तनाव बढ़ने से दिमाग की रक्तनाड़ियाँ होने लगती हैं-मृत और आता है- अवसाद...या मनोरोग….
मनोचिकित्सक मानते हैं कि-
बार-बार असफल होने पर और
सफलता के लिए पर्याप्त प्रयास
न करने से उपजती है पराजय की
मानसिकता। यही है तनाव/टेंशन
तथा अवसाद/डिप्रेशन की वजह।
वर्तमान हालात भी जिम्मेदार…
कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव ने भी
मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से
मस्तिष्क को खंडित एवं प्रभावित
किया है। इसके चलते भी विश्व समुदाय
मनोवैज्ञानिक रूप से अनेक मनोविकारों
तथा मस्तिष्क की बीमारियों से या
तनाव-अवसाद से पीड़ित है।
अतः आयुर्वेद की पुरानी पुस्तकों में
तनाव मुक्त मेन्टल हेल्थ सुधारने के ये
13/तेरह तरीके आ सकते हैं – काम
ज्यादा टेंशन बीमार बनाता है–
तनाव यानि टेंशन/Tension के कारण
मस्तिष्क के अंदर रक्त वाहिकाओं में
रुकावट या दिमाग को खून न पहुंचने
अथवा सप्लाई बंद हो जाए, तो मस्तिष्क कोशिकाओं में ऑक्सीजन और पोषक
तत्वों की कमी होने से कुछ ही समय में मस्तिष्क की रक्त-रस कोशिकाएं मृत
होने लगती हैं और यही टेंशन बाद में अवसाद बन जाता है।
तनाव/टेंशन, डिप्रेशन की वजह….
दिनभर मोबाइल, इंटरनेट, टीवी,
कम्प्यूटरका लगातार अधिक उपयोग
से तनाव, आंखों में जलन, सिर में
भारीपन, अवसाद यानि डिप्रेशन लालपन जैसी तकलीफ उभर सकती हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन/WHO की रिपोर्ट मुताबिक दुनिया में बीमारियों के चलते
41% फीसदी लोग तनाव/टेंशन,
अवसाद/डिप्रेशन जैसे मनोविकार
के शिकार हैं, जिसमें महिलाएं अधिक
हैं। यह आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है। भविष्य में इस तरह की अनेक मनोरोगी समस्याओं से जुझने के कारण लोगों का रोजी रोटी का संकट खड़ा हो सकता है।
थोड़ा दिमाग पर भी ध्यान देवें...
दुनिया में ज्यादातर लोग देह की रक्षा
हेतु अर्थात अच्छी हेल्थ के लिए अनेक
उपाय करते हैं, परन्तु बुद्धि की जागृति
हेतु सदैव लापरवाही बरतते हैं। दुनिया
का हर इंसान दिमाग के कारण चल
रहा है। तेज-तर्रार बुद्धि के कारण वह
सम्माननीय है। लोग जिस दिमाग की
वजह से कमा-खा रहे हैं उस दिमाग
को कोई महत्व या खुराक नहीं देते।
अधिकांश लोग माइंड को मैनेज करने
के लिए कोई इलाज नहीं करते, जिससे
धीरे-धीरे याददाश्त कमजोर होने लगती है।
बुढापे में, तो यह 5 फीसदी से भी ज्यादा
काम नहीं करती।
आयुर्वेद से लें परम आनंद.…
आयुर्वेद में बुद्धि को खंडित होने से
बचाने वाली बहुत सी जड़ीबूटियों
जैसे-♀ ब्राह्मी, ♀ शंखपुष्पी, ♀ अगर,
♀ खुरासानी, ♀ जटामांसी, ♀ बादाम,
♀ मालकांगनी, ♀ गाय का देशी घी,
♀ बच, ♀ हरीतकी, ♀ सेव मुरब्बा,
♀ फालसेव, ♀ केशर, ♀ अश्वगंधा,
♀ सहस्त्रवीर्या आदि ऐसी ओषधियाँ
हैं, जो दिमाग को सदैव तरोताजा रखकर धारदार एवं तेज बनाती हैं।
उपरोक्त योग-घटकों से निर्मित
अमृतम का बेहतरीन उत्पाद
मस्तिष्क की सभी समस्याओं का
स्थाई समाधान है-
ब्रेनकी टेबलेट।
मस्तिष्क से काम का सम्बन्ध….
