Tag: Vata Dosha
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Rediscovering Ayurveda with Shivangi Pathak
REDISCOVERING AYURVEDA Rediscovering Ayurveda is Amrutam’s series of blogs which will include various men and women and their ideas about Ayurveda. Even though, India is the birthplace of Ayurveda, with passing time it has lost its original importance as a school of life amongst Indians and many a time have been limited to be referred…
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विभिन्न वात-विकार के अन्य प्रकार | Different types of diseases associated with vata dosha-part 3
वात की घात सबसे पहले लात (पैरों) पर ही होती है । पैर कमजोर होकर चलने में भय लगता है । हम पिछले ब्लॉग (लेख) में 10 तरह की वातवायु के बारे में बता चुके हैं ।अब आगे पढ़िये विभिन्न वात-विकार के अन्य प्रकार – *(11) गुदागत वात वायु*– खुले में शौच, मल्ल त्याग और…
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वात को मारें लात,जब अमृतम हो साथ | Dealing with Vata Dosha with Amrutam- Part 3
*(८) कोष्टगत वातवायु* कोष्टाश्रित वायु के कुपित होने से विष्ठा (मल्ल) मूत्र का अवरोध होता है । ,अर्थात ये सब रुकते हैं । इस कारण वायुगोला,ह्रदय-रोग,बद, बवासीर और पसलियों में दर्द आदि सब लक्षण दृष्टिगोचर होते हैं ।
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अमृतम- वात-विकारों का काम खत्म | How to deal with diseases associated with Vata Dosha | Learn with Amrutam- Part 2
पिछले ब्लॉग में 5 प्रकार के वात के बारे में बताया । आगे अन्य और वातरोगों की चर्चा करेंगे *मज्जागत वात वायु* वायु दूषित होकर बाहर नहीं निकल पाती, तब यह मज्जा में स्थित होकर प्राणी पीड़ा से परेशान हो जाता है ।