- रतिक्रिया एक ऐसी गुप्त क्रिया है, जिसे अधिकंश रात्रि में स्त्री के साथ किया जाता है। इस प्रक्रिया में पुरुष अपने को लिंग खड़ा करके और कठोर बनाकर नारी की नाभी के नीचे स्थित भग या योनि में डालकर वीर्य निकलने तक 10 से 15 मिनिट घर्षण करता है।
- रतिक्रिया के दौरान यदि स्त्री को संतुष्टि और आनंद का अनुभव होता है, तो वह मर्द को शुक्रिया कहती है अन्यथा वह अपना त्रिया चरित्र उजागर कर बार बार गले लगाकर चूमती है। प्रेम करने लगती है।
- शीघ्रपतन के शिकार पुरुष कोई चमत्कार नहीं दिखा पाते और हार मानकर, जीवन को तार तार कर बैठते हैं। कुछ कमजोर लोग बालाजी सरकार या भगवान को दोष देने लगते हैं।
- ज्ञात हो कि शीघ्रपतन, नपुंसकता, नामर्दी, वीर्य का पतला होना आदि गुप्त रोगों दूषित वातावरण के कारण दिनोदिन बढ़ते जा रहे हैं।
- रतिक्रिया को अंग्रेजी में इंटरकोर्स intercourse कहते हैं। यह स्त्री और पुरुष दोनों का शारीरिक मिलन है और ये सेक्स शारीरिक एवम मानसिक रिलेक्स के लिए ज्यादातर रात में किया जाता है।
- रतिक्रिया के अन्य नाम सहवास, सम्भोग और सेक्स SEX भी है। इसे करने वाले दिन में भी कर लेते हैं। कुछ लोग रतिक्रिया का नाम मैथुन, sexual action, coitus भी बताते हैं।
- रतिक्रिया करने के बाद की प्रक्रिया अविवाहित जोड़ों के लिए खराब होती है। क्योंकि प्रतिक्रिया के रूप में कभी कभी अनचाहा गर्भ धारण करना पड़ता है।
- सेक्स के मामले में स्त्री संतुष्ट होने के बाद कहकर, शर्मा कर शुक्रिया भी बोल देती है। इसी से प्यार बढ़ता है।
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शास्त्रों में रतिक्रिया एक शारीरिक आकर्षण
- भारतीय धर्म शास्त्र जीवन के दोनों पहलुओं को इंसान के लिए अहम मानते हैं। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन चार पुरुषार्थों में काम यानि सेक्स का विशेष महत्व बताया है।
- अर्थ यानि दाम की जरूरत होने पर ही व्यक्ति काम (कर्म WORK) करता है और कामवासना की पूर्ति हेतु पत्नी को काम SEX द्वारा प्रसन्न रखकर वंश की वृद्धि करता है।
- कामशास्त्र ग्रंथ एवं खजुराहो मंदिर इस बात के प्रतीक हैं कि धर्म के मर्म को समझते हुए भगवान के नाम के साथ-साथ व्यक्ति के लिए अपना परिवार एवं वंश आगे बढ़ाकर मोक्ष यानि मुक्ति का प्रयास भी जरूरी है।
रतिक्रिया नियमित करने के फायदे
- दिल की बीमारी या ह्रदय घात से बचाता है रात का सेक्स
- जवान बनाए रखने में सहायक
- इम्युनिटी में इजाफा
- गहरी नींद लाता है भरपूर सेक्स
- मानसिक क्लेश, क्रोध, तनाव से निपटने में मदद
- रोज सेक्स करने से बढ़ती है उम्र
- बढ़ता है ब्लड सर्कुलेशन
- सिरदर्द भी होता है रफूचक्कर
- मोटापे रोकता है पर्याप्त सेक्स
– पुरुष यौन समस्याएं क्यों होती हैं?
– क्या कहता है आयुर्वेद ?
– नर का नाश करने वाली बीमारी नपुंसकता
– सेक्स में रुचि कम होना या खो जाना
– तन के पतन और खाली बर्तन से शिथिलता, शीघ्रपतन
– पुरुषों में धात की बीमारी क्या है?
– मर्दाना ताकत कम क्यों हो जाती है?
