Tag: Vatta Dosha
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वातविकार कितने प्रकार के होते है | Learn about vata dosha imbalances with Amrutam
वातविकार कितने प्रकार के होते है और उनके *लक्षण के बारे में पिछले ब्लॉग (लेख) से* आगे पढ़िए । अमृतम आयुर्वेद के अनुसार दवाइयों की संख्या, मात्रा कम से कम व सेवन विधि ज्यादा अधिक समय तक करने से शरीर में जीवनीय शक्ति क्षीण नहीं होती ।
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वात को लात | How to deal with diseases associated with Vatta Dosha | Learn with Amrutam
*वातविकार-, कैसे होता है तैयार* रूखे, ठंडे, कड़वे पदार्थो का लगातार सेवन तथा ज्यादा उपवास, क्रोध,शोक,दुःख,चिंता, तनाव, अनिद्रा, चिड़चिड़ाना,अत्यधिक परिश्रम, भूख न लगना, पेट की खराबी ओर पुरानी कब्जियत के कारण वात रोग हालत खराब कर देते हैं ।