पेशाब के बारे में आयुर्वेदिक ग्रन्थों का यह ज्ञान आपका ध्यान केंद्रित करेगा।
ये १७ महत्वपूर्ण जानकारी आपका मार्गदर्शन करेंगी।
- रात को सोने से पहले पेशाब अवश्य करें।
- वैसे तो खड़े होकर पेशाब नहीं करनी चाहिए लेकिन आजकल ये अब मजबूरी बन चुका है।
- दूसरी बात ये है कि सबके शरीर से लोच खत्म होता जा रहा है, जिससे बैठकर पेशाब करने में बहुत तकलीफ होती है।
- आयुर्वेद सहिंता में मूत्र विसर्जन के कुछ नियम बताए हैं जिन्हें अपनाने से मधुमेह की समस्या कभी नहीं होती।
- पुरुष यदि बैठकर पेशाब करें, तो कभी भी यकृत और गुर्दे की बीमारी नहीं होती।
- कब कब करें पेशाब…. खाने यानी भोजन के तुरंत बाद पेशाब जरूर करें, इससे गुर्दा यानी किडनी खराब नहीं होगी।
- कभी लकवा नहीं मारेगा….ध्यान रखें स्नान से आधा घण्टे पहले ओर बाद में भूलकर भी पेशाब न करें अन्यथा पैरालाइसिस हो सकता है।
- बचपन में एक वैध जी के मुख से कुछ खास नियम सुने थे, जिसे आज भी पूरा परिवार अपनाकर पूर्णतः स्वस्थ्य है।
- आज भी हम वैद्य जी के बताए नियम और चल रहे हैं। वे आज इस दुनिया में नहीं हैं। उनको में नमन करती हूं।
- पेशाब के बेग को कभी रोकना नहीं चाहिए। पेशाब जब भी लगे तुरन्त करें और पेशाब करने बाद कुल्ला न करें अन्यथा फिर जल्दी पेशाब आने लगती है।
- जिन लोगों को रुक रुक पेशाब आती हो या किसी तरह की जलन आदि की समस्या हो, वे रोज एक गोली चंद्रप्रभा वटी की सुबह खाली पेट दूध के साथ लेवें।
- जब कभी ज्यादा तेल या बसा युक्त भोजन, पक्का खाना, पूड़ी-पराठे, कचौरी या मैदा, खमीर से बने पदार्थ सेवन करें, तो इन्हें खाने के एक घण्टे बाद बहुत पानी पिएं।
- हो सके, तो गर्म पानी पिएं।याद रहे सुबह उठते ही गर्म या गुनगुना पानी भूलकर भी न पिएं।
- मैने भी यूट्यूब पर एक वीडियो देखकर और गूगल पर पढ़कर सुबह खाली पेट गर्म पानी, नीबू पानी 2 से 3 महीने पीया, तो मुझे अनेक बीमारियों ने घेर लिया था।
- तब हमने अमृतम कम्पनी वालों से फोन लगाकर सही जानकारी पूछी, तो उन्होंने गर्म पानी केवल भोजन के एक घण्टे बाद पीने के लिए कहा और मुझे इससे अत्याधिक लाभ हुआ।
- अब मैं सुबह उठकर केवल सादा जल 2 ग्लास पीती हूं।अमृतम का स्किन की माल्ट Skinkey Malt का सेवन करती हूं, जिससे मेरी त्वचा में बहुत निखार आने लगा।
- कफ प्रकृति वाले किसी किसी को गर्म पानी से लाभ होता है। अगर अपनी तासीर के अनुसार फायदा हो रहा है, तो अच्छी बात है। हमने तो जैसा बुजुर्गों एवं वैद्यों से सुना ओर अपनाया वही लिखा है। इसमें किसी को ठेस नहीं पहुंचने चाहिए।
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