– वक्त पर खड़ा नहीं होता हो तो क्या करें?
– पेशाब करते समय अधिकतर चक्कर क्यों आता है?
– पुरुष यौन चिंताओं के प्रभाव
अध्याय 4: अमृतम का आयुर्वेदिक औषधि और इलाज है
अध्याय 1:
- आयुर्वेद यौन स्वास्थ्य के बारे में क्या कहता है?
- बहुत कम लोग जानते हैं कि आयुर्वेद यौन स्वास्थ्य के बारे में क्या कहता है?
- आयुर्वेद के अनुसार यौन शक्ति यानि सेक्स पावर सहवास क्षमता बढ़ाने के लिए शरीर में एनर्जी, ऊर्जा का संचय होना बहुत ज़रुरी है।
- पाचन जितना मजबूत होगा। शरीर उतना हल्का और उर्जावान रहेगा। तभी आप बेहतर पौरुष क्षमता के साथ संभोग (सेक्स) कर पायेंगें।
- इसलिए आयुर्वेद की ऐसी जड़ी बूटियों का सेवन करें, जो यौनशक्ति वर्धक हों और लिवर को क्रियाशील बनाकर शारीरिक क्षमता बढ़ाती हों। उन दवाओं की जानकारी नीचे दी जा रही है।
- आयुर्वेद सार संहिता के अनुसार सृष्टि आरंभ से ही यौन रोग से कौन पीड़ित नहीं रहा। यह इसी गुप्त बीमारी है, जिसका दुष्प्रभाव दिमाग पर सर्वाधिक होता है।
- चिकित्सा चंद्रोदय और चरक संहिता की माने, तो पुरुषों में वीर्य से ही वीरता आती है। वीर्य क्षीणता से नपुंसकता।
- व्यक्ति शारीरिक रूप से भले की कमजोर हो, किंतु वीर्य का कम और पतला होना अच्छी बात नहीं है। वीर्य के गाढ़ेपन से ही स्त्रियों को पूर्ण यौन सुख मिलता है और रतिक्रिया में आनंद की प्राप्ति होती है, तभी वह शुक्रिया कहने में लज्जा नहीं करती।
- आयुर्वेदिक शास्त्रों के अध्ययन से पता लगता है कि पाचन तंत्र की गड़बड़ी, लिवर की खराबी से ही शरीर में नया रस नहीं बन पाता और वात, पित्त, कफ असंतुलित हो जाता है।
- ध्यान रखें भोजन पचने के बाद ही रस का निर्माण होता है और यही रस नया रक्त बनाकर नवीन वीर्य निर्मित करने में सहायुक है।
और पढ़ें: सेक्स पावर कैसे बढ़ाए
- शुक्राणुओं की कमी से संतान उत्पत्ति में बढ़ा होती है। यह सब वीर्य के न बन या कम बन तथा वीर्य के पतले होने से होता है। लिंग में ढीलापन और शिथिलता की वजह भी वीर्य का न बनना ही है।
संतुष्टि कैसे प्राप्त करें?
- कामसूत्र के मुताबिक लिंग को योनि में डालने के बाद कम से कम 108 बार अंदर बाहर घर्षण करना सर्वश्रेष्ठ सेक्स कहलाता है। ऐसे संभोग से स्त्री को अत्याधिक संतुष्टि मिलती है।
- गुप्त रोग विषशज्ञों और सेक्स वैज्ञानिकों की रिसर्च से ज्ञात हुआ है कि 47 फीसदी युवा पुरुष रतिक्रिया के दौरान पत्नी को सहवास का परम सुख नहीं दे पाते क्योंकि उनका वीर्य पटना होने से सेक्स के दौरान डालते ही 2 से 3 मिनिट में शुक्र यानि वीर्य डिस्चार्ज हो जाता है।
- 40 की उम्र वाले नामर्द लोगों में 61 फीसदी से ज्यादा सेक्स कमजोरी की दिक्कत होने से घरेलू विवाद बढ़ रहे हैं।
- अधिकांश पुरुष तुरंत फायदे के लिए अंग्रेजी मेडिसिन का इस्तेमाल कर एक दिन के किंग तो बन जाते हैं और बाद में लिंग बुरी तह ढीला हो जाती है।
- शीघ्र लाभकारी केमिकल युक्त दवाई सारे शरीर का लुब्रिकेंट खींचकर वीर्य के माध्यम से बाहर निकाल लेते हैं और फिर जोड़ों के दर्द, सूजन से पीड़ित हो जाते हैं।
- सेक्स पावर बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक माल्ट और कैप्सूल कम से कम 4 से 5 महीने लेना जरूरी है, ताकि नया रस, रक्त और वीर्य का निर्माण हो सके।
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अध्याय 2:
सेक्स से पुरुषों को कैसे फायदा होता है?
