Tag: आयुर्वेदिक चिकित्सा
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भूख, रस, रक्त और वीर्य एक साथ बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाई !!
चरक संहिता के अनुसार भूख वृद्धि के लिए यकृत का दुरुस्त होना बहुत आवश्यक है। आयुर्वेद के प्राचीन संहिता में यकृत को भुजा रूपी बताया है। मना जाता है कि भुजा से अधिक ताकत यकृत में होना चाहिए। ।।मम तू भुजौ (यकृत) एव प्रहर्णम्।। अर्थात मेरी तो भुजाएं ही प्रहार करने के लिए शास्त्र है।…
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जोड़ों का दर्द और सूजन की आयुर्वेदिक दवा !!
वृहत वात चिंतामणि रास स्वर्ण युक्त, योगेंद्र रास, शुद्ध शिलाजीत, एकांगवीर रस, शुद्ध कुचला, त्रिलोक चिंतामणि रास, हरड़ मुरब्बा, सहजना, दशमूल, बल पंचांग, अश्वगंध, शतावरी आदि आयुर्वेदिक औषधियां 88 वात रोगों को जड़ से दूर कर जोड़ों में नया रास ओर चिकनाई यानी लुब्रिकेंट तैयार करती हैं। आयुर्वेद के 5000 साल पुराने फ़ार्मूले से निर्मित…
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आयुर्वेदिक माल्ट, जो च्यवनप्राश की तरह होते हैं और विभिन्न रोगों को ठीक करते हैं
लाइफ टाइम ताकत के लिए अकेले 2 जून की रोटी खाने से, तन चितवन नहीं होता। तन का तारतम्य बनाये रखने के लिये कुछ प्राकृतिक ओषधियाँ एवं अमृतम गोल्ड माल्ट का भी सेवन जरूरी है। बहुत जल्दी शीघ्र व जीवन भर लाभ लेने तथा रोज-रोज के रोगों से मुक्ति के लिए एक अद्भुत अमृतम आयुर्वेदिक ओषधि,…
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सुबह यदि पेट साफ एक बार नहीं होता, बार बार जाना पड़ता है वॉशरूम, तो करें आयुर्वेदिक इलाज !
आज के समय में कब्ज के कारण हर कोई परेशान है। ज्यादातर लोगों को 2 से 3 बार फ्रेश होने जाना पड़ता है उसके बाद भी मल बंधकर नहीं आता, तो आपको रोज रात एक से दो गोली अमृतम टेबलेट की सादे जल से लेना शुरू के देना चाहिए। Amrutam टेबलेट पेट में सड़ रहे…
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नामर्द आदमी को मर्दाना ताकत पाने ने के लिए क्या करना चाहिए?
नपुंसकता की एक बड़ी वजह ये भी है स्त्री की योनि ढीली होने की वजह से भी सेक्स में संतुष्टि नहीं मिलती। यह दोष मर्दों के ऊपर लगता है की आदमी नामर्द है। यदि किसी को ढीली योनि को तंग या टाइट करना है, तो पीसीओडी की चिकित्सा सबसे पहले करना जरूरी है। जोश, जवानी…
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प्रसव के पश्चात योनि का ढीलापन केसे दूर करें। जाने आयुर्वेदिक इलाज
यदि किसी को ढीली योनि को तंग या टाइट करना है, तो पीसीओडी की चिकित्सा सबसे पहले करना जरूरी है। क्यों हो जाती है योनि ढीली जाने कारण गर्भाधान होने या संतान उत्पत्ति के बाद दशमूल क्वाथ, अजवायन आदि के धुएं के सेंक लेने से योनि में ढीलापन नहीं आता। आयुर्वेद की इस प्राचीन परंपरा…
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लिंग/पेनिस में बढ़ रहा है ढीलापन। युवा मर्द हैं परेशान, तो 3 माह तक लेवें ये ओषधियां!
आयुर्वेद सार संग्रह के अनुसआर वीर्य से ही मर्दों वीरता आती है। वीर्य अगर पतला हो जाए या कम मात्रा में निर्मित हो, तो शीघ्रपतन, लिंग की शिथिलता नपुंसकता आदि गुप्त रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में वीर्य की कमी होने से लिंग ढीला होने लगता है। अतः ऐसे कमजोर पुरुषों को…
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कामशक्ति बढ़ाने के उपाय :—-
श्वास, भोजन तथा निद्रा के बाद चौथा महत्त्व काम का है । निद्रा के बारे में अन्य स्थान पर बताया जा चुका है । यह पुस्तक कार्य के संसार से हमारे संबंधों की व्याख्या करती है। निन्द एक ऐसा विराम है जो अस्थायी रूप से सांसारिक गतिविधियों से हमें अलग कर देता है। यह पहले…
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नजला,साइनस,जुकाम का शर्तिया इलाज मिल गया है।जाने साइनस के लक्षण और इलाज…….
साइनस एक तरह से सर्दी-जुकाम की समस्या है। ये विकार पुराना होने पर नाक की छिद्र नलिकाओं में सूजन आने लगती है। आयुर्वेदिक शास्त्रों में इस नाक के रोग को प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद शास्त्र चरक, सुश्रुत सहिंता में भी साइनस या नजला यानी प्रतिश्याय को नव प्रतिश्याय (एक्यूट साइनुसाइटिस) और पक्व…
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पाचनतंत्र की मजबूती के लिए करें यह उपाय।
आयुर्वेद के नियमानुसार अगर जठराग्नि यानी पाचनतंत्र की अग्नि तेज या मजबूत रहेगी, उदर दीपन होगा, तो शरीर सदैव सब विकारों से बचा रहता है। भोजन के एक घण्टे बाद पानी पीने की आदत बनाये, तो बुढ़ापे या जीवनान्त तक पाचनतंत्र की अग्नि मजबूत बनी रहेगी। पाचन तंत्र की अग्नि को आयुर्वेद में जठराग्नि कहते…