नीम का काढ़ा निकालकर, उसमें कपूर, कालीमिर्च, अजवाय, लौंग, तेजपात का पॉवडर मिलाकर पूरे घर में पोंछा लगवाएं।
यह पुराना प्रयोग किसी वैद्य ने बताया था।
आयुर्वेद के एक शास्त्र के मुताबिक उपचार इस प्रकार हैं !
सुश्रुत ने 5 तरह के मच्छरों के वर्णन किया है।
◆ समंदर के मच्छर,
◆ परिमंडल यानि गोल बांधकर मच्छर
◆ ह्र्दस्ती मच्छर अर्थात बड़े मोटे, दांस मच्छर
◆ काले मच्छर
◆ पहाड़ी मच्छर।
मच्छर एक प्रकार का संगीतकार भी होता है।
इसकी धुन पर सभी को ताजी बजानी पड़ती है।
ऐसा भी कहते हैं कि एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है।
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