- सेक्स के फायदे जानकर दंग रह जायेंगे और जंग लगे शिथिल लिंग को ताकत देने के उपाय करने लगेंगे। बिना टैक्स चुकाए ये सेक्स आपकी बुद्धि की शुद्धि जड़ से कर देता है।
- रतिक्रिया में जितना फायदा दूध, दही ओर दुनिया की दवाई से नहीं होता, उससे अधिक लाभ बाई यानि स्त्री, पत्नी, प्रेमिका के साथ सेक्स करने से होता है।
- संभोग करने से दिनोदिन खूबसूरती बढ़ती है। अंदरूनी या गुप्त रोग नहीं सताते। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है।
- और पढ़ें: पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक औषधि
- सेक्स करने से पुरुषों को दिमागी रूप से जबरदस्त फायदा होता है। क्योंकि कामवासना से भरा व्यक्ति अंधा हो जाता है। बुजुर्ग कहते थे।
प्यार न देखे जात पात, काम न देखे टूटी खाट।
- संभोग यानि सेक्स वैवाहिक रिश्तों में गर्मजोशी लाने के साथ साथ सेहत के लिए भी इसके फायदे कम नहीं हैं। सेक्स के कुछ फायदे कई शोधों में पाए गए हैं।
- अमेरिकन मेडिकल जर्नल एसोसिएशन के हालिया शोध की मानें, तो नियमित सेक्स पुरुषों को मधुमेह, बीपी की समस्या, वात रोग और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे से बचाता है।
- शोधकर्ताओं की मानें तो जो पुरुष महीने में करीब 21 बार संभोग करते हैं, उनका वीर्य सड़ता नहीं है और न देह में बदबू पैदा होती है। प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, रिस्क काफी कम होता है।
दिल की बीमारी या ह्रदय घात से बचाता है रात का सेक्स
- नियमित सहवास करने वालों को कभी दिल के रोग नही सताते और न कभी इनका दिल टूटता है। क्योंकि समय पर बिल मिल जाए, तो चूहा भी शेर बन जाता है। हेल्दी लाइफ के लिए रोज सिल घर्षण यानि सेक्स के बड़े फायदे बताए हैं।
जवान बनाए रखने में सहायक
- पुरुषों के वीर्य यानि सीमेन में मौजूद हॉर्मोन यानी स्पर्मिसाइड रक्त की कोशिकाओं के क्षय की गति कम करता है। इससे शरीर लंबे समय तक फिट रहता है। चेहरे पर जल्दी झाइन्या नहीं पड़ती। झुर्रियों से बचाव होता है और आप लंबे समय तक युवा और जवां दिख सकते हैं।
इम्युनिटी में इजाफा
- नियमित सहवास करने रोगप्रतिरोधक क्षमता में विकास होता है। बॉडी का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इससे आपका शरीर सामान्य बीमारियों से निपटने में अधिक सक्षम होता है। जैसे- सामान्य सर्दी और बुखार।
गहरी नींद लाता है भरपूर सेक्स
- आपने देखा होगा की नींद न आने की समस्या केवल बुढ़ापे में ही ज्यादा होती है। जवानी में नित्य रतिक्रिया करने से भरपूर नींद आती है।
- सेक्स की प्रक्रिया के दौरान शरीर में ऑक्सीटोसिन और टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन बनते हैं जो तनाव, स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिजोल को कम करते हैं। तनाव के कारण नींद न आने की समस्या से जूझ रहे पुरुषों के लिए संभोग अत्यंत मददगार होता है।
मानसिक क्लेश, क्रोध, तनाव से निपटने में मदद
- अगर आप नोकरी, धंधे या अन्य काम और पारिवारिक समस्याओं के चलते तनाव में रहते हैं? तो इससे उबरने का सेक्स भी एक अच्छा जरिया हो सकता है।
- एक स्टडी के मुताबिक बेडरूम में ऐक्टिव रहने वाले लोग किसी भी दबाव से अच्छी तरह निपटने में सक्षम होते हैं। हड्डियां, मसल्स भी मजबूत होती हैं।
रोज सेक्स करने से बढ़ती है उम्र
