- मंजिल तक पहुंचने से पहले ही गुमराह कर देते हैं लोग, इसलिए हर किसी रास्ता पूछना मुनासिब नहीं होता।आजकल ये चिकित्सक बच्चों की मालिश की भी मना करते हैं।
- जीवन में यदि सुखी रहना है, अपना दिमाग लगाएं किसी की बातों में न आएं।सब मूर्ख बना रहे हैं।
- एलोपैथी कम्पनियों के षड़यंत्र ही कुछ ऐसा है कि मीडिया में ऐसी जानकारी फैलाओ कि लोग बीमार हो सकें।जैसे अभी एक चलन चला रखा है कि गर्म पानी पीने से बहुत फायदे होते हैं जबकि सच्चाई यह है कि गर्म पानी केवल भोजन उपरांत एक घण्टे बाद पीने की सलाह आयुर्वेदिक ग्रन्थों में दी है।
- सुबह गर्म पानी असँख्य रोग पैदा करता है।हमारे हिसाब से 60 वर्ष की आयु से ज्यादा लोगों को दूध बहुत ही लाभदायक होता है।
- आयुर्वेद के मुताबिक बुढापे में दूध पीने से कब्ज नहीं होती। वातरोग नहीं सताते। हमारे पिता 81 वर्ष की आयु तक दूध पीते रहे।
- अतः किसी भ्रम में न पड़े। यदि कोई चीज आपको फायदेमंद है, तो उसे जरूर लेवें। सबके शरीर की तासीर अलग अलग होती है।
- पित्तदोष से पीड़ित लोगों को ठंडा दूध हितकारी रहता है।
- वातरोगियों को गुनगुना ओर कफ प्रकृति के लोगों को गर्म दूध में थोड़ी सी हल्दी करीब 20 mg मिलाकर पीना चाहिए। अष्टाङ्ग ह्रदय ग्रन्थ में ऐसा उल्लेख है। भिण्ड मुरैना के ग्रामीण क्षेत्रों की एक गन्दी पुरानी कहावत है
मांस खाये चर्बी बढ़े, घी खाये खोपड़ा।
दूध पियें, तो लिंग बढ़े, जो फाड़ डाले भोषडा”।।
इसका अर्थ न समझ आये, तो कमेंट कर पूछें।
- दूध-घी से ज्यादा अच्छी चीज दुनिया में दूसरी कोई बनी नहीं है। दूध से वीर्य की वृद्धि होती है। रक्त बढ़ता है। शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है। स्पर्म गाढ़ा होता है।
- दूध और देशी घी भी स्वयं में सर्वश्रेष्ठ ओषधियाँ हैं। आज की पीढ़ी इनका उपयोग कम करने के कारण अनेक रोगों से घिर रही है। मर्दाना ताकत में बढ़ोत्तरी के लिए दूध एक बेहतरीन चिकित्सा है और घी से शरीर में फुर्ती एवं लचीलापन बना रहता है।
- थायराइड की समस्या उत्पन्न ही नहीं होती। दूध-घी अगर पच जाए, तो यूरिक एसिड को सन्तुलित बनाये रखता है।
जाने दूध-घी के फायदे-
!!अमृतम पत्रिका की प्रस्तुति!!
