आयुर्वेदिक ग्रन्थ आयुर्वेद सार संग्रह, अष्टाङ्ग ह्रदय, आयुर्वेद चंद्रोदय आदि किताबों में दांत-मसूड़ों को मजबूत बनाने के कुछ घरेलू उपाय बताएं हैं- जिन्हें आजमाकर देख सकते हैं।
निम्नलिखित ये 15 उपचार आपके दांतों को राहत दे सकते हैं।
【1】पेस्ट छोड़कर नीम, बबूल की दातुन करें।
【2】आयुर्वेदिक ओषधि युक्त डेन्ट की मंजन amrutam Dentkey manjan तनिष्का (अग्नितत्व) उंगली से करके 10 मिनिट बाद कुल्ला करें। अमरूद का खाली पेट सेवन करें।
【4】कब्ज न होने देंवें।
【5】पेट साफ नहीं रहता हो, तो
अमृतम टेबलेट की 1 या 2 गोली रात को सोते समय सादे जल से लेवें।
【7】सुबह फ्रेश होते समय अपने दांतों को अच्छी तरह भींच लेवें।
【8】मूत्र विसर्जन के समय दांतों को दबाकर रखें।
【9】मुख से श्वांस न लेवें।
【10】वादी की चीजें न खाएं।
【11】लिवर को शिथिल न होने दें।
【12】वात-पित्त-कफ को संतुलित रखें।
【13】दाँत भींच कर गहरी श्वांस लेवें और नाभि तक ले जाकर रोकें। फिर छोड़े। यह प्रयोग प्रतिदिन 100 बार करें।
【14】भोजन बहुत ही धीरे-धीरे, चबा चबाकर करें।
【15】सुबह उठते ही 2 से 3 ग्लास सादा जल पियें।
दांत-मसूढ़े में दर्द का कारण…
दांतो में दर्द होने के के कई कारण हो सकते हैं। कभी दांतों में कीड़े लग जाने की वजह से दर्द उठता है तो कभी मसूढ़ों में किसी तकलीफ की वजह से दांत दर्द करने लगते हैं।
कभी-कभी दांतो की जड़ें काफी ढीली हो जाती हैं। इस वजह से भी दांतों में असहनीय पीड़ा होती है।
ऐसी स्थिति में सही से ब्रश कर पाना काफी मुश्किल होता है और सांसों से बदबू आना भी शुरू हो जाता है।
जब हम कुछ खाते हैं तो कुछ हिस्सा दांतों पर ही रह जाता है. जैसे सब्जी का दांतों में फंस जाना आदि।
गर्म के बाद ठंडे खाना या पीना।
अधिक तम्बाकू का उपयोग।
यह चीजें दांतों में सड़न पैदा करती हैं।
जिससे दांत धीरे-धीरे कमजोर होते जाते हैं..
खाना खाने के बाद हम कुल्ला नहीं करते जिसकी वजह से दांत ठीक से सांफ नहीं हो पाते हैं!
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