भारत वह देश है जहां प्याज-लहसुन खाने से पाप लगता, लेकिन बेईमानी, छल-कपट, भृष्टाचार करने से पाप नहीं लगता।
!!पलाण्डु रक्षति, पल रक्षणे!!
प्याज अनेक रोगों से रक्षा करता है।
18 पुराणों में से एक गरुड़पुराण में प्याज का
पलाण्डुगुटिका
के नाम से पूरा एक अध्याय है। इसे भगवान के नैवेद्य में कभी अर्पित नहीं करते हैं क्योंकि इसकी तीखी तामस गन्ध से मन-बुद्धि, चित्त विचलित होने लगता है।
प्याज, कल और आज के सभी विकारों का नाशक है। जैसे-मधुमेह/डाइबिटीज, ग्रन्थि
जाने- प्याजकन्द के ४१ लाभ।
ध्यान देंवें– एक दिन में प्याज की मात्रा 100 से 150 ग्राम से अधिक नहीं लेना चाहिए और पेयाज का रस 10 से 15 मिलीलीटर तक ही लाभदायक होता है।
इस ब्लॉग में कोई भी जानकारी मनगढ़ंत नहीं, शास्त्रमतहै।
निम्नलिखित पुस्तकों से साभार या संग्रहित-
● भावप्रकाश निघण्टु लघु पृष्ठ-८२-८४
● भावप्रकाश वृहद पृष्ठ- 130-134
● आयुर्वेदिक निघण्टु पृष्ठ 147
● वणौषधि चन्द्रोदय,
● व्यावसायिक कृषिकरण
● भारत भैषज्य
● आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों के रहस्य
● आरोग्य अंक,
● भारत की चमत्कारी औषधीय सब्जियां,
● विषैली वनस्पतियों के गुण
आदि किताबों से प्याज के विषय में जानकारी जुटाई गई है।
दुनिया के दिलों पर करे, जो राज-
उसका नाम है प्याज…
प्याज भोजन को चटपटा व स्वादिष्ट बनाती है।
प्याज को संस्कृत भाषा में प्लाण्डु:, यवनेष्ट, दुर्गन्ध, मुखदूषक कहते हैं।
प्याज कफ, जीर्णज्वर, वात-वकार, स्त्री रोग नाशक एवं बाल-वीर्य वर्द्धक होती है।
यह एक चमत्कारी प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है। प्याज के लिए आयुर्वेदिक निघण्टु के हरितक्यादी वर्ग: में संस्कृत के एक श्लोक का वर्णन है- यथा
प्लाण्डुर्य्वनेष्टश्च दुर्गंधो मुखदुष्क:!
प्लाण्डुस्तु गुणैर्ज्ञेयो रसोनसदृशो बुधै:!!
स्वादु: पाके रसेऽतुष्ण: कफकृन्नातिपित्तल:!
हरते केवलं वातं बलवीर्यकरो गुरु:!!
अर्थात-रसोन की तरह गुणयुक्त। पाक व रस में मधुर, शीतल तथा कफकारक है अर्थात जिनको अस्थमा , दमा की शिकायत हो या कफ नहीं निकलता, सूखा गया है, उन्हें पेयाज का रस सौंफ गुड़ के साथ जरूर लेना चाहिए।
प्याज, पित्त को उत्पन्न नहीं होने देता।
बल-वीर्य की वृद्धि करता है।
प्याज की पहचान…
¶~ रसोन यानी लहसुन की तरह प्याज का क्षुप या पौधा भी 2 से 3 फिट ऊंचा होता है।
¶~ प्याज सदैव जमीन के अंदर कन्द रूप में नासिक के महाराष्ट्र में अधिक पैदा होती है।
¶~ प्याज के पत्ते गोल ऊपर से खोखले होते हैं।
¶~ बीच का ठंढल तीन फीट तक लम्बा होता है।
¶~ प्याज के पौधे के ऊपर बहुत बड़े आकार झुमकेदार सफेद पुष्प लगते हैं।
¶~ प्याज पौधे के नीचे 2 तरह के कन्द निकलते है।
¶~ छोटे सफेद कन्द को घोड़-प्याज तथा राजपलाण्डु और
¶~ बड़े को पटनहिया या क्षीर प्लाण्डु प्याज कहते हैं।
¶~ बड़ी प्याज में रस अधिक होता है। यह पिच्छिल एवं मधुर होता है।
ओषधार्थ व्यवहार…
प्याज का कन्द एवं क्वचित्पत्र।
प्याज सबका सरताज–
प्याज में सबका जी रम जाता है। इसे किसी भी तरह के खानपान, सब्जी, डाल में उपयोग किया जा सकता है। एक तरह से यह सह्रदय सब्जी है। दाल-भिंडी जैसी स्वार्थी नहीं होती प्याज।
किसी की प्याज काटना (दावँ-धुर करना) अथवा प्याज की सब्जी काटना एक अत्यंत परेशानी भरा काम है लेकिन प्याज से होने वाले फायदे इस तकलीफ को भुला देती है। रोगनिदान प्याज स्वास्थ्य और सुंदरता का खजाना है।
प्याज खाने-लगाने के 【४१】 खास फायदे…
【१】डायबिटीज, त्वचारोगों से लेकर पीरिड्स में उपयोगी होती है-प्याज!
