Tag: Amrutam

  • नसों में सूजन हो, तो करें ये उपाय !

    नसों में सूजन हो, तो करें ये उपाय !

    शरीर में एक का संचार होने से नसें सूजने लगती है। इसका कारण है लंबे समय तक पेट की खराबी या कब्ज है। दूसरी वजह है कि वात प्रकोप के कारण खून गाढ़ा होने लगता है। वात के असंतुलन से भी नसों में सूजन आने लगती है। आयुर्वेद में ग्रेधसी रोग बताया है।आप निम्नलिखित दवाएं…

  • आंखों के लिए एक चमत्कारी माल्ट और नेत्र रोग नाशक दुर्लभ वैदिक मंत्र, जो 25 प्रकार के नेत्रदोष दूर करता है।

    आंखों के लिए एक चमत्कारी माल्ट और नेत्र रोग नाशक दुर्लभ वैदिक मंत्र, जो 25 प्रकार के नेत्रदोष दूर करता है।

    आंखों की रोशनी बढ़ाने में चमत्कारी हर्बल माल्ट नेत्रों का सम्पूर्ण उपचार करेगा!- आयुर्वेदिक ग्रन्थ रस-तन्त्र सार, !!- आयुर्वेद सार संग्रह !!!- भावप्रकाश निघण्टु !v- चरक सहिंता में वर्णित ओषधियों के उपयोग से अपनी आंखों की चिकित्सा घर बैठे कर सकते हैं। अब दूर तक देखो.… अमृतम आई की माल्ट की खास बात यह है कि इसका कोई भी दुष्प्रभाव या…

  • बहुत कम लोग जानते हैं-ॐ नमःशिवाय पंचाक्षर मन्त्र के चमत्कारी रहस्य और 26 फायदे

    बहुत कम लोग जानते हैं-ॐ नमःशिवाय पंचाक्षर मन्त्र के चमत्कारी रहस्य और 26 फायदे

    #वेद-पुराणों का हर शब्द अमॄतम# आपको हैरानी होगी यह जानकर कि– !!ॐ नमःशिवाय!! मन्त्र कीलित है। जब तक इसका उत्कीलन नहीं होगा यानि ताला नहीं खुलेगा, तब तक  यह मन्त्र अपना शुभ प्रभाव या  लाभ नहीं दिखा सकता। दूसरी बात इस ब्लॉग के जरिये जाने कि- कब, कैसे कितनी माला जपने से यह किस तरह, क्या कार्य…

  • ।। हर शब्द अमॄतम।।

    ।। हर शब्द अमॄतम।।

    दुर्गा सप्तशती में वर्णन है- “क्षुधा रूपेण संस्थिता…..” क्षुधा का अर्थ है-भूख यानि सभी को तन-वतन, मन-अमन की भूख बनी रहती है। ● शरीर की भूख है-भोजन ● मन की भूख है- सुख:सम्पन्नता ● बुद्धि की भूख है-ज्ञान:विज्ञान ● आत्मा की भूख है-मोक्ष:मुक्ति। इसलिये वेदों का उदघोष है…. असतो मा सदगमय तमसो म ज्योतिर्गमय.. हे सदाशिव! सन्सार का अंधकार मिटाकर…

  • काफी समय पूर्व लिखा गया यह लेख अमॄतम पत्रिका से साभार….. यह बहुत रोचक, ज्ञानवर्द्धक है।

    काफी समय पूर्व लिखा गया यह लेख अमॄतम पत्रिका से साभार….. यह बहुत रोचक, ज्ञानवर्द्धक है।

    भोलेनाथ ही राहु हैं। यह रुद्र रूप में विनाश, संहार कर्ता हैं और शिव रूप में करुणामयी होकर जगत का कल्याण कर सुख-सम्पनता देते हैं- जरूर सरसरी निगाह डाले एक बार  इस ब्लॉग में पड़ेंगे सब कुछ पहली दफ़ह ■ राहु-शनि का षष्टाष्टक  विश्व-विनाश के योग बना रहा है। ■ ज्योतिष के आईने में कोरोना। ■ राहु के…