- नियमित सेक्स करने वाले लोगों की आयु भी बढ़ती है। इसकी वजह यह है कि ऑर्गज्म पर पहुंचने पर डिहाइड्रोइपियानड्रोस्टीरोन हार्मोन रिलीज होता है।
- डिहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन (Dehydroepiandrosterone) शुष्क मुंह, सूखी आंखों और कमजोर हड्डियों का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। यह एक पूर्ववर्ती हार्मोन है इसका स्वयं पर कोई असर नहीं है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और टिशूज रिपेयर होते हैं।
और पढ़ें: सुस्ती महसूस करने से कैसे बचें
बढ़ता है ब्लड सर्कुलेशन
- सेक्स के दौरान हार्ट रेट बढ़ता है और इससे शरीर के सभी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है।
सिरदर्द भी होता है रफूचक्कर
- यदि आप सिरदर्द का हवाला देकर प्यार से बचते हैं तो ऐसा करना बंद कर दीजिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब ऑर्गज्म पर पहुंचते हैं तो शरीर में ऑक्सिटोसिन का स्तर 5 गुना तक बढ़ जाता है। यह शरीर में कई तरह के दर्द को खत्म करता है।
मोटापे रोकता है पर्याप्त सेक्स
- चर्बी, तोंद बढ़ने का समय शादी के 7 से 10 साल बाद शुरू होता है। पुरुष जैसे जैसे रतिक्रिया की मात्रा घटाता है। वैसे ही शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है।
- सेक्स यह न सिर्फ चर्बी जलाता है अर्थात फैट्स बर्न करता है बल्कि मांसपेशियों को भी लचीला और मजबूत बनाकर तन मन को फुर्तीला बनाने में सहायता करता है।
पुरुष यौन स्वास्थ्य चिंताएं
- भारत में लगभग 37 फीसदी पुरुष शीघ्रपतन, नपुंसकता के शिकार हैं और भविष्य में 74% पुरुष 45 से से 50 की उम्र में खल्लास हो जायेंगे।
- जब उनमें से अधिकांश नपुंसकता से पीड़ित होंगे। लेकिन कुछ लोग 60 साल या उससे अधिक उम्र में ही नपुंसक होने साथ साथ मृत्यु पथ पकड़ लेंगे।
- कामशास्त्र के अनुसार पोरुष दुर्बलता 60 से 70 की आयु के आसपास अपने शरीर में शारीरिक परिवर्तन शुरू होते हैं।
पुरुष यौन समस्याएं क्यों होती हैं?
- ध्यान रहे नामर्दी की समस्या, कमजोरी, नपुंसकता की मुख्य वजह वीर्य का पतले से आरंभ होती है और तुरंत शीघ्रपतन होने लगता है।
- लगातार मानसिक तनाव, चिंता के कारण उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा जैसे विकार पनपने लगते हैं और फिर हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और धूम्रपान जैसी शारीरिक समस्याएं इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकती हैं।
- दूसरी ओर, अवसाद, चिंताएं, तनाव, रिश्ते की समस्याएं और अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी यौन भावनाओं में हस्तक्षेप कर सकती हैं।
- स्थाई रूप से मर्द बनने और मर्दाना ताकत के लिए आयुर्वेद ही अपनाएं। मर्दाना ताकत बाहरी उपायों से नहीं आती।ज्यादा अंग्रेजी मेडिसिन लेने से यह समस्या और विकराल रूप धारण कर लेती है।
- जल्दी फायदा पहुंचाने वाली रसायनिक दवाएं गर्म होने से पित्त को दूषित कर पाचन तंत्र बिगाड़ देती हैं।
- यदि स्थाई रूप से मर्दाना ताकत पाने की कामना हो, तो केवल आयुर्वेदिक ओषधियां 4 से 8 महीने तक लगातार लेवें। अंदरूनी शक्ति दायक दवाएं ही कारगर है।
और पढ़ें: शीघ्रपतन के 13 कारण
- प्रत्येक पुरुष का 35 से 40 की आयु में शारीरिक क्षरण होने लगता है। नवीन वीर्य के उत्पादन में अवरोध होने से शीघ्रपतन जेसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
क्या कहता है आयुर्वेद ?