- घी दिमाग को ताकत देता है। जोड़ों में लुब्रिकेशन बनाये रखता है। घी खाने से फुर्ती बनी रहती है। आँतों में रुखापन नहीं आता।
- दूध बिना परिश्रम, मेहनत के नहीं पचता, चाहें कर लो लाख उपाय…दूध के 26 खास रहस्य दूध पचाने के आयुर्वेद में अनेक प्रयोगों के वर्णन है।
- सुबह खाली पेट गुनगुना दूध पीकर एक घण्टे बाद 2 से 3 ग्लास पानी पिएं और फ्रेश होने जाने से उदर का पूरा दूषित मल साफ हो जाता है।
- 7 दिन यही प्रक्रिया अपनाएं, तो दूध पचने लगेगा।
- रात को दूध न पिएं क्योंकि रात का पिया हुआ दूध पचता नहीं है और मल का सड़ाता है।
- अम्लपित्त, गैस की अधिकांश समस्या की वजह रात्रि में दूध पीने से पैदा होती है।
- भारत में गाय, भैंस, बकरी का दूध औषधीय गुण से लबालब होता है। ।अति प्राचीनतम कालसे जाना जाता है। चिकित्सकीय दृष्टिकोणसे दूध बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह शरीर के लिये उच्च श्रेणी का खाद्य पदार्थ है।
- भोज्य पदार्थ के रूप में दूध एक महत्त्वपूर्ण आहार का विलक्षण समुच्चय है। दूध प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज, वसा, इन्जाइम तथा आयरन से युक्त होता है।
- दूध में प्रोटीन और कैलशियम तत्त्वोंका प्रसार होने से यह (दूधिया) अद्वितीय, अपारदर्शी होता है।
- मानव-जाति के लिये यह न सम्पूर्ण भोजन है। आयुर्वेदिक चिकित्सक सभी आयु-वर्ग के लिये इसे पौष्टिक भोजन के रूप में निम्न कारणों से सेवन करने का सुझाव देते हैं।
- प्रकृति में उपलब्ध द्रव्यों- पदार्थों में केवल दूधमें शुगर लैक्टोज (दुग्ध-शर्करा) निहित होता है।
- प्राणियोंमें नाडी-मण्डल एवं बुद्धिके विकासके लिये दुग्ध-शर्करा बहुत आवश्यक है।
- ऊर्जस्वी गतिशील शारीरिक क्रिया-कलापोंके लिये कार्बोहाइड्रेट आवश्यक होता है।
- शरीर में लाल रक्त-कोशिकाके संश्लेषण (समन्वय) एवं शारीरिक शक्तिके सुधार के लिये आयरन (लौह तत्त्व) आवश्यक होता है।
- दूध में उपलब्ध कैलशियम और फॉस्फोरस दाँतों और अस्थियों को मजबूत रखने में सहायक होते हैं।
- दूध में विटामिन ‘ए’ आँखकी रोशनी और त्वचा को स्वस्थ रखता है एवं कम्पन-रोगको हटाता है।
- दूध में विटामिन ‘बी’ नाड़ी-मण्डल एवं शरीर के विकास हेतु जरूरी है।
- दूध में विटामिन ‘सी’ शारीरिक रोगों के प्रति प्रतिरोधक शक्ति पैदा करता है।
- दूध में विटामिन ‘डी’ सुखण्डी-रोग से सुरक्षा प्रदान करता है।
- दूधके नियमित उपयोगकी अनुशंसा निम्र कारणोंसे भी की जाती है
- रात्रि में सोने से पहले एक कप गुनगुने दूध के साथ गुलकन्द का सेवन रक्तके नव-निर्माण में सहायक होता है एवं विषैले पदार्थों को निष्क्रिय करता है।
- प्रातःकाल हलके गरम दूधका सेवन पाचनक्रिया को संयोजित करने में सहायता करता है।
- गरम दूधमें मिस्त्री और काली मिर्च मिलाकर लेने से सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है।
- दूध में सबसे कम कोलेस्ट्रॉल (१४ मि०ग्रा०/१०० ग्रा०) होनेके कारण मधुमेह के रोगियों को वसारहित दूध सेवन की सलाह दी जाती है।
- उच्च रक्तचाप से पीडित व्यक्ति को प्रतिदिन २०० मि०ली० दूध (सिर्फ द्रव्य, पेयके रूपमें) पीने की सलाह दी जाती है।
- अग्निवर्धक व्रण (Peptic Ulcer)-के रोगियों के लिये दूध एक आदर्श आहार है।
- ५० मि०ली० ठंडे दूध में एक चम्मच चने का सत्तू दो-दो घंटे पर देने से पेट के अल्सर में शीघ्र ही लाभ हो जाता है।
- दुग्ध-सेवनसे सात्त्विक विचार, मानसिक शुद्धि एवं बौद्धिक विकास होता है।
मत्स्यमांसगुडमुद्गमुलकै: कुष्ठमावहती सेवितं पय: ।
शाकजांम्बवसुरादिसेवितं मारयत्यबुधमाशु सर्पवत।।
- अर्थात दूध के साथ मछली, मांस, गुड़, मुंग दाल, मूली, खाने से त्वचा के विवीध रोग उत्पन्न होते है। सब्जियां, जामुन, सूरा, मद्यजन्य पदार्थ, दुध के साथ लेने से तीव्र प्रकार की वेदना होती है कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है।
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