श्री कृष्ण द्वारा बाल अवस्था में 2 वृक्षों को तोड़ने की क्या कहानी है ?

  • भगवान श्री कृष्ण ने जब मात को बहुत ही थकी हुई देखा तो कान्हा ने सोचा अब भक्ति के बंधन में बंध जाना चाहिए।
  • माँ ने उन्हें ऊखल में बांध दिया। अतः कान्हा ने सोचा कि माँ यशोदा कई जन्मों से मेरी भक्ति में लीन है, पुरानी भक्त हैं अतः इनमें बंध ही जाओ।
  • परमेश्वर कभी किसी से बंधता नहीं है और यदि विशेष भक्तिवश किसी भक्त के हाथों बंध भी जाते हैं तो किसी न किसी का उपकार ही करते है।
  • जिस स्थान पर कान्हा को बांधा गया वहीं यमुलार्जुन वृक्ष थे, उनके रूप में कुबेर के पुत्रों का उद्धार होना था। बालक कृष्ण ने सोचा कि इस ऊखल के साथ क्यों न इसका भी उद्धार कर दूं।
  • कुबेर के दोनों पुत्रों कूबर और मणिग्रीव को देवर्षि नारद ने इसी स्थान पर कान्हा द्वारा शापोद्धार का वरदान दिया था कि द्वापर में श्रीकृष्ण तुम्हे शाप मुक्त करेंगे।
  • तब तक तुम दोनों वृक्ष बनकर उस समय तक इनकी प्रतीक्षा करो। उन दोनों कुबेर पुत्रों के उद्धार हेतु भगवान ऊखल के साथ ही दोनों वृक्षों के बीच से निकले, तो ऊखल फंस गया और यमुलार्जुन वृक्ष तड़-तड़ाकर गिर पड़े।

“राधे राधे” या फिर “राधा राधा”, इनमें से कौन सा मंत्र है? के लिए Ashok Gupta का जवाब “राधे राधे” या फिर “राधा राधा”, इनमें से कौन सा मंत्र है? के लिए Ashok Gupta का जवाब

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