- उम्र बढ़ने के साथ साथ संभोग के प्रति अरुचि होने लगती है। अगर सेक्स में रूचि न रहे और कामेच्छा कम हो, तो यह भी यौन रोगों की तरफ एक संकेत है, जो चिंता का बड़ा कारण है।
- कुछ मुद्दे जैसे कम इरेक्शन, कम कामेच्छा, कम ताकत और सहनशक्ति, और कई अन्य समस्याएं पुरुषों के साथ होती हैं। इरेक्शन शरीर के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसलिए उचित कामुक जीवन होना आवश्यक है।
- यौन स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने से वैवाहिक जीवन में क्लेश व तनाव बना रहता है। यौन रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के साथ आत्मीयता घटने लगती है।
और पढ़ें: अश्वगंधा के बारे में जाने
- संबंध बिगड़ना, विवाह विच्छेद भी इसके लक्षण हो सकते हैं। शीघ्रपतन या वीर्यस्खलन में देरी यौन रोग ही हैं। इरेक्शन का अधिक देर तक रहना यौन रोगों में एक आपातकालीन स्थिति है, जिसका आयुर्वेदिक इलाज आवश्यक है।
- यौन विकार अथवा जन्नेंद्रीय गुप्त रोग मर्दों की ऐसी समस्याएं हैं, जिनके बारे में दूसरों को बताने में लोग शर्माते या हिचकते हैं। लेकिन, यौन रोग होना बहुत ही सामान्य है।
- महिला और पुरुष दोनों इन रोगों से पीड़ित हो सकते हैं। ऐसा भी माना गया है कि 5 पुरुषों में से एक यौन रोगों से पीड़ित होता ही है।
- आयुर्वेद के द्वारा गुप्त रोगों का का इलाज भी आसानी से हो सकता है लेकिन दवाएं लम्बे समय तक खाना अनिवार्य है। क्योंकि रस से रक्त बनता है। एक से धातु पुष्ट होती है और सप्तधातु की मजबूती वीर्य का निर्माण कर उसे गाढ़ा बनाकर शीघ्रपतन, लिंग शिथिलता मिटाती है।
नर का नाश करने वाली नपुंसकता
- नामर्दी एक ऐसा खतरनाक रोग है कि पुरुष ठीक से नाड़ा भी नहीं खोल पाते और उनका नगाड़ा बज जाता है। गाढ़ा वीर्य की जगह पतला पानी निकलकर पेनिस ढुल मूल हो जाता है और इन्हें अखाड़ा छोड़कर आड़ा होकर पड़े रहने से शर्मिंदा होना पड़ता है। फिर, सेक्स लाइफ का कबाड़ा हो जाता है। ऐसे पुरुषों की बीवियां नया सिंघाड़ा (गैर मर्द) की खोज में लग जाती हैं।
- वैवाहिक जीवन का सारा पहाड़ा सेक्स पर आधारित है और इसी से दिल दिमाग को रिलेक्स मिलता है।
- नपुंसकता का अर्थ है सम्भोग के लिए लिंग में कठोरता नहीं आना। पर्याप्त इरेक्शन का न होना या इरेक्शन को बनाये रखने में समस्या।
- कई पुरुषों को जीवन में कभी न कभी यह समस्या अवश्य होती है। यह समस्या अधिक उम्र के पुरुषों में बेहद सामान्य है। इसके कारण शारीरिक, मानसिक और साइकोलॉजिकल दोनों हो सकते हैं।
