनाढ्य और अमीर परिवार, फिल्म उद्योग से जुड़े कलाकार kumkumadi ऑयल की मालिश कर स्लिम बॉडी के स्वामी बनाए हुए हैं। इसे रोज रात सोते समय चेहरे पर लगाना नहीं भूलते।
  • हजारों वर्ष पहले इसका उपयोग केवल राज्य-परिवार की रानियां और धनाढ्य लोग ही किया करते थे।
  • चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने हेतु इसमें मिलाया गया चन्दन, केशर की वजह से कुमकुमादि तेल त्वचा के लिए काफी गुणकारी होता है।

केशर, प्रेशर से निकाले चेहरे की गन्दगी

  • केशर पूरे प्रेशर से त्वचा की पूरी गन्दगी बाहर निकालकर, चेहरे के कलेवर को बदल देता है। लटकती ढ़ीली त्वचा, झुर्रियां, बुढापे के लक्षण आदि समस्याओं का स्थाई हल है-
  • कुम-कुमादि तेलम क्योंकिइसमें केशर का पर्याप्त समावेश है, जो प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक पदार्थ या यौगिक है, जो त्वचा के जिद्दी जीवाणु को मार डालता है ये स्किन में पैदा होने वाले अज्ञात कृमि- कीटाणुओं के विकास को रोकता है।
  • अमृतम कुमकुमादि तेल जिद्दी स्किन प्रॉब्लम, कील-मुंहासे, झुर्रियां, दाग-धब्बे, कालापन एवं चेहरे की समस्याओं से पीड़ित स्त्री-पुरुषों के लिए अति उत्तम आयुर्वेदिक ओषधि है। ये पूर्णतः हानिरहित, बिना साइड इफ़ेक्ट के प्राकृतिक उपाय है।

पथ्य – अपथ्य, परहेज और सावधानी

  1. रात्रि में अल्पाहार भोजन लेवें।
  2. सुबह उठते ही 2 से 3 गिलास सादा जल पिएं।
  3. अधिक चटपटे खट्टे, नमकीन, तीखे, भारी, देर से हजम होने वाले तथा पित्त को कुपित करने वाले, मिर्च-मसालेदार पदार्थों का सेवन कम करें।
  4. रात के खाने में दही, अरहर की पीली दाल, फल, जूस, रस, मठा सलाद आदि न लेवें।
  5. पेट साफ रखें, कब्ज न होने दें।
  6. भोजन आराम से धीरे धीरे एवं उतना ही आराम से खाएं, जो पच सके।
  7. भोजन के एक घण्टे बाद गुनगुना पानी भरपूर पिएं इससे आपका रक्त शुद्ध रहेगा।

बुढ़ापे रोकने के लिए अभ्यङ्ग की आदत बनाएं

  • झुर्रियां मिटाने के लिए मालिश महत्वपूर्ण कर्म है, जो मजबूत कद-काठी, चुस्ती-फुर्ती,आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान कर अनेक व्याधियों से बचाता है। आत्म प्रेम का आरम्भ है-अभ्यङ्ग..(चरक संहिता सहिंता खंड-८८-८९)
  • कुमकुमादी तेल के बारे में विस्तार से जानने के लिए लिंक क्लिक करें।
  • चरक सहिंता के अनुसार मालिश के पश्चात का अहसास खुद से प्रेम यानि आत्मप्रेम होने की भावना का उदय होता है।

  • स्वयं से प्रेम करने वाले लोग रोज रग-रग का रूप निखारने तथा चेहरे को चमकाने हेतु सप्ताह में दो बार शरीर की मालिश अवश्य करना चाहिए। अमृतम नारीसौन्दर्य मसाज ऑयल एक अच्छा आयुर्वेदिक तेल है।
  • अभ्यंग का एक नियमित दैनिक अभ्यास है, जो दैहिक-भौतिक रूप से संतुलन उत्पन्न कर मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

कुमकुमादी ऑयल से अभ्यङ्ग/ मालिश के फायदे…

  • अभ्यङ्गचमकती, मुलायम और स्वस्थ त्वचा देता है।
  • अभ्यङ्ग बेहतर रक्त परिसंचरण प्रदायक है।
  • अभ्यङ्ग लासिका वाहिका अर्थात लिम्फैटिक प्रणाली, आंतरिक अंगों और ऊतकों को उत्तेजित कर विषाक्त पदार्थों को हटाने में सहायक है।
  • मांसपेशियों की टोन और दृढ़ता में वृद्धिकारक है।
  • प्रतिरक्षा और सहनशक्ति बढ़ाता है। चयापचय क्रियाशील बनाकर पाचन में वृद्धि करता है।
  • स्नान पश्चात नाभि में तेल लगाने से आंते स्वस्थ्य रहती हैं और पेट में कभी कब्ज की शिकायत नहीं होती।
  • मालिश से महिलाओं के स्तन भी सुढोल बने रहते हैं। स्नान के पहले यदि रोज अमृतम कुंकुमादि तेल की 5 से 10 बूंदे हथेली पर लेकर स्त्री नियमित अपने स्तनों पर हल्के हाथ से नीचे से ऊपर की तरफ लगाये, तो स्तन बहुत ही सुंदर-सुढोल होते जाते हैं।
  • पैरों के तलाबों में मालिश करने से याददाश्त तेज होती है।
  • अभ्यङ्ग से हर प्रकार की मानसिक अशांति तनाव फुर्र हो जाती है और तनाव मिटने लगता है।
  • तन की मर्जी से नहीं मनमर्जी से चल रहे हैं लोग…
  • कुछ महिलाएं बरगद के पत्ते का, कुछ सफेद अकौआ का दूध पिम्पल्स ओर काले धब्बे मिटाने के लिए करती हैं।
  • आयुर्वेद के भावप्रकाश निघण्टु में चिरौंजी, रोहिष घांस, अनंतमूल, बादाम, बड़ी इलायची के छिलके, कालीमिर्च आदि से इसका इलाज करते हैं।
  • नीबू का रस, खीरे का जूस, संतरे, अनार का छिलका भी पिम्पल्स एवं काले निशानों को मिटाता है।
  • यदि आप इसका स्थाई हल चाहते हैं, तो एक बार अमृतम द्वारा निर्मित निम्नलिखित सौंदर्य प्रदायक हर्बल उत्पादों का उपयोग 20 से 30 दिन तक नियमित करके देखें।
  • अमृतम फेस क्लीनअप, अष्टगंध
  • अमृतम फेस वॉश
  • अमृतम चारकोल मास्क

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से बात करें!

अभी हमारे ऐप को डाउनलोड करें और परामर्श बुक करें!


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *