प्राचीन नाम सोम रोग ही आधुनिक युग का पीसीओडी स्त्रीरोग है।
स्त्री की योनि से जब सफेद और पीड़ा-रहित जल बहुत ही ज्यादा बहता रहता है। प्रसव, निर्मल, शीतल, गन्ध रहित, साफ रिसाव निरंतर बना रहे, तो इसे सोमराेग की श्रेणी
में रख गया है। सोमरोग से पीड़ित वह स्त्री जल के वेग को रोक नहीं सकती, एकदम कमजोर हो जाने की वजह से बेचैन रहती है; माथा शिथिल हो जाता है, मुँह और तालू सूखने लगते हैं; बेहोशी होती, जँभाई आती, चमड़ा रूखा हो जाता, प्रलाप होता और खाने-पीने के पदार्थों से कभी तृप्ति नहीं होती। जिस रोग में ये लक्षण प्रगट होते हैं, उसे सोम-रोग कहते हैं।
सोमरोग या पीसीओडी पुराना होने पर…
जब स्त्री का सोम-रोग पुराना हो जाता है।
तब वह ‘मूत्रातिसार’ हो जाता है।
पहले तो सोम-रोग की हालत में पानी-सा
पदार्थ बहा करता है; किन्तु इस दशा में बारम्बार पेशाब होते हैं और पेशाब की मिकदार भी ज्यादा होती है।
स्त्री जरा भी पेशाब को रोकना चाहती है,
तो रोक नहीं सकती। परिणाम यह होता है
कि स्त्री का सारा बल नष्ट हो जाता है और
अन्त में वह जीर्ण शीर्ण होकर मर जाती है।
सोमरोग या पीसीओडी होने के कारण...
जिन कारणों से ‘प्रदर रोग’ होता है, उन्हीं
कारणों से सोम-रोग होता है।
अति मैथुन और बहुत मेंहनत करने से शरीर के रस, रक्त जैसे पतले पदार्थ और पानी अपने-अपने स्थान छोड़ कर, मूत्र की थैली में आकर जमा होते हैं और वहाँ से चल कर, पेशाब की राह से, हर समय या अनियमित समय पर बाहर गिरा करते हैं।
महिलाओं के लिए खतरनाक सोमरोग
जिसकी वजह से खूबसूरती, सौंदर्य और
सुन्दरता नष्ट हो जाती है।
“स्त्री रोग विशेषांक” किताब के अनुसार
यह वे, 11 (ग्यारह) बीमारियां हैं जिनके
कारण महिलाओं में आकर्षण खत्म हो जाता है।
सोम-रोग की घरेलू चिकित्सा
1. उड़द का आटा, मुलेठी, विदारीकन्द, शहद और मिश्री-इन सबको मिला कर सबेरे ही दूध के साथ सेवन करने से सोम-रोग नष्ट हो जाता है।
2. यदि सोम-रोग में पीड़ा भी हो और पेशाब के साथ सोम-धातू बारम्बार निकलती हो, तो ताजा शराब में इलायची और तेजपात का चूर्ण मिला कर पीना चाहिए। इससे लाभ होता है।
3. मृतम शतावर चूर्ण फाँक कर, ऊपर से दूध पीने से सोम-रोग नष्ट हो जाता है।
4. आमलों के बीजों को जल में पीस कर, फिर उसमें शहद और चीनी मिला कर पीने से तीन दिन में ही श्वेत प्रदर और मूत्रातिसार नष्ट हो जाते हैं।
5. छह माशे नागकेसर को माठे में पीस कर, तीन दिन तक पीने और माठे के साथ भात खाने से श्वेत प्रदर और सोम-रोग नष्ट हो जाते हैं। –
6. नारी सौंदर्य माल्ट और कैप्सूल तीन महीने तक लगातार सेवन करें।
नीचे लिंक क्लिक कर सोमरोग या पीसीओडी
का सम्पूर्ण इलाज घर में ही कर सकते हैं।
महिलाओं/स्त्रियों/नवयौवनाओं को होने वाले
“11” – रोग और “11”- उपाय
【१】माहवारी समय पर न होना
【२】 माहवारी कष्ट से होना
जिसे आयुर्वेद की भाषा में कष्टार्तव कहा है।