- जैसे पेट की लगातार खराबी, लिवर की कमजोरी, रोगप्रतिरोधक क्षमता में कमी, पाचन क्रिया ठीक न रहना, कब्ज बनी रहना आदि।
- यौन समस्या नामर्दी की एक वजह कोई पुरानी बीमारी, अधिक उम्र, अधिक दवाओं का सेवन, चिंता, तनाव, मानसिक अशांति और डिप्रेशन भी होता है।
- माधव निदान, अष्टांग हृदय के अनुसार तीन से 6 महीने आयुर्वेदिक उपचार से यौन स्वास्थ्य संबंधी चिंता से छुटकारा पाकर यह समस्या पूरी तरह तो ठीक हो जाती है। लेकिन दवा का उपयोग ज्यादा समय तक करते हुए कुछ परहेज जरूरी है।
सेक्स में रुचि कम होना या खो जाना
- कामवासना के प्रति अनिच्छा, सेक्स के दौरान बिना टैक्स चुकाए यानि वीर्य विसर्जन के थककर 100 जाना रतिक्रिया में रूचि कम हो जाना या बिना प्रतिक्रिया के खो जाना भी पुरुषों की बहुत सामान्य समस्या है। किंतु जानकारी के अभाव में वे ज्यादा चिंतित हों जाते हैं। इसका कोई मुख्य कारण भी नहीं होता।
- आयुर्वेदिक यौन चिकित्सा संग्रह के मुताबिक पुरुषों की कामेच्छा रिश्ते के सुधरने, अच्छा स्वास्थ्य, फिटनेस या आराम आदि से बढ़ सकती है।
- अपने पार्टनर को प्रसन्न रखे। उसे अपनी समस्या बता दें, ताकि वह भी आपकी मदद कर सके। कुछ लोगों में केवल बुद्धि भ्रम भय होने के कारण ठीक से सहवास नहीं कर पाते। जबकि कि पुरुषार्थ में कोई कमी नहीं होती। ऐसे मामले में पत्नी से सहयोग लेकर यौन स्वास्थ्य की चिंता से मुक्त हो सकते हैं।
तन के पतन और खाली बर्तन से शिथिलता, शीघ्रपतन
- पुरुषों को यौन रोग कोई असामान्य बीमारी नहीं है। इस समस्या का सामना भी जीवन में पुरुष कभी न कभी करते हैं।
- कम उम्र के पुरुषों में यह समस्या अधिक देखी जा सकती है। इसका कोई निश्चित समय नहीं है कि सेक्स के दौरान वीर्यस्खलन कब होना चाहिए।
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- लेकिन शीघ्रपतन उसे कहा जाता है जब सम्भोग के कुछ देर या सेकंड्स में ही वीर्यस्खलन हो जाए। हालांकि, कभी- कभी ऐसा होना चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर ऐसा नियमित रूप से हो तो यह बड़ी समस्या हो सकती है
- शीघ्रपतन की परेशानी एक या दिन या 4/6 महीने में नहीं आती। जब वात, कफ और पित्त कभी भी संतुलित नहीं रहता, तो पाचन बुरी तरह लड़खड़पुआने लगता है। इसी कारण नया रस, रक्त, धातु तथा वीर्य बनना रुक जाता है।
और पढ़ें: पुरुष स्वास्थ्य के लिए एक पूर्ण उपाय
पुरुषों में धात की बीमारी क्या है?
