कहीं आप गले के इन 21 रोगों से पीड़ित तो नहीं हैं ? | सर्दी-खाँसी,जुकाम

सर्दी-खाँसी को गले की फाँसी कहा गया है

कैसे मुक्ति पाएं -गले के 21 रोगों से

कहीं आप गले के  इन 21 रोगों से पीड़ित,तो नहीं हैं।
यह त्रिदोष में से एक “कफ रोग” के अंदरूनी रूप से होने से होता है। ध्यान दें यदि आपके फेफड़े कमजोर हैं,तो निम्न रोग परेशान कर सकते हैं।
1- सर्दी-खाँसी,जुकाम
2- कफदार खांसी
3- कुकर खाँसी
4- दमा,श्वांस
5- बार-बार जुकाम होना
6- गले की खराबी,खराश
7- गला रुंध जाना,बैठ जानाजुकाम 
8- गले व कंठ में सूजन
9- नजला,नाक में परेशानी
10- नाक से पानी बहना
11- कफ का हमेशा बना रहना
12-  सर्दी से सिरदर्द
13-  आंखों में भारीपन
14- टॉन्सिल की तकलीफ
15- बार-बार छींक आना
16- कफ के कारण सुस्ती रहना
17- श्वांस संस्थान की दुर्बलता
18- फेफड़ों की खराबी
19- छाती में भारीपन
20- सांस लेने में दिक्कत होना
21- श्वांस संबंधी समस्याएं है,तो आपका शरीर जीर्ण-शीर्ण जर्जर औऱ कमजोर हो सकता है।
इसका देशी इलाज समय पर करना
बहुत आवश्यक है।
 उपरोक्त बीमारियों का समूल नाश करने के लिए
 “लोजेन्ज हर्बल माल्ट” विशेष उपयोगी है ।
इसमें देशी दवाइयों वासा,हंसराज,मुलेठी,
भारंगी,का काढ़ा मिलाया गया है।
हरीतकी,आँवला मुरब्बा का मिश्रण है जो शरीर में आवश्यक प्रोटीन, विटामिन की पूर्ति करता है।
लोजेन्ज हर्बल माल्ट तन की शिथिल नाडियों एवं
कमजोर अवयवों शक्ति प्रदान करता है।
यह कफ व फेफड़े संबंधित सभी व्याधियों को
दूर करने में सहायक है।

 सेवन विधि-

2से 3 चम्मच लोजेन्ज हर्बल माल्ट सुबह खाली पेट
गर्म दूध या गर्म पानी से लेना है। कफ की पुरानी
बीमारियों में एक दिन में 3 से 4 बार लेवें।
परहेज- रात्रि में दूध-दही,ठंडे पदार्थ का सेवन न करें।
सुबह उठते ही 3 से 4 गिलास सादा या गुनगुना जल पियें।
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