【३】माहवारी का कम या नहीं होना
(ग्रंथो के अनुसार इसे नष्टार्तव कहते हैं)
【४】सफेद पानी की शिकायत
【५】श्वेत प्रदर/व्हाइट डिस्चार्ज
श्वेत प्रदर या सफेद पानी का योनी मार्ग से निकलना लिकोरिया/Leucorrhea कहलाता है।
योनि से लगातार सफेद पानी निकलने की दो वजह हो सकती हैं।
(A) स्वाभाविक प्रक्रिया-
स्वतः ही सफेद पानी निकलना प्राय: स्त्रियों में स्वाभाविक रूप से कुछ मात्रा में होता रहता है।
विशेषत: माहवारी (मासिक धर्म) के पूर्व, माहवारी के बाद, अण्डोत्सर्ग (Ovulation)के समय अौर कामेच्छा उद्दिप्त/सेक्सी विचार होने पर स्वाभाविक है।
(B) बीमारी के लक्षण —
योनि में निरन्तर सफेद पानी का आते रहना
श्वेत प्रदर/लिकोरिया/ल्यूकोरिआ/Leukorrhea)
कहा जाता है। आयुर्वेद शास्त्रों इसे एक खतरनाक स्त्रीरोग की श्रेणी में माना गया है। “सफेद पानी आना” महिलाओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार चिपचिपा पानी सा तरल पदार्थ निकलता रहता है। लिकोरिया से पीड़ित नवयोवनाएँ अपनी सुन्दरता और आकर्षण खो देती हैं। हीनभावना की शिकार हो जाती हैं। कम उम्र में ही
खूबसूरती नष्ट हो जाती है, जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है।
■ महिलाओं में श्वेत प्रदर/लिकोरिया/व्हाइट डिसचार्ज जैसी बीमारियों का होना आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु यह शरीर में अनेक रोगों को उत्पन कर देता है।
अन्य कई रोगों के कारण होता है।
【६】रक्त प्रदर या महावारी बिगड़ना
【७】अनियमित मासिक धर्म समय पर न होना
【८】गर्भाशय की शिथिलता
【९】योनिशूल
【१०】मासिक धर्म के समय का दर्द
【११】कम उम्र में मासिक धर्म का बन्द होना
लिकोरिया नाशक “11” प्राकृतिक उपाय-
[1] सुबह उठते ही खाली पेट कम से कम 300 मिलि सादा जल ग्रहण करें।
[2] केवल सुबह नाश्ते में दही अवश्य लें।
[3] दिन भर में कम से कम 50 बार गहरी-गहरी श्वांस लेवें।
[4] 24 घंटे में 4 से 5 लीटर सादा पानी पीवें।
[5] प्रतिदिन 4 से 5 किलोमीटर पेदल चलें।
[6] मानसिक तनाव, बेचेनी, घबराहट, क्रोध से
बचने के लिए योगाभ्यास/प्राणायाम/ध्यान/
मन्त्र जाप/आदि नियमित करें।
[7] हमेशा सकारात्मक रहें, पॉजिटिव सोचें।
[8] मासिक धर्म के समय सेक्स से बचें।
[9] माहवारी के दिनों में बाल न धोवें।
[10] रात में ही गहरी और पूरी नींद लेवें। दिन में कतई न सोवें।
[11] सदैव स्वस्थ्य प्रसन्न रहने के लिए केवल प्राकृतिक चिकित्सा करें।
स्त्री रोगों का समय पर सही और स्थाई इलाज जरूरी है। जो आयुर्वेद में उपलब्ध है।
नारी सौन्दर्य माल्ट (नारी रोगों की संजीवनी)
10 प्रकार के रोगों में लाभकारी
√ जननांगों को स्वस्थ्य बनाये रखने हेतु सर्वोत्तम आयुर्वेदिक ओषधि है।
आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रन्थ
◆ आयुर्वेद सार संग्रह
◆◆ रस-तन्त्र सार संग्रह
◆◆◆ भावप्रकास निघंटु
◆◆◆◆ चरक सहिंताओं आदि में