- धातु यानि वीर्य जब पेशाब के माध्यम से गिरने लगता है, तो इसे धात की बीमारी कहते हैं। मधुमेह रोगियों को यह समस्या ज्यादा होती है।
- धात की बीमारी में वीर्य पटना हो जाता है और पेशाब में चिकनाहट के रूप में गिरने लगता है।
- संभोग और यौन उत्तेजना के बिना किसी पुरुष में वीर्यपात होने की स्थिति को धातु रोग (Dhatu Rog) कहा जाता है।
- अनैच्छिक रूप से वीर्य निकलना या वीर्य का बहना पुरुषों में एक यौन समस्या है।
- धात गिरना ही धातु रोग कहलाता है। कुछ मामलों में कब्ज होने पर मल त्याग के समय मूत्र के साथ वीर्य निकलने लगता है।
आयुर्वेद में शुक्राणु बढ़ाने वाली दवाओं के सेवन से वीर्य गाढ़ा होने लगता है। जिससे धात गिरना बंद हो जाता है।
- धात गिरने की दिक्कत ज्यादातर 40 के बाद वाले पुरुषों को होती है। आयुर्वेद में सफेद मूसली, सहस्त्रवीर्या, असगंध, कोंच, तल्मखाना, विदाहिकांड त्रिकटु अमल की, हरितकी आदि का क्वाथ पिलाते हैं। यह बीमारी नामर्द बना सकती है।
- अष्टांग ह्रदय शास्त्र मुताबिक चालीस की आयु होते ही शरीर में कुपित वायु का प्रवेश होने लगता है।
- वात, पित्त और कफ के असंतुलन से शरीर में अनेक व्याधियां का आगमन हो जाता है। इस मामले में अनेकों मर्द, दर्द सहते हुए लापरवाही बरतते हैं।
- 40 के बाद ही शरीर को खाद यानि ताकत बढ़ाने वाली दवाओं, अवलेह या माल्ट, कैप्सूल की आवश्यकता पड़ती है।
- ताकि 50 में खल्लास न हो पाएं। 60 में भी खाट में स्त्री सुख भोग सकें। वैसे कुछ मर्द 70 तक भी बिस्तर गर्म करने की क्षमता रखते हैं।
- अगर सही समय पर इम्यूनिटी बूस्टर आयुर्वेदिक दवाएं लेते रहें, तो कभी खाली नहीं होंगे और हर रात घरवाली के साथ दिवाली मना सकते हैं।
वक्त पर खड़ा नहीं होता हो तो क्या करें?
- विशेष वक्त पर लिंग का सख्त होना बहुत जरूरी है अन्यथा तख्त पर लेटी महिला तुम्हारा दिमाग हिला देगी।
- आयुर्वेद की मान्यता है कि जब एक का संचार अवरूद्ध होता है, तो ऐसे पुरुष वक्त पर खड़ा करने से पहले लड़खड़ा जाते हैं, तो पलंग पर पड़ी पत्नी खिसियाकर एक घड़ा पानी अपने ऊपर उड़ेल लेती है।
- नया वीर्य नहीं बनेगा, तो सड़ा हुआ वीर्य लिंग को कमजोर और खराब कर देता है।
- आयुर्वेदिक दवाएं तीन से 6 माही ए लेने से नया वीर्य बनने लगता है और वीर्य गाढ़ा हो जाता है। फिर आप कम से कम 108 बार घर्षण करके एक घंटे सेक्स कर सकते हैं।
- शरीर में शुक्राणुओं की कमी होने से रोगप्रतिरोधक क्षमता बुरी तरह प्रभावित होकर क्षीण होने लगती है।
- अधिकांश मामलों में ऐसे लोगों का पकाना साफ नहीं होता। अंदर ही अंदर माल सड़ता रहता है और तन की सभी कोशिकाएं कठोर होने लगती हैं।
- चक्रदत्त चिकित्सा ग्रंथ के मुताबिक कमजोरी का कारण लिवर की कमजोरी और मेटाबॉलिज्म का असंतुलन बताया है।
- ऐसे लोगों का पाचन तंत्र पूरी तरह लड़खड़ा जाता है। भोजन नहीं पचता। नया वीर्य नहीं बनता आदि समस्या आए दिन पीड़ित कृति हैं।
- रक संहिता के हिसाब से इस तरह की परेशानी में 8 से 10 माह तक आयुर्वेदिक टॉनिक लेने का विधान बताया है और शुक्राणुओं को बढ़ाने वाले अवलेह/ माल्ट लेना लाभकारी होता है।
पुरुष यौन चिंताओं के प्रभाव
- पुरुषों मेंअक्सर यह देखा गया है कि पुरुष स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन के के कारण हीनभावना से भर जाते हैं और तनाव ग्रस्त होकर दिमागी रूप से कमजोर हो जाते हैं।
- मर्द के लिए आत्म-सम्मान की हानि और समग्र पुरुषत्व हीनता सबसे बड़ा अपमान होता है।