  • तुम न सो जाना

    तुम न सो जाना

    अँधेरी रात में चन्दा निहारो तुम सो न जाना सजी तेरे लिए मुझको संवारो तुम न सो जाना किसी ने है पुकारा आ चली आ दिल डगर में बिठा कर आप मन में जान वारो तुम न सो जाना पसरता मौन चारों ही दिशाओं में सजनवा जब नयन के कोर में छिप कर इशारो तुम…

  • आयुर्वेदिक ओषधियाँ इम्युनिटी बूस्टर होने साथ ही रोगों का काम खत्म करने में कारगर होती हैं।

    आयुर्वेदिक ओषधियाँ इम्युनिटी बूस्टर होने साथ ही रोगों का काम खत्म करने में कारगर होती हैं।

    [responsivevoice_button] अमॄतम दवाएँ शरीर के सिस्टम को  पूरी तरह ठीक कर रोगप्रतिरोधक  क्षमता में वृद्धि करती हैं। बशर्ते इन्हें कम से कम 3 माह तक सेवन करें। स्वस्थ्य जीवन के लिए जागरूक बने- हमारा खान-पान ही हमारी जान है। जिसने भी खानपान पर ध्यान दिया, उनका खानदान भी सम्भल गया। तन के प्रति रत्तीभर रूसवाई ओर…

  • ज्योतिष के नजरिये से “स्वच्छ विश्व अभियान” है- कोरोना वायरस। शनि, राहु-केतु कारक हैं इस विनाश के….

    ज्योतिष के नजरिये से “स्वच्छ विश्व अभियान” है- कोरोना वायरस। शनि, राहु-केतु कारक हैं इस विनाश के….

    अमॄतम पत्रिका का यह पूरा लेख ज्ञानवर्द्धक है, जिसे पढ़कर ईश्वर के गणित और ग्रहों के खेल को समझने में सुविधा होगी…..  सदैव स्वस्थ्य-तन्दरुस्त रहने हेतु इस लेख में लिखी, लेखनी का  अनुसरण कर, नित्य सूर्य को नमन करें।   पूर्व में लिखे गए अमॄतम पत्रिका के  2000 से ज्यादा लेख रोग-शोक,  दुःख-दारिद्र, मिटाने में सहायक हैं।   …

  • कोरोना वायरस के लक्षण

    कोरोना वायरस के लक्षण

    [responsivevoice_button] अमॄतम पत्रिका का यह लेख  प्राचीन पुस्तकों, ग्रन्थ-पुराणों  एवं ज्योतिष शास्त्रों से संग्रहित  किया गया है- नये-नये वायरस संक्रमण। चीन में खतरनाक वायरस। कोरोना वायरस। Corona virus|china virus क्यों फैल रही हैं- कोरोना वायरस जैसी ये खतरनाक बीमारियां- आयुर्वेद के अगदतंत्र में इस तरह के मृत्यु दायक, मौत के मुख में  तुरन्त पहुंचाने वाली बीमारी या  संक्रमण/वायरस को विष/विषैला/ …

  • !!सत्यमेव जयते नानृतम!!

    [responsivevoice_button]          ★★★ ॐ ★★★ !!हर शब्द अमॄतम!!   जरा, होले-होले चलो मोरे सजना…. ये है, तो एक बहुत पुराना गीत, लेकिन इसमें जीवन का सार– जीवन के पार का रहस्य छुपा हुआ है:- अविलंबेन  संसिद्धो   मान्त्रिकैराप्यते  यशः! विलम्बे कर्मबाहुल्यमं   विख्याप्याSवाप्यते धनम् !! -सुभाषितरत्नाकर ग्रन्थ से साभार… इस श्लोक का अर्थ है- तन्त्र-मन्त्र-यंत्र यानि…