महिलाओं की किसी भी प्रकार की बीमारियों में अथवा अन्य स्थितियों के उपचार के लिए
“नारी सौन्दर्य माल्ट” की सलाह दी जाती है।
यह महिलाओं की अनेक आधि-व्याधि
आदि तकलीफों को दूर करता है।
नारी रक्षक अमृत ओषधि के रूप में महिलाओं के तन-मन की मलिनता मिटाकर, शरीर को सुन्दर एवं आकर्षक बनाने में यह अत्यंत प्रभावी है।
नारी सौन्दर्य माल्ट- के फायदे
【】मेटाबोलिज्म को करेक्ट कर इम्युनिटी पॉवर बढ़ाता है।
【】 पाचनप्रणाली को ठीक कर भूख और खून बढ़ाता है।
【】सभी तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करने में सहायक है।
【】इसमें मिलाया गया सेव मुरब्बा, गुलकन्द, आँवला मुरब्बा शतावरी,मुलेठी, अशोक छाल शरीर में सब प्रकार के विटामिन, कैल्शियम, शिथिल कोशिकाओं/अवयवों को रीचार्ज करते हैं।
【】 नई उम्र की युवतियों को सौन्दर्य प्रदान
करता है।
【】विवाहित स्त्रियों की सुंदरता बढ़ाने के लिए यह विलक्षण हर्बल मेडिसिन है।
【】एक माह तक निरन्तर सेवन करने से गजब की सौन्दर्यता, सुन्दरता,सहजता, स्वास्थ्य और शक्ति प्रदान करता है।
सेवन विधि
★ यदि मोटापा कम करना हो या दुबले-पतले,इकहरे बदन के लिए सुबह खाली पेट एवं शाम को खाने से पहले नांरी सौन्दर्य माल्ट “100 मिलि.” गरम/गुनगुने पानी में 2 से 3 चम्मच मिलाकर चाय की तरह पियें। इसी तरीके से एक दिन में 3 से चार बार भी ले सकतें हैं।
स्वास्थ्य वृद्धि व हेल्थ या मोटा होने के लिए —
Amrutam Nari Sondarya Malt | For Period Pain, Irregular Periods & PCOS
2 से 3 चम्मच नांरी सौन्दर्य माल्ट गर्म/गुनगुने
दूध से खाने से एक घण्टे पहले सुबह शाम अथवा एक दिन में 3 से 4 बार तक लिया जा सकता है।
विशेष ध्यान दें-
खूबसूरती, सुन्दरता और विशेष आकर्षक वृद्धि
के लिए “नांरी सौन्दर्य मसाज ऑयल” की नियमित मालिश करना बहुत ही लाभकारी है।
इसमें
¶ चन्दन इत्र,
¶¶ गुलाब इत्र,
¶¶¶ केशर युक्त कुम-कुमादि तेल,
¶¶¶¶ जैतून तेल,
¶¶¶¶¶ बादाम तेल
आदि प्राकृतिक ओषधियों/तेलों का मिश्रण है जो शरीर के सभी दाग-धब्बों को मिटाकर रंग साफ करने में सहायक है।
यह उन महिलाओं/नवयौवनाओं/स्त्रियों तथा युवा पीढ़ी की लड़कियों को अत्यंत हितकारी है, जिन्हें बहुत जल्दी, ज्यादा सौन्दर्य वृद्धि की कामना हो,तो प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार
अमृतम का अद्भुत खुशबूदार तेल-
“नारी सौंदय मसाज़ आयल”
की पूरे शरीर में मालिश कराएं।
मात्र 5 बार के अभ्यंग/मालिश से
तन ऊर्जावान एवं सुन्दरता से
लबालब हो जाता है।
सांवला रंग साफ होता है।
और अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट
Login कर सकते हैं।
बालों के झड़ने,टूटने, पतले होने, रूसी आदि की समस्याओं से जूझ रहे हों, तो
कुन्तल केयर हर्बल हेयर बास्केट के बारे में
आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक ब्लॉग/,लेख उपलब्ध है।
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