- अगर दूसरे शब्दों में स्पष्ट रूप से कहा जाए, तो जब पुरुष शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) से पीड़ित होते हैं, तो वे एक पुरुष की तरह कम महसूस करते हैं। वे स्वयं को पुरुषार्थी नहीं समझ पाते।
- सामान्य तौर पर पुरुष जब संतुष्टि दायक सहवास नहीं कृत पेट या बिस्तर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह दिमाग ब खुद पर बहुत ज्यादा दबाव डालने लगते हैं।
- वे अक्सर सेक्स संबंध के दौरान या डालते समय ऐसे अवसरों पर प्रदर्शन-विफलता का शिकार हो जाते हैं जब वे अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं होते हैं।
- अधिकांश रूप से देखा गया है कि पुरुष अपने इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के बीच आत्म-सम्मान की हानि मानकर पत्नी को शक की नजर से देखने लग जाते हैं। और हिंसक भी हो सकते हैं
अध्याय 4:
शीघ्रपतन, नपुंसकता का आयुर्वेदिक औषधि और इलाज है
- अधिकांश लोग तत्काल लाभ देने वाली दवाओं का इस्तेमाल करते हैं इससे उदर विकार बेशुमार बढ़ जाते हैं।
- सुश्रुत संहिता में स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी कामुकता वृद्धिकारक दी लेने से पूर्व पेट की शुद्धि का ध्यान रखें।
- आयुर्वेद के 5000 साल प्राचीन ग्रंथों का अवलोकन, अध्ययन, अनुसंधान कर एक ऐसी ओषधि बी फेराल गोल्ड माल्ट & कैप्सूल है, जो पेट की सभी बीमारी दूर कर पाचन तंत्र को पुष्ट बनाती है और पाचन रस, रक्त और वीर्य बनाने में अवरोधक समस्यायों का पूर्णतः निदान करती है।
- आयुर्वेद की 100 फीसदी ओषधि बी फेराल गोल्ड माल्ट 2-3 माह तक लेकर देखें। इसमें उपरोक्त जड़ी बूटी, रस भ्रमों के अलावा आमला मुरब्बा, सेव मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, गुलकंद का समावेश होने से ये पेट की सभी बीमारियों को ठीक करते हुए तब, मन का कायाकल्प कर देती है।
- बी फेराल गोल्ड माल्ट में एंटीऑक्सीडेंट आंवला मुरब्बा, उदर रोग हर हरड़ मुरब्बा, सेक्स बूस्टर छुआरा, कब्ज नाशक मुनक्का, गुलकंद आदि मिले हुए हैं।
- कब तक लेना चाहिए
- बी फेराल शुद्ध आयुर्वेदिक दवा है। यह देह के सारे सिस्टम को ठीक करने में कम से कम एक से तीन माह का समय लेती है। इसीलिए तीन माह से अधिक सेवन करें।
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- माल्ट के साथ बी फेराल गोल्ड कैप्सूल के साथ लेने से आपको 15 दिन में असर दिखने लगेगा। लेकिन स्थाई रूप से लंबे समय तक मर्दाना ताकत के लिए ये दोनों 100 फीसदी आयुर्वेदिक दवाएं कम से कम 3 माह तक लेना जरूरी है। आपको 5 साल तक के लिए पुरुषार्थ शक्ति की कमी नहीं होगी।
- BFeral में मिले अश्वगंध, शतावर, सफेद मूसली, कोंच बीज, शुद्ध शिलाजीत, गुगल, बंग भस्म, स्वर्ण माक्षिक भस्म, स्वर्ण भस्म, रजत भस्म, स्वर्णपत्री आदि शरीर को अंदरूनी ताकत देकर नयापन देती हैं और नवीन रस, रक्त, मज्ज़ा, अस्थि, धातु का निर्माण कर शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है। इससे वीर्य भी गाढ़ा होता है।
- बी फेराल में मिश्रित घटक शरीर की गंदगी को पूरी साफ कर देती है। मर्दाना तक पाने के लिए देह का डिटॉक्स होना जरूरी है। इसके कोई साइड इफेक भी नहीं है। साइड बेनिफिट अथाह हैं।
- आप आयुर्वेद पर पूर्ण भरोसा करके बेहिचक बी फेराल दोनो दवा, दूध के साथ ले सकते हैं।
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