नेत्रों का सम्पूर्ण उपचार और पाएं….
१८-अट्ठारह परेशानियों से मुक्ति
कम दिखाई देना, लालिमा आना या
लाल आंख एक या दोनों आंखों में हो
सकती है इसके अनेक कारण हैं
जिनमें निम्न लक्षण सम्मिलित हैं-
【१】आंखों में सूजन
【२】कम दिखना
【३】माइग्रेन आधाशीशी का दर्द
【४】आंखों में लाली
【५】नेत्रों में थकान, तनाव
【६】आंखों में सूखापन यानि ड्राइनेस्स
【७】कम या साफ न दिखना
【८】आंखों का आना
【९】आंखों में नमी न होना।
【१०】 दूर या पास का न दिखना
【११】मोतियाबिंद की समस्या
【१२】आँखों में चिड़चिड़ाहट
【१३】आंखों में खुजली होना
【१४】आँखों में दर्द बने रहना
【१५】आंखों में निर्वहन
【१६】धुंधली दृष्टि
【१६】आँखों में बहुत पानी आना
【१८】प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
( Sensitivity to light )
आदि समस्याओं का अन्त, अब
100 प्रतिशत आयुर्वेदिक अवलेह
अमृतम आई की माल्ट से करें।
!- आयुर्वेदिक ग्रन्थ रस-तन्त्र सार,
!!- आयुर्वेद सार संग्रह
!!!- भावप्रकाश निघण्टु
!v- चरक सहिंता
में वर्णित ओषधियों के उपयोग से अपनी
आंखों की चिकित्सा घर बैठे कर सकते हैं।
अब दूर तक देखो.…
आई की माल्ट की खास बात यह है
कि इसका कोई भी दुष्प्रभाव या
साइड इफेक्ट [Side Effects]
नहीं है। यह पूर्णतः हानिकारक
प्रभाव से मुक्त है।
अमृतम आई की माल्ट तीन माह तक
लेकर आंखों की चमक, रोशनी बढ़ाएं।
आई की माल्ट पुतलियों को गीला
और साफ रखने में मदद करता है।
आंखों में खराबी के कारण जाने…
भाग्य जगाने के लिए रोज की भागमभाग
से आंखों में गन्दगी, कचरा एना स्वाभाविक
है। कम्प्यूटर, मोबाइल, टीवी की स्किन
लगातार देखते रहने से नेत्रों में लचिलापन
एवं नमी कम होती जाती है।
दूषित वातावरण तथा प्रदूषण के
कारण भी आंखों में जलन,
खुजली, थकान आदि से आंखों
की पुतलियों पर जोर पड़ता है।
अधिकांश लोग नेत्रों की सुरक्षा के लिए
रसायनिक आई ड्राप का उपयोग करते हैं।
यह केवल बाहरी उपचार है।
आंखों के अंदरूनी इलाज के लिए
आयुर्वेद में 55 से ज्यादा द्रव्यों का
वर्णन है। जैसे-
त्रिफला चूर्ण, त्रिफला मुरब्बा
त्रिफला घृत , ख़श, पुदीना,
तुलसी, गुलाब जल, ब्राह्मी,
जटामांसी, सप्तामृत लोह,
स्वर्णमाक्षिक भस्म, सेव मुरब्बा,
करौंदा मुरब्बा, गुडूची,
दारुहल्दी, गाजर मुरब्बा
त्रिफला काढ़ा, गुलकन्द
लोध्रा, मुलहठी, समुद्रफेन,
पुर्ननवा मूल, शतावरी,
नीम कोपल, अष्टवर्ग,
चोपचीनी, शहद,
स्वर्ण रोप्य भस्म-
स्वर्ण भस्म, ताम्र भस्म, लौह भस्म,
यशद भस्म, प्रवाल शंख, मुक्ति शुक्त,
सिंदूर बीज, फिटकरी भस्म, नोसादर,
कुचला, पिपरमेंट, नीलगिरी तेल, लौंग, दालचीनी, त्रिकटु चूर्ण, जटामांसी,
कुटकुटातत्वक भस्म, वंग भस्म,
शुध्हा गूगल बच, पीपरामूल, पोदीना सत्व,
पारद भस्म, सज्जिकाक्षर, चन्दन, जीरा,
ख़श ख़श, नागकेशर ओर बहुत कम मात्रा
में बेल मुरब्बा जामुन सिरका।
पेठा, जावित्री, जायफल अनार जूस,
ब्राह्मी, शतावर, विदारीकन्द, अदरक, मधु,इलायची, नागभस्म, ताम्र भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म ,प्रवाल भस्म
आदि 55 से अधिक ओषधियाँ नेत्र
चिकित्सा में लाभकारी है।
अमृतम लेकर आया है आपकी आंखों के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक ओषधि।
जिसमें अनेक तरह की जड़ीबूटियों के
अलावा, काढ़ा, क्वाथ, रस-भस्म, मेवा,
मुरब्बो का उपयोग किया है।
आई की माल्ट तनाव, धुंधुलापन,
आंख आना, आंखों में थकान,
पलको में सूजन, आंखों का किरकिरापन,
आंख आना, पानी आना,
सूजन, जलन, मोतियाबिंद आदि
सब समस्याओं से बचाता है।
अमृतम आई की माल्ट लेने से नयनों
की ज्योति तेज होती है।
यह नेत्र रोग के कारण होने वाला
आधाशीशी के दर्द से निजात दिलाता है।
आई की माल्ट शुद्ध आयुर्वेदिक दवा है
इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
इसमें मिलाया गया त्रिफला क्वाथ
नेत्र ज्योति बढ़ाने के साथ साथ
बालों को भी झड़ने से रोकता है।
आवलां मुरब्बा एंटीऑक्सीडेंट होने से
यह शरीर के सूक्ष्म नाडीयों को क्रियाशील
बनाता है।
गुलकन्द शरीर के ताप ओर पित्त को
सन्तुलित करती है।
लाल आँखें रहना…
लाल आंखें (या लाल आंख) एक ऐसी
स्थिति है जिसमें आंख की सफेद सतह
लाल हो जाती है या “रक्तमय” हो जाता है।
आई की माल्ट में मिश्रित ओषधियाँ
नेत्रों के सभी विकार हर लेती हैं।
नेत्र की सूक्ष्म रक्त नाड़ियों को बल
देकर दर्शन शक्ति को घटाने से रोकती हैं।
पैकिंग-400 ग्राम
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