- गर्मियों के मौसम में पाचक रस ठीक से न बनने के कारण मल सूखकर कठोर हो जाता है और पकाने के समय यह दुदादवार या रेंकल को क्षतिग्रस्त हो जाता है और जख्म के को वजह से खाल के रूप में मस्से बाहर निकल आते हैं और भयंकर पीड़ा देते हैं।
- बवासीर/piles पाइल्स-मस्सा/ हेमोरोहिड्स के नॉन-सर्जिकल के आयुर्वेद में बहुत ही उपाय सरल हैं।
पाइल्स का घरेलू इलाज
- पाइल्स से पीड़ित पुरुष, स्त्रियों को हरड़ मुरब्बा का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए और रात को तिल तेल में डुबोकर रूई का फोहा गुदाद्वार में लगाना चाहिए।
- पाइल्स की काल की तरह विकराल समस्या से बचने हेतु हरड़, हरीतकी मुरब्बा अधिक से अधिक सेवन करें। हरड़ को अभया भी इसलिए कहते हैं क्योंकि ये अर्श से पीड़ित रोगियों को भय मुक्त रखती है।
- हरड़ मुरब्बे से निर्मित Pileskey Gold Malt पाइल्स की गोल्ड माल्ट एवं कैप्सूल 2 से 3 महीने लगाकर खाने से पाइल्स की तकलीफ जड़ से मिट जाती है। पाइल्स की गोल्ड माल्ट/Pileskey Gold Malt पाइल्स का शर्तिया घरेलू इलाज है-
- पाइल्स की गोल्ड माल्ट में हरड़ मुरब्बा, आंवला मुरब्बा, गुलकन्द, गुलाबफुल, त्रिफला, एलोवेरा, स्वर्णपत्री, अमलताश आदि का मिश्रण है, जो बवासीर के मस्से सुखाने में मददगार है।
- सेवन विधि-एक चम्मच पाइल्स की माल्ट एक कैप्सूल के साथ सुबह खाली पेट गुनगुने दूध से ओर रात को भोजन से पहले लेवें।
पाइल्स की गोल्ड माल्ट के 6 फायदे…
- पाइल्स, बवासीर, कब्ज, आँतों की खराबी, अल्सर आदि के लिए हरड़, अभय, सनाय, अमलताश, गुलकन्द, त्रिफला से निर्मित आयुर्वेदिक अवलेहा अमृतम ..PiLES KEY GOLD MALT पाइल्स की गोल्ड माल्ट विशेष कारगर अर्शनाशक ओषधियाँ हैं।
- जिन्हें वर्षों से खूनी बवासीर/पाइल्स है, उन मरीजों का बवासीर से गिरने वाला खून बन्द हो जाता है। मस्से सूखने लगते हैं।
- पुरानी से पुरानी एवं बेशर्म असाध्य बवासीर की तासीर ठीक करने हेतु यह अद्भुत आयुर्वेदिक औषधि है।
- ये खूनी-वादी दोनो तरह के अर्श रोगों का जड़ से नाश का देती है।
- पाइल्स की गोल्ड माल्ट को रोज सुबह-शाम 2-,2 चम्मच दूध के साथ तीन माह तक लेवें।
- विशेष-पाइल्स की गोल्ड माल्ट
- 100 फीसदी आयुर्वेदिक औषधि है। बवासीर को जड़ से मिटाने के लिए कम से कम तीन से 6 महीने तक लेना जरूरी है।
पाइल्स के लक्षण, कारण
- गुदा के आस-पास कठोर गांठ जैसे महसूस होती है।
- शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना।
- शौच के वक्त जलन के साथ लाल चमकदार खून का आना।
- शौच के वक्त अत्यधिक पीड़ा होना।
- गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।
- शौच के वक्त म्यूकस का आना।
- पाइल्स की वजह पुरानी कब्ज कब्ज के कारण पेट साफ नहीं होता है और मल त्याग में जोर लगाना पड़ता है जिसकी वजह से पाइल्स की समस्या हो जाती है!
- ज्यादा समय तक जो लोग खड़े होकर या बैठकर काम करते हैं, उन्हें भी बवासीर की समस्या हो जाती है। क्योंकि पाचनतंत्र बिगड़ जाता है।
- पाइल्स का एक कारण मोटापा भी है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान भी कई महिलाओं को पाइल्स की समस्या हो जाती है।
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