【२】कच्चे प्याज के सेवन से गर्मी, लू नहीं लगती।
【३】कच्ची प्याज का इस्तेमाल उदर में पाचनतंत्र को ठीक करता है।
【४】प्याज से अनेक तरह के वातरोगों से राहत मिलती है।
【५】केवल कच्चे प्याज में नीबू, नमक मिलाकर खाने से शरीर का पित्तसांद्रव अर्थात कॉलेस्ट्रोल लेवल कंट्रोल में होता है।
【६】कीड़ा-मकौड़ा काट ले, तो प्याज का रस चुने में मिलाकर लगाने से जलन और दर्द में राहत मिलती है।
बालों का बेहतरीन इलाज है प्याज–
【७】प्याज का तेल बालों में लगाने से लाइलाज रोग पालित्य-खालित्य अर्थात बालों में कीड़े लगना रूसी आदि और खालित्य यानी गंजापन जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
【८】प्याज को पीसकर उसमें अलसी, मेथीदाना, लौंग का पावडर मिलाकर जड़ों में लगाकर सूखने दें, तो बालों में लीखें-जूं और बालों के झड़ने से छुटकारा मिलता है।
【९】बालों की असाध्य बीमारी मिटाने में करें एक महीने तक यह घरेलू उपाय–
200 मिलीलीटर प्याज का रस में कड़वा बादाम, सीताफल, लोकी बीज का रस, तोरई बीज का रस ओर धनिया रस पपीते का दूध समभाग मिलाकर दिन में 1 से 2 बार बालों की जड़ों में लगाएं।
विशेष-यदि घर में न बना सकें, तो अमृतम ओनियन ऑयल ऑनलाइन मंगवाएं।
【१०】प्याज के रस में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों के रोग मिटाते हैं।
【११】कच्चे प्याज के रस लगाने से बाल लंबे, काले और चमकदार होते हैं।
【१२】प्याज का इस्तेमाल ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करने में सहायक है।
【१३】नकसीर फूटने या नाक से खून आने पर प्याज के रस की दो-तीन बूंदे डालने से खून आना बंद हो जाता है।
【१४】प्याज को कंडे की आंच में भूजंकर सेंधानमक, दारुहल्दी के साथ खाने से
कैंसर से बचाव में भी सहायक होते हैं।
【१५】बराबर मात्रा में प्याज का रस, कालीमिर्च और मधु मिलाकर खाने से सर्दी-खांसी और बुखार दूर होता है।
【१६】कच्चा प्याज खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
【१७】इसकी गन्ध से कीटाणु नजदीक नहीं आते।
【१८】मुल्तानी मिट्टी में प्यास का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से पुराने मुहांसे या पिंपल्स ठीक होते हैं।
【१९】प्याज के रस में गुड़ गर्म कर चटनी खाने से वायुवेग कम होता है।
【२०】प्याज के रस में अजवायन, सौंफ, जीरा मिलाकर लेने से वायुविकार यानि गेस्ट्रिक प्रॉब्लम दूर होते हैं।
【२१】कम मात्रा में प्याज के सेवन से ह्रदयघात यानि हार्टअटैक का खतरा कम होता है।
【२२】प्याज खून को पतला करने वाली ओषधि है। आयुर्वेद में प्याज को नैचुरल ब्लड थिनर बताया है।
केवल महिलाएं ध्यान देंवें-
【२३】महिलाओं को पीरियड आने के 2 दिन पहले प्याज के रस में मूली एवं गाजर के बीज 1 से 2 ग्राम 10 मुनक्के तथा 10 ग्राम गुड़ मिलाकर 5 दिन नियमित सुबह खाली पेट लेने से माहवारी खुलकर आती है। पीसीओडी/PCOS जैसी तकलीफों का अंत हो जाता है।
【२४】10 ML, प्याज का रस, लहसुन रस 2 ML में सेंधानमक, नागकेशर, जायफल, जावित्री, लौंग, इलायची सभी समभाग 2 से 3 ग्राम लेवें, तो मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं से निजात पाने बहुत असरदार है।
【२५】प्याज में क्रोमियम पाया जाता है, जो
अन्य किसी भाजी-सब्जी में नहीं होता।
【२६】प्याज में प्राप्त क्रोमियम अनेक अंदरूनी रोगों का नाश करता है
【२७】प्याज को सलाद में खाने से मधुमेह या शुगर को कंट्रोल करने के साथ ही रक्तसंचरण भी नियमित करता है
【२८】प्याज के सेवन से पेशाब खुलकर और साफ आने लगती है। यह मूत्र की वृद्धि करता है।