आयुर्वेदिक ग्रन्थों में वर्णित विचार के
अनुसार बुद्धि का सम्बन्ध सेक्स से भी
है। बुद्धि की शुद्धि फुद्दी से होती है!
यह पंजाब में एक कहावत है और फुद्दी
की पूर्ति यौनक्रीड़ा सेक्स से होती है।
कमजोर बुद्धि वाला व्यक्ति फुद्धि
की तृप्ति नहीं कर पाता अर्थात स्त्री
के साथ सन्तुष्टिदायक सेक्स नहीं कर
पाता।जो लोग सेक्स के चरमसीमा
तक नहीं जा पाते, वे अक्सर तनाव
में रहते हैं और कुछ समय बाद
अवसाद या डिप्रेशन से घिरने लगते हैं।
इसलिए हर आदमी को अपनी बुद्धिमण्डल
को शार्प बनाने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा लेनी चाहिए।
इन तीनों दवाओं को तीन से 6 महीने
तक नियमित लेते रहना चाहिए।
सेक्सुअल वीकनेस हो तो…
यदि कोई पुरुष शीघ्रपतन की समस्या
से परेशान हो, तो रात्रि में 1 से 2 कैप्सूल
दूध के साथ
3 महीने तक नियमित लेना हितकारी है।
अनेक प्रकार के टेंशन या तनाव की वजह…
¶~ पति-पत्नी के रिश्तों में दूरी,
¶~ आपसी कड़वाहट आदि।
¶~ रिश्तों में शक या अविश्वास,
¶~ जीवन साथी का ध्यान न रख पाना,
¶~ घरेलू झगड़े, क्लेश
¶~ पति-पत्नी द्वारा आपस में एक दूसरे
की भावनाओं की कदर न करना।
¶~ सेक्स में असंतुष्टि
¶~ वाणी का तीखापन, तीखी बातें।
¶~ रोग-बीमारियों का भय
¶~ खराब या बिगड़ता स्वास्थ्य
¶~ प्रियजन की मृत्यु,
¶~ अपमान, सम्मान पर चोट,
¶~ धन की लगातार हानि,
¶~ व्यापार चौपट हो जाना,
¶~ धंधे और परिवार की चिन्ता,
¶~ विवाह में देरी, इत्यादि अनेक
मामलों में स्वयं को असहज महसूस
करने से तनाव दिनोदिन बढ़ने से आखिर
में आदमी या औरत अवसाद की गाद
में गिरकर डिप्रेशन के इम्प्रेसन में
उलझकर फिर कभी बाहर नहीं
निकल पाते।
डिप्रेशन के ये हो सकते हैं लक्षण–
∆_ अचानक चिल्लाना, रोना
∆_ चिड़चिड़ाना, क्रोध।
∆_ बार-बार तेज प्यास लगना।
∆_ शिथिल प्रयास,
∆_ काम न करने का मन, उच्चाटन
∆_ श्वांस लेने की समस्या,
∆_ मांसपेशियों में अकड़न।
∆_ जोर जोर से रोना।
∆_ रात भर नींद न आना
∆_ बेचैनी बनी रहना
∆_ हाथ पैरों में ऐंठन।
∆_ भूख कम होते जाना।
तनाव मिटाने और मेन्टल हेल्थ बनाने
के लिए करें ये 13/तेरह उपाय.….
मन-मस्तिष्क को असंतुलन से बचाने से
लिए सबसे पहला प्रयत्न है-
{१} कसरत, मेहनत, शारीरिक श्रम।
{२} अभ्यंग अर्थात मालिश करना।
{३} योगा, प्राणायाम,
{४} पैदल चलना, दौड़ना-भागना
{५} समय पर जागना-सोना।
{६} पर्याप्त अच्छी-गहरी नींद लेना।
{७} रोज अध्ययन की आदत बनाएं
{८} नई गतिविधियों में काम में मन लगाए
{९} अकेलापन का एहसास न होने दें।
{१०} रोज एक घण्टे कसरत करें।
{११} सुबह नियमित घूमने जाएं।
{१२} सुबह की धूप में 30 मिनिट बैठें।
{१३} स्नान से पहले अभ्यंग करें।
यानि पूरे शरीर में अमृतम
काया की बॉडी मसाज तेल
की मालिश कर स्नान करें।
ब्रेन की गोल्ड माल्ट एवं टेबलेट
अपने भोजन में जोड़ें। यह आयुर्वेदिक ओषधि बॉडी व मेन्टल हेल्थ यानि मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ्य
बनाये रखती है।
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