Tag: आयुर्वेद
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आयुर्वेद के ये रहस्य दिमाग घुमा देंगे। जाने 200 से भी ज्यादा रोचक रहस्य की बातें
समय और प्रलय शिव की महानता महासागर के मंथन से अमृत निकला और उससे जड़ी बूटियां उत्पन्न हुई। संस्कृत के श्लोकों को पढ़कर लगता है कि आयुर्वेद महज ५००० साल पुरानी चिकित्सा पद्धति नहीं है अपितु अरबों वर्ष प्राचीन है। विश्व इस सच्चाई को माने या न माने। भगवान शिव का वरदान है आयुर्वेद कज्जल…
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आयुर्वेद की जोश, जवानी, ताकत और मर्दाना शक्ति बढ़ाने वाली दवाएं कौनसी हैं
आयुर्वेद के वाजीकरण अध्याय में लगभग 55 जड़ी बूटियां और 22 करीब रस, भस्म, शुद्ध घृत ओषधियां हैं, जो मृदानाशक्ति को बढ़ाने में मदद करती हैं। जड़ी बूटियों में शतावरी, अश्वगंधा, ताल मखाना, विलायती इमली, कोंच के बीज, मधुयाष्टि, सफेद मूसली, स्याह मूसली, गोखरू, आंवला, मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा आदि। रस भास्मो में स्वर्ण भस्म, बेस्ट…
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लिंग/पेनिस में बढ़ रहा है ढीलापन। युवा मर्द हैं परेशान, तो 3 माह तक लेवें ये ओषधियां!
आयुर्वेद सार संग्रह के अनुसआर वीर्य से ही मर्दों वीरता आती है। वीर्य अगर पतला हो जाए या कम मात्रा में निर्मित हो, तो शीघ्रपतन, लिंग की शिथिलता नपुंसकता आदि गुप्त रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में वीर्य की कमी होने से लिंग ढीला होने लगता है। अतः ऐसे कमजोर पुरुषों को…
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आयुर्वेद की किस विधि और नियम द्वारा रोगों को केसे ठीक करें!
ग्रहशान्तिपूर्वक चिकित्साग्रहेषु प्रतिकूलेषु नानुकूलं हि भेषजम्। ते भेषजानां वीर्याणि हरन्ति बलवन्त्यपि॥३२॥ प्रतिकृत्य ग्रहानादौ पश्चात् कुर्याच्चिकिसितम् ॥३३॥ अर्थात जिस रोगी के सूर्यादि ग्रह प्रतिकूल हों, उनमें औषधि प्रयोग लाभप्रद नहीं होता है, क्योंकि वे प्रतिकूल ग्रह औषधियों के अत्यन्त बलवती शक्ति का अपहरण कर लेती हैं। अतः सर्वप्रथम ग्रहशान्ति करा कर उन ग्रहों को अनुकूल करके…
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सिर में दर्द रहता है। क्या आप डिप्रेशन, डिमेंशिया, दिमागी परेशानी से भयभीत हैं, तो इस अध्यात्मिक ब्लॉग को पढ़िए!
सिरदर्द के कारण याददाश्त कमजोर होती है?तन तन्त्र का सीधा असर मानव मस्तिष्क पर होता है। इस कारण दिमाग की नाड़ियां या सेल क्रियाहीन होकर शिथिल होने से तन-मन विचलित होने लगता है। याददाश्त कमजोर हो जाती है । आरोग्य प्रकाश और आयुर्वेदिय क्रिया शरीर पुस्तकानुसार सिर ही सारी बीमारियों की जड़ है। रोग कोई भी हो, सर्वप्रथम…
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शरीर में फुर्ती लाने का सरल तरीका जाने |
आयुर्वेद में वात पित्त कफ को संतुलित करके शरीर को पूर्णतः निरोग बनाया जा सकता है। अमृतम ने आयुर्वेद के 5000 वर्ष प्राचीन पांडुलिपियों, ग्रंथों से उपाय खोजकर संस्कृत के क्लिष्ट श्लोकों को सरल भाषा में अनुवाद कर Amrutam Life Style नामक पुस्तक में संकलित किया है। जिसका अध्ययन कर आप तंदुरुस्ती के अनेकों त्रिकोण से अवगत हो सकते हैं। शरीर…
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कब्ज (कांस्टीपेशन) कैसे मिटाएं। जाने घरेलू देशी इलाज ||
आयुर्वेदिक इलाज़ पूरी तरह प्राकृतिक है जिसका आपके शरीर पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। इसके कोइवसाइद इफेक्ट नहीं होते। आयुर्वेद में आपको उन सभी रोग ठीक हो जाते हैं। जिनकी चिकित्सा एलॉपथी में भी नहीं है| जैसे: गर्दा यानि किडनी की खराबी के लिए एलॉपथी में डायलिसिस जैसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो कि…
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आयुर्वेद में ही आर्थराइटिस का शर्तिया इलाज है! अश्वगंधा, शिलाजीत, शतवारी, निर्गुंडी एवम गूगल आदि नाड़ियों को मुलायम कर नवीन रक्त रस का निर्माण करती हैं ||
इस शोध (रिसर्च) लेख को पढ़कर अप वातरोग यानि आर्थराइटिस को समझकर, निजात औरनिदान निकाल सकते हैं। वात विकार से दुनिया में मचा है -हाहाकार… आने वाले समय में 50 फीसदी से भी ज्यादालोग चलने फिरने में असमर्थ होंगे। क्योंकि लाइफ स्टाइल बिगड़ने से व्यक्ति भयंकर वात व्याधि से पीड़ित हो जायेगा। यह सब समस्या की वजह होगी, प्राणवायुका…
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आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति रोगों का नाश कर मानसिक शांति, तसल्ली भी प्रदान करती है…
आयुर्वेदिक चिकित्सा की लोकप्रियता देश में ही नहीं, विदेशों में भी बढ़ रही है। आज आयुर्वेदिक दवाओं के प्रति जन साधारण में विश्वास दिनों दिन बढ़ रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति कही जा सकती है। आयुर्वेद में फूल, पत्ती, वृक्षों तथा स्पर्श तक की चिकित्सा के उपाय सुझाये गये हैं। आयुर्वेद…
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आयुर्वेद में हैं रोग परीक्षा के ५००० साल पुराने सूत्र!
त्रिविधि रोग परीक्षा चरक ने तीन प्रकार से रोगों की परीक्षा करने का निर्देश किया है-प्राप्तोपदेश, प्रत्यक्ष तथा अनुमान। जिन्होंने पदार्थों के ज्ञातव्य विषयों का साक्षात्कार किया है, उनको प्राप्त (यथा ऋषि) कहते हैं उनके द्वारा रचित ग्रन्थ या वचन को प्राप्तोपदेश कहा जाता है। प्रत्येक विषय में पहले इसी प्रमाण के द्वारा ज्ञान प्राप्त…