हल्दी या हरिद्रा के 16 चमत्कारी फायदे हैं…
【१】भावप्रकाश एवं द्रव्यगुण विज्ञान आदि आयुर्वेदिक ग्रन्थों के अनुसार बहुत अल्प मात्रा
में हल्दी का रोज सेवन किया जाए, तो अनेकों तरह की एलर्जी से बचाव रहता है।
【२】नेत्र-मुख रोगों में हल्दी विशेष लाभदायक है।
【३】हल्दी को दरिद्र भी कहते हैं।
हरिद्रा शरीर की आद्रा यानी सर्दी-जुकाम, ठंडक को दूर करती है।
हल्दी हरेक रोग का हल करने के कारण ईश्वर ने हमें दी है।
【४】हल्दी खाने में जल्दी नहीं करना चाहिए।
केवल आधा ग्राम हल्दी गुनगुने दूध में मिलाकर बहुत आराम से पीना उचित रहता है।
हल्दी के बारे में एक पुरानी पुस्तक के इस पृष्ठ को पढ़े-
【५】हरिद्रा के सेवन से निद्रा अच्छी आती है।
हल्दी शरीर की अंदरूनी कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत में उपयोगी है।
【६】हरिद्रा से रक्तदोष दूर होते हैं।
त्वचा को चमकाने हेतु हल्दी बेसन, केसर के मिश्रण का उबटन किया जाता है।
यकृत की वृद्धि या लिवर की सूजन में इसका लेप किया जाता है।
【७】पाचनतंत्र की परेशानी मिटाती है।
रक्तनलिकाओं की शुद्धि कर रक्त संचार को सुचारू करती है।
【८】हल्दी गठिया, कर्कट रोग यानि कैंसर नाशक है।
【९】 कीटाणुओ तथा जीवाणुओं (बेक्टीरिया) के संक्रमण को पनपने नहीं देती।
【१९】बीपी का कम ज्यादा होना या उच्च रक्तचाप और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की तकलीफ में हितकारी है।
【११】हल्दी कफ़-वात शामक, पित्त रेचक व पित्त शामक है।
【१२】हल्दी रक्त स्तम्भन, मूत्र रोग, प्रमेह, त्वचा विकार की रक्षक है।
【१३】वात-पित्त-कफ़ को सन्तुलित करने में इसका प्रयोग बहुत लाभकारी है।
【१४】नाड़ी शूल के अतिरिक्त पाचन क्रिया के रोगों जैसे भोजन से अरुचि, भूख न लगना, विबंध, कमला, जलोधर तथा पेट के कीड़े मारने में कारगर है।
【१५】 हल्दी की अनेक किस्म हैं।
जैसे- काली हल्दी, आमाहल्दी , वन हरिद्रा आम्रगन्धि हल्दी, दारुहल्दी, आदि।
【१६】हल्दी के गुणकारी प्रभाव…
वैज्ञानिकों के अनुसन्धान अनुसार हल्दी में
¶~ एंटीऑक्सीडेंट, ¶~ एंटीइंफ्लेमेटरी, ¶~ केलोरेटिक,
¶~ एंटीमाइक्रोबियल, ¶~ एंटीसेप्टिक, ¶~ एंटी कैंसर, ¶~ एंटीट्यूमर,
¶~ हेपटोप्रोटेक्टिव अर्थात लिवर को सुरक्षित रखने वाला गुण,
¶~ कार्डियोप्रोटेक्टिव यानि दिल को सुरक्षित रखने वाली होती है।
ह्रदय को स्वस्थ्य बनाये रखने हेतु हल्दी एक दिन में 50 mg से अधिक न लेवें।
¶~ किडनी रक्षक मतलब नेफ्रोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं।
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