अमृतम के सभी माल्ट बनाने की प्रक्रिया | How are Amrutam Malts made?

रोगों पर यदि ध्यान न दो, तो  शरीर , तन-मन असाध्य  व्याधियों से जकड़ जाता  हैं । व्याधि कोई भी हो ये उन्नति,व क्रियाशीलता में बाधा खडीकर जीवन को आधा कर देती हैं ।
 अमृतम आयुर्वेद हर साध्य-असाध्य, और पुरानी से पुरानी तथा रोज-रोज होने वाली बीमारी का स्थाई इलाज है ।

 अमृतम हर्बल दवाएँ -सदा स्वस्थ बनाएँ

 हम इसलिए ही कहते हैं कि इनके सेवन से तन-मन, तो ठीक होता ही है साथ ही बार-बार होने वाले रोगों से निजात मिलती है ।
 विश्व में पहली बार अमृतम द्वारा विभिन्न व्याधियों के लिए अलग-अलग करीब 45 प्रकार के माल्ट का निर्माण किया है  ।
 अमृतम के सभी माल्ट की निर्माण प्रक्रिया अति कठिन व जटिल है ।  सर्वप्रथम माल्ट निर्माण हेतु   8-10  तरह  के मुरब्बों जैसे-हरड़ (हरीतकी) मुरब्बा, सेव मुरब्बा, आंवला मुरब्बा, करौंदा मुरब्बा,
 पपीता मुरब्बा तथा गाजर मुरब्बा का निर्माण किया जाता है । तत्पश्चात इनके साथ अंजीर, बादाम, काजू, काली किसमिस, पिंडखजूर तथा छुहारा
 माल्ट के योग अनुसार पीस-छानकर मंदी आंच (अग्नि) में 5 से 8%  गाय का देशी घी डालकर 8-10 दिन  तक भूँजा जाता है ।
 इस दरम्यान संबंधित रोगों की करीब 25-30 आवश्यक  जड़ी-बूटियाँ को साफकर, कूटकर, जौकुट करके जड़ी-बूटियों के वजन से 16 गुना अधिक साफ जल में 25 से 35 घण्टे के लिए  किसी बड़े पात्र या ड्रम में गलाने हेतु छोड़ना,
 गलने के बाद बड़ी कढ़ाही में 30 से 40 घण्टे एक सी कम आंच में इतना उबालना कि उबला जल जो कि काढ़ा है एक चौथाई रह जाये, तब ठंडा होने  पर काढ़े को छानकर जिस मुरब्बे की सिकाई 10 दिनों से हो रही है उसमें इस काढ़े को मिलाकर पुनः
 10 या 15 दिन तक मंदी आंच में इतना सेकें कि  गाढ़ा अवलेह हो जाये ।  इस निर्माण प्रक्रिया में लगभग 25 या 30 दिन लगते हैं ।
 जब पूरा माल अच्छी तरह गाढ़ा हो जाये, तब
 इस पके माल या माल्ट में
(आयुर्वेद में इसे अवलेह भी कहते हैं ) आवश्यक मसाले जैसे- त्रिकटु, त्रिसुगन्ध, जावित्री, नागकेशर, मुलेठी, शतावर, अश्वगंधा, तुलसी, आदि पीसकर इसका
 महीन पावडर छानकर अवलेह में अच्छी तरह मिलाकर फिर इसमें रसादि व भस्मों का मिश्रण किया जाता है । पूरी तरह तैयार होने के बाद
 इस अवलेह (Malt) को  15 दिन तक एक हीटर रूम में रखकर साफ  बारीक जाली से छानकर शीशियों में पैक किया जाता है ।
 अमृतम के ये सभी 45  तरह के माल्ट
 रोग नाशक के साथ एक बेहतरीन
सप्पलीमेंट भी है  ।
 यह शरीर मे सभी महत्पूर्ण तथा जीवनीय शक्ति  एवम रोगप्रतिरोधक क्षमता वृद्धि में अत्यंत सहायक है । बिना किसी रोग के भी इसे नियमित लिया जा सकता है । इन आयुर्वेदिक हर्बल अवलेह  (Malt) की एक अद्भुत विशेषता यह भी है कि  यह शरीर में खनिज, मिनरल्स, पोषक तत्वों 
की पूर्ति प्रदायक है । इन माल्ट के नियमित सेवन से कब्ज नहीं होती,
उदर विकार दूर होकर, भूख व
खून की कमी दूर करते हैं ।
 नारी सौंदर्य माल्ट-महिलाओं
 को सुंदर स्वस्थ बनाता है ।
 फ्लू की माल्ट– मलेरिया, ज्वर, चिकनगुनिया, डेंगू फीवर, स्वाइन फ्लू जैसी खतरनाक रोगों का जड़ मूल से नाश कर देता है । इसमें डाला गया महा सुदर्शन काढ़ा के रोग हर लेता है ।
 ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट
के लगातार सेवन से
 “वात-विकार, हाहाकार
कर निकल जाते हैं ।
  इस प्रकार अमृतम द्वारा हर रोग के लिये
  अलग- अलग करीब 45 तरह के हर्बल्स अवलेह (Malt) उपलब्ध हैं । जिन्हें कोरियर से भी मंगाया जा सकता है ।
  माल्ट बनाने की पध्दति प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथो से ली गई है ।
 यह बेहद असरकारक पूर्णतः हर्बल
अवलेह हैं  ।  तन-मन शरीर की असंख्य ज्ञात-अज्ञात विकारों का विनाशक है ।
 स्वास्थ समस्याओं जैसे जोड़ों का दर्द,
 पीठ दर्द, साइटिका, थायराइड, सिरदर्द, कमर दर्द, महिलाओं के रोग, लिकोरिया प्रदर, सफेद पानी आना, माहवारी कष्ट से होना, खूबसूरती कम होना तथा बालों का झड़ना, रूसी, खोंची, झरन मिटाने हेतु कुंतल केयर हर्बल शेम्पू
खारे, बोरिंग व प्रदूषित
 जल से बाल धोने में बहुत उपयोगी है । डायबिटीज, सर्दी-झुकाम, कब्ज़, एसिडिटी या बदहजमी से परेशान हैं तो अपनाएं,
अमृतम आयुर्वेदिक  दवाइयां  ।

 अमृतम ओषधियाँ  इन सभी स्वास्थ समस्याओं का सफल इलाज करने में सालों से कारगर साबित हुई हैं । शरीर के रोग मिटाने, ताकतवर बनाने, बल-वीर्य वर्धक हैं ।

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