【२९】जीरा, सौंफ, अजवायन तथा दालचीनी को प्याज रस और गुड़ के साथ उबालकर लेने से कब्ज दूर करता है।
【३०】पेयाज को अमोनिया, एपीकाकुआना, हिंगु, लोहबान के साथ जीर्ण कास (पुरानी खांसी), हुपिंग कास एवं अन्यान्य श्लेष्म-रोगों/कफ में पुराने समय के वैद्य देते थे।
【३१】तीव्र कास यानि ज्यादा खाँसी में टारटार एमेटिक के साथ प्रयोग करने से तत्काल लाभ मिलता है।
【३२】सेंधा, कालानमक के साथ प्याज खाने से पेट के रोग दूर होने लगते हैं।
【३३】प्याज श्वांस नलिकाओं की गंदगी दूर कर फेफड़ों को शुद्ध, साफ करता है।
【३४】बाजीकरण के लिए प्याज के रस में मधु व देशी घी मिलाकर लेने से लाभ होता है। सेक्सुअल कमजोरी मिटाने में यह श्रेष्ठ है। प्याज के बीज नपुंसकता दूर करते हैं।
【३५】जब ज्वर न हो, तब बच्चों व बुजुर्गों को इसका रस कफ निसा:रक होता है।
【३६】अर्श, बवासीर में प्याज के रस में समभाग मिश्री से साथ देना अत्यंत हितकारी रहता है।
【३७】प्याज को कूटकर इसमें जीरा, अजवायन, हल्दी, नमक एवं एलोवेरा की पुल्टिश बनाकर अर्श पर बांधने से मस्सों में आराम मिलता है। यह सूख भी जाते हैं।
【३८】मसूढ़ों की सूजन, दाँत में असहनीय दर्द में प्याज को नमक के साथ खिलाएं।
【३९】प्याज का क्वाथ आँतों की कमजोरी, अर्श, कमल, खून की कमी, गुदाभ्रंश आदि में उपयोगी है।
【४०】पेयाज को अच्छी तरह भुजंकर उसका पुल्टिश अधपके फोड़े, गांठे, कच्चा घाव, व्रण आदि पर लगाया जाता है।
【४१】विषैले कीड़े, बिच्छु के काटने पर पेयाज का रस जलन, दाह, वेदना कम करता है।
प्याज के अन्य भाषण में नाम…
भाषाभेद से नामभेद के मुताबिक इसे हिंदी में प्याज, पियाज कहते हैं। बंगाल में पेयाज, मराठी में कांदा, गुजराती में डूँगरी, कन्नड़ या कर्नाटक में- इरुल्ली, तेलगु में- यररूल्ली, फारसी में- प्याज़, तमिलनाडु में- इंटवंगाई। इंग्लिश में-
बल्ब ओनियन Bulb Onion।
लैटिन भाषा में- एलियम सेपा (Allium sepa)
प्याज का पदार्थ संग़ठन…
प्याज में सिलापिक्रिन, जो जल व तीक्ष्ण-सुरा होता है। दूसरा सिलामेरिन- तीक्ष्ण-सुरा एवं क्लोरोफार्म,और तीसरा सिलिनाइन तीक्ष्ण-सुरा में घुलनशील ये तीन पदार्थ मुख्य रहते हैं।
इसके अतिरिक्त प्याज में सिनिस्ट्रिन, शक्कर, म्यूसिलेज तथा खटीक के लवण और भस्म 3 फीसदी रहता है।
प्याज में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी-6, बी-कॉम्प्लेक्स और सी (C) भी पाया जाता है। प्याज में आयरन, फोलेट और पोटैशियम जैसे खनिज भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
प्याज छिलके के गुण…
इसके छिलके में क्वेसेंटिन (Quercetin) नामक पीत रकधक पदार्थ होता है। पेयाज कि कन्द में शर्करा होती है।
एक जंगली प्याज भी होती है जिसे निघन्टुकार ने कोलकन्द बताया है।
उसका वानस्पतिक नाम अर्जिनिया कण्डिका लिखा है।
एक और नाम भुई कांदा भी है।
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि प्याज़ की खेती तक़रीबन पाँच हज़ार साल से की जा रही है।
पुरानी हिंदी कहावत है-
नया-नया मुल्ला ज़्यादा प्याज़ खाता है!
चलते चलते यह पहेली भी बुझा लें कि–
प्याज का दो प्याज़ा किस बला का नाम है?
वह माँसाहारी व्यंजन जिसमें माँस से दोगुना प्याज़ डाला जाता है या दो तरह का (कच्चा हरा और पका लाल) प्याज़ इस्तेमाल होता है या पकाने के दौरान दो बार अलग-अलग वक्त पर प्याज़ पडता है.
अभी और भी शेष है।
पढ़े अमृतम पत्रिका देखें-amrutam
(प्याज के बारे में वैज्ञानिकों